जाति व्यवस्था इतनी अच्छी थी कि मुसलमानों ने धर्म छोड़ दिया लेकिन जाति नहीं छोड़ी । ऊंच नीच ,अंग्रेजो ,संविधान और सरकार की देन

जाति का अर्थ है ज्ञाति। यह व्यवस्था आई थी ताकि एक पीढ़ी अपना ज्ञान हुनर अपनी अगली पीढ़ी को दे सके। जैसे एक सुनार जो कुछ सीखता था वह अपनी अगली पीढ़ी में tansfer कर देता था । इस एक व्यवस्था ने भारत को 1700 तक सोने की चिड़िया बना कर रखा । जाति व्यवस्था localization के अर्थव्यवस्था के मॉडल की उपज है । लेकिन अंग्रेजी राज आने के बाद अंग्रेजों ने चाणक्य का केंद्रीकरण का मॉडल थोप दिया । इस मॉडल के लागू होने में जाति व्यवस्था सबसे बड़ी बाधक थी इसलिए अंग्रेजो ने जनगणना करते समय उन्हें नीची और ऊंची जाति में बांट दिया ताकि हिंदू समाज को कमजोर कर उसको लूटा जा सके । फर्जी आजादी के बाद अंग्रेजी केंद्रीकरण की व्यवस्था संविधान के तले लागू कर दी गई । अब संविधान बताता है कि कौन नीचा है कौन ऊंचा । शास्त्रों में केवल वर्ण व्यवस्था है । संविधान और केंद्रीकृत व्यवस्था चाहती है कि हिंदू समाज कमजोर रहे इसलिए उनमें वर्ग संघर्ष करवाने के लिए उनको  sc st act , obc commission ,sc commission आदि में बांट रहा है । 

जाति व्यवस्था इतनी अच्छी थी कि मुसलमानों ने धर्म छोड़ दिया लेकिन जाति नहीं छोड़ी । ऊंच नीच ,अंग्रेजो ,संविधान और सरकार की देन है । 

पंजाब में बहुत ही अमीर जाति सुनार को नीची जाति में संविधान ने शामिल किया है । 10एके वर्ष पहले सुनार ऊंची जाति में संविधान ने रखे थे फिर उनको खींच कर संविधान पिछड़ी जाति में ले आया । ऊंच नीच संविधान और सरकार की देन है । अगर सरकार चाहती है कि ऊंच नीच समापत हो संविधान में ठीक करे। 


साभार
राजीव कुमार जी 

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