मात्र ताजमहल और कुतुबमीनार पर ही अपनी जिज्ञासा को मत रोकें क्योंकि वामियों ने इन दोनों वास्तुशिल्प के तेजोमहालय और विष्णुस्तम्भ के रूप में मान्यता को ही समाप्त कर दिया है।
सनातन संस्कृति के अमूल्य धरोहर को सहेज कर रखने वाले भग्नावशेषों देखना है तो हम्पी, कर्नाटक में देखें.!!
(चित्र-साभार)
हम्पी महान विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रही है।
मध्यकालीन युग में विश्व के सबसे विशाल नगर और आर्यावर्त का सबसे समृद्धशाली नगर का गौरव इसे प्राप्त रहा है।
विजयनगर साम्राज्य के नरेशों के लिए सनातन धर्म का स्थान सर्वोपरि रहा था।
उन्होंने सनातनी मन्दिरों और धर्मस्थलों की विस्तृत श्रृंखला का निर्माण किया था।
किन्तु, जैसा कि आर्यावर्त के अधिकांश भाग में सनातनी मन्दिरों और धर्मस्थलों के साथ हुआ है।
विधर्मी म्लेच्छ आक्रांताओं ने इस नगर को नष्ट-भ्रष्ट और ध्वस्त कर दिया।
आज भी भग्नावशेषों में उस गौरवशाली इतिहास की विजयगाथा सुना जा सकता है।
गौरवपूर्ण सनातन धरोहर जो विधर्मियों की गहरी घृणा और शत्रुता की भेंट चढ़ गया.!!
सनातनी पूर्वजों के परिश्रम, समर्पण और वास्तुशास्त्र के ज्ञान को नमन।
जय सनातन धर्म🙏🚩
जय महाकाल🙏🔱🚩
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