ब्राह्मण विरोध के नाम पर सनातन धर्म और संस्कृति के साथ क्या क्या षड्यंत्र हुए जानने के लिए पढ़ें पूरा आलेख


हिंदू समाज में एक ऐसा वर्ग हजारों वर्षों से रहा है उसे ब्राह्मण समाज से बहुत चिढ़ रहीं हैं वह वर्ग यह जानता है ब्राह्मण समाप्त हो गया तो सनातन धर्म समाप्त हो जाएगा इसलिए लगातार वह वर्ग हजारों वर्षों से ब्राह्मण समाज पर हमले कर रहे हैं उसकी शुरुआत  हिरण्यकश्यप से शुरू हुई थी उसने अपने राज्य यज्ञ और वेदो के पठन-पाठन पर रोक लगा दी थी उसके बाद यह सिलसिला जारी रहा है हर असुर ब्राह्मणो और उनके आश्रमों पर हमले करता रहा है क्योंकि इन लोगों दिक्कत है यज्ञ की आहूति से देवताओं को शक्ति मिलती है जो यज्ञ करवाने वाले ब्राह्मण समाप्त हो जाए या ब्रह्माण पतित हो जाए देवता शक्तिहीन हो जाएंगे इसलिए यह लोग ब्राह्मणो पर हजारों वर्षों से से प्रहार कर रहे हैं इसके लिए नये नये तरीके इजाद किया करते हैं यह लोग हर युग में मिल जाते हैं।

आधुनिक काल में ब्रह्माण विरोधी एजेंडा चलाने के पीछे कौन सी शक्तियां हैं

ब्राह्मण विरोधी एजेंडा की शुरुआत भारत में हजारों वर्षों पहले शुरू हो गई थी उसका भयानक रूप 18 वी सदी दिखाई दिया है जब भारत में अंग्रेज आए । क्योंकि भारत की गुरू कुल  शिक्षा प्रणाली को देखकर अंग्रेज भौंचक्के रह गए भारत की 99% आबादी शिक्षित और सभ्य थी 1850 में 7 लाख 32 हजार गुरू कुल काम कर रहे थे  यह व्यवस्था ऐसे चलतीं रही तो भारत को गुलाम बनाना संभव नहीं होगा इसलिए वैदिक शिक्षा पद्धति को ध्वस्त करने का प्रयास शुरू हुआ । 
गुरुकुल शिक्षा पद्धति को समाप्त करने के लिए  1858 में Indian Education Act बनाया गया। इसकी ड्राफ्टिंग ‘लोर्ड मैकाले’ ने की थी। यह कानून इसलिए लागू किया गया जिससे हिंदू समाज को मानसिक रूप से गुलाम बनाया जाए क्योंकि गुरूकुलो को कोई सरकार न राजा महाराजा चलाते थे गुरू कुल समाज सहयोग संचालित होते थे इसलिए राज किसी का रहा हो इसलिए विदेशी आक्रांता भारत को कभी गुलाम नहीं बना पाए अंग्रेजो ने भारत के जड़ पर प्रहार किया और वैदिक गुरु कुल व्यवस्था ध्वस्त कर दी । 

गुरूकुल व्यवस्था ध्वस्त करने का बाद ब्रह्माण समाज के खिलाफ Narrative युद्ध शुरू हुआ।

जब अंग्रेजों ने गुरूकुल व्यवस्था ध्वस्त कर दी पश्चिम के पैरामीटर के अनुसार भारत 99% आबादी अशिक्षित हो गई है वैदिक गुरु कुल व्यवस्था ध्वस्त होने के बाद अंग्रेजों ने पूरी शिक्षा व्यवस्था कमान अपने हाथों ले ली अंग्रेजो ने वैदिक धर्म ग्रंथों की व्याख्या अपने अनुसार शुरू कर दी भारतीय इतिहास को अपने पैरीमीटर लिखना शुरू कर दिया क्योंकि अंग्रेज को यह विश्वास नहीं हुआ  इतनी विकसित सभ्यता कोई कैसे हो सकतीं हैं हम इन पर लम्बे समय तक राज कैसे कर पाएंगे  ।   भारत के मूल निवासियों को नीचा दिखाने के लिए आर्य आक्रमण सिद्धांत दिया गया आर्यो को विदेशी बताया गया द्रविड़ और वनवासियो को मूलनिवासी बताया जाने लग गया  । इसके नाम पर समाजिक विभाजन की पृष्ठभूमि रखीं गई यह सिद्धांत मिथक सिद्ध हो चुका है फिर उस समय इस सिद्धांत के नाम ब्राह्मणो खिलाफ नफरत भरी जानी शुरू हो गई थी । अंग्रेजो के इस एजेंडा का साथ भारतीय दार्शनिक और विचारक और इतिहासकार  भी दे रहे थे जो आर्यो का मूल स्थान भारत मानने को तैयार नहीं थे  इसके नाम ब्राह्मणो के नरसंहार का षड़यंत्र हुआ आर्य आक्रमण सिद्धांत का प्रभाव उतर भारत पूर्वोत्तर भारत में नहीं हुआ दक्षिण भारत में इस सिद्धांत के नाम ब्राह्मणो के खिलाफ द्रविड़ समाज  को खड़ा कर दिया गया  द्रविड़ को मूल निवासी घोषित कर दिया गया इस कार्य अंग्रेजो का साथ एक पिट्ठू पेरियार नामक व्यक्ति दिया उसने ब्रह्माणो खिलाफ द्रविड़ो को भड़काया  दक्षिण भारत में ब्रह्माणो खिलाफ नफरत भर दी गई इसका प्रभाव स्वतंत्रता के बाद दक्षिण भारत की राजनीति। में आज दिखाई दे रहा है । फिर भी अंग्रेज आंशिक रूप से सफल हुए क्योंकि  भारतीय समाज ने आर्य आक्रमण सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया क्योंकि हिंदू समाज उतर दक्षिण तक सांस्कृतिक रूप से जुड़ा हुआ क्योंकि सबकी धार्मिक मान्यताएं एक समान थी ।  इसलिए अंग्रेज असफल हो गए फिर अंग्रेजों  ने एक शिगूफा छोड़ा दिया ब्राह्मणो ने अनुसूचित जाति अनुसूचित जातियों का 5 हजार वर्ष  शोषण कर रहे हैं ।  इसके लिए ऐतिहासिक तथ्य सामने लाने का प्रयास किया गया गया  इसके लिए अंग्रेजों ने मनुस्मृति समेत कुछ ग्रंथों  व्याख्या शुरू कर दी इस कार्य अंग्रेजो का साथ हमारे देश जय चंद्र भी देना शुरू कर दिए क्योंकि बौद्ध काल में हिंदू धर्मग्रंथों में बहुत मिलावट की गई थी।  इसके ऐतिहासिक प्रमाण मिलते हैं सम्राट विक्रमादित्य ने वैदिक धर्म ग्रंथों मिलावट करने पर प्रतिबंध लगा दिया था और यही कार्य 11 वी सदी सम्राट भोज ने किया था फिर बड़े पैमाने हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलावट की गई हमने पहले सुधारवादी आंदोलनों ने सनातन धर्म को बहुत नुक्सान पहुंचाया है  वाले लेख में विस्तृत रूप से विवरण दिया है कैसे हिंदू समाज में विकृतियों  ने स्थान लेना शुरू किया था इसका ऐतिहासिक प्रमाण भी दिया था  यह भी बताया था वर्ण व्यवस्था कभी जन्म के आधार पर नहीं थीं हमेशा कर्म आधार पर थी । फिर हिंदू समाज में उस काल खंड विकृतियां जो आई उसका सबसे बड़ा कारण यह था कि भारत  देश 800 वर्षों तक गुलाम रह था । जिसके कारण  जो जातियो  के पास हजारों वर्षों में पहले देश की 90% संपत्ति थी उद्योग धंधों पर उन्ही का अधिपत्य था वह जातियां अपना पारंपरिक काम करना छोड़ना शुरू कर दिया।  अंग्रेजो ने गुरू कुल व्यवस्था ध्वस्त करने के साथ भारत के अंदर कुटीर उद्योग लघु उद्योग हथकरघा उद्योग पारंपरिक उद्योगो नष्ट कर दिया उद्यमी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया था । जो वर्ण व्यवस्था आधरित थी सन् 1600 में जब अंग्रेज नहीं आए थे भारत योगदान दुनिया की जीडीपी में 30% हुआ करता था ।  जब 1947 में अंग्रेज भारत छोड़कर गए भारत योगदान दुनिया की  1% रह गया ।  एक शोध में पता चला है अंग्रेज भारत से 45 ट्रिलियन डॉलर लूटकर ले गए फिर अंग्रेज इतने चतुर थे अंग्रेजों ने  हिंदू जातियों को बताया ब्राह्मणो ने तुम्हारा शोषण किया । आज तुम्हारी जो स्थिति है उसके लिए ब्रह्माण दोषी है इसके लिए उन्होंने कुछ आपने गुलामो को खड़ा किया जो समाजिक सुधारवादी आंदोलन शुरू कर दिए उन्होंने ब्रह्माणो  खिलाफ मनुस्मृति  का नाम लेकर भड़काना शुरू कर दिए मैं उन अंग्रेजों गुलामों का नाम नहीं लेना चाहता है क्योंकि इस विवाद स्थिति उत्पन्न हो जाएगी उन्होंने लोगों ऐसी जातियां विभाजन आग लगाई जिससे आजतक बुझाया नहीं जा सका वह आग बुझाने की वजह 1989 में मंडल आयोग की सिफारिश लागू करके भड़का दिया गया उस रिपोर्ट के लागू होने के बाद जातिवादी राजनीतिक दल और नेता खड़े हो गए वह नेता समाजिक न्याय के नाम पर अपनी जातियों का भला करना शुरू कर दिए  लालू यादव मुलायम सिंह यादव ने अपनी जातियों का भला किया मायावती ने अपनी जातियों का चौधरी चरण सिंह चौधरी देवीलाल ने जाटों का हरियाणा में भला किया नीतीश कुमार ने कुशवाहा और कुर्मियों का भला किया मंडल कमीशन का लाभ कुछ ओबोसी जातियों को एससी आरक्षण का लाभ कुछ जातियों को मिला यही हाल एसटी आरक्षण का भी है क्योंकि इन जातियों में यह जातियां पहले दंबग थी । इसलिए आरक्षण का लाभ उठाया इन जातियों में जो गरीब थे उन्होंने भी लाभ नहीं मिला और इन जातियों के बाद अन्य 90% पिछड़े वर्ग अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति की जातियां बचीं उन्हें आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिला जिन्हें लाभ नहीं मिला है उन्हें इन नेताओं ने मनुवाद का मनुस्मृति के नाम ब्राह्मणो खिलाफ भड़काने काम शुरू कर दिया ब्राह्मणो शोषण करने वाला बताने का प्रयास किया इन जातियों के लोगों ने इनका झंडा भी उठाना शुरू कर दिया गैर यादव ओबोसी जातियों ने जातियों ने मुलायम सिंह यादव अखिलेश यादव से कभी नहीं पूछा आप क्यों ग़ैर यादव आज तक मुख्यमंत्री क्यो नही बनाया  ब्राह्मणो ने शोषण किया आप तो हमारे लिए लड़ाई लड़ने की बात करते हैं हमारे वर्ग व्यक्ति मुख्यमंत्री क्यो नही बनाया गैर जाटव एससी  जातियों ने  मायावती से यह प्रश्न कभी नहीं किया ब्राह्मणो ने शोषण किया हम मानते हैं आप ने गैर जाटव एससी वर्ग व्यक्ति मुख्यमंत्री क्यो नही बनाया यही प्रश्न गैर यादव ओबोसी जातियों गैर कुर्मी कुशवाहा जातियों ने लालू यादव ने नितीश कुमार से क्यों नहीं किया आप लोग हमारे लिए लड़ाई लड़ने की बात करते हैं आपने बेटे तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री क्यो बनाना चाहते हैं गैर यादव ओबोसी जाति में कोई नहीं है जिसे आप उप मुख्यमंत्री बना सके यही प्रश्न नीतीश कुमार से महादलित और गैर कुर्मी कुशवाहा जातियों को पूछनी चाहिए आप इतने समय मुख्यमंत्री है आप प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं आप तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार हैं महादलित वर्ग से या गैर गैर कुर्मी कुशवाहा जाति आलवा दूसरा व्यक्ति हैं जिसे आप मुख्यमंत्री बना सकते फिर क्यों नहीं बना रहे हैं । यही स्थिति दक्षिण भारत में है वहां भी कुछ ओबोसी एससी एसटी जातियों आरक्षण का लाभ मिला है यही स्थिति बंगाल की भी है पंजाब की भी है हर जगह है जो लोग कहते हैं हमारे यहां जाति विभाजन नहीं है वहां पर और गन्दे स्तर समाजिक विभाजन हैं फिर भी भारत की 90% पिछड़े वर्ग एससी एसटी वर्ग जातियां ब्राह्मणों को अपना शोषणकर्ता मानने लग गई है इनके नेता इन जातियों मुर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं  ।

ब्राह्मण विरोध की राजनीति अंग्रेजो फूट डालो राज करो की नीति तहत शुरू की थी स्वतंत्रता के बाद यहां नेताओं ने वामपंथी पार्टियों ने इसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया यह काम इसलिए आज तक किया जा रहा है क्योंकि इनके अनुसार तथाकथित शुद्र जातियां यह सत्य जान गई इनके रोजगार धन्धें छीनने वाले मुगल  अंग्रेज  थे  ब्राह्मणो ने इनका कभी शोषण नहीं किया है यह सब झूठ था यह सब हिंदू समाज को  जाति विभाजित करके सत्ता की मलाई चाटने के लिए हुआ था ।  इसलिए यह लोग सच बताएंगे इन लोगों की  दुकान बन्द हो जाएगी इसलिए इन लोगों ने पिछड़े वर्ग एससी एसटी जातियों को ब्राह्मणो खिलाफ भड़काने वर्षों प्रयास कर रहे हैं फिर भी यह सफल आज तक इसलिए नहीं हो पाए हिंदू समाज सांस्कृतिक और सामाजिक रूप इतना जुड़ा हुआ जितने भी षड़यंत्र हो जाए फिर हिंदू समाज को अलग नहीं किया जा सकता है इसलिए हम लोग को चाहिए तथाकथित समाजिक न्याय के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों की सच्चाई बताए कैसे ये लोग आपके नाम पर राजनीति करके मलाई खा रहे हैं आपको कुछ नहीं मिल रहा है इसलिए सारे जातिगत मतभेद भुलाकर राष्ट्र निर्माण सभी जातियां अपना योगदान दे सकें यह सबको प्रयास करना चाहिए खासकर ब्राह्मण समाज को प्रयास करना चाहिए तभी यह ब्राह्मण विरोधी सनातन विरोधी शक्तियों का हम  समाज के रूप संगठित होकर प्रतिकार कर पाएंगे नहीं तो भारत सनातन विरोधी शक्तियां इसका लाभ उठाकर 1947 जैसी स्थिति उत्पन्न कर सकती हैं हिंदू समाज के एक समूह को अपने साथ मिलाकर पाकिस्तान निर्माण किया था वैसे कर सकतीं हैं यही करने के लिए भारत विरोधी सनातन धर्म विरोधी इस्लामिक वामपंथी क्रिश्चियन मिशनरियां  जय भीम जय मीम ड्रामा कर रहीं कुछ आदिवासी संगठन अंग्रेजो बनाए कानूनो आधार हिंदू समाज से वनवासियों को अलग करने का प्रयास कर रहे हैं यह सब खुलेआम ये सब पता चलने के बाद हो रहा आर्य आक्रमण सिद्धांत मिथक था इसके तथ्य आज तक कही नहीं मिले राखीगढ़ी में मिले नर कंकाल की डीएनए सैंपलिंग के बाद यह 100% सिद्ध हो गया आर्य भारत के मूल निवासी थे फिर यह खेल ईसाई मिशनरियों के माध्यम और वामपंथी संगठन जोर शोर। से कर रहे हैं हम लोग आपस मे लड़ रहे हैं जो समाज सक्षम है जिसके पास संसाधन उस समाज सच बताने के लिए सामने आना चाहिए खासकर ब्राह्मण समाज को क्योंकि इस मुश्किल इस स्थिति ब्राह्मण समाज की अधिक जिम्मेदारी हो जाती है यह जिम्मेदारी समाज उठानी होगी भारत और सनातन  विरोधीयों को   सत्य तथ्यात्मक और तार्किक रूप बताने का प्रयास करना चाहिए  तभी भारत की एकता अखंडता अक्षुण्ण रख पाएंगे और हिंदू एकता स्थापित करके धर्म की पुनः स्थापना कर पाएंगे  । 

दीपक कुमार द्विवेदी

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