चलो माना कि यदि हमारा इतिहास केवल पौराणिक कथा है तो इन महान धरोहरों को कौन बना कर छोड़ दिए हैं.???

वामियों क्रिस्लामियों ने कैसे हमारे गौरवशाली प्रमाणिक इतिहास से ही हमें दूर कर दिया और इसके दूरगामी दुष्परिणाम  किस प्रकार आज हमारे सनातनी परंपरा संस्कृति को ही अजगर की भांति निगलता जा रहा है इसे देखते ही पीड़ा से मन विचलित हो उठता है।

उन्होंने हमारे शिक्षा व्यवस्था पर अधिकार कर लिया और अपने कुटिलता से शिक्षार्थियों के मतिष्क में अपने कुटिल खल कामी विचारों का बीजारोपण करता गया।

शनैः शनैः हमारी युवा पीढ़ी के विचारों को ही दूषित कर दिया।

आईए एक उदाहरण देखते हैं.....

उन्होंने कहा/पढ़ाया कि हमारे सभी ग्रन्थ मात्र पौराणिक कथाएं हैं।

इतिहास से इसका कोई संबंध नहीं है।

चलो माना कि यदि हमारा इतिहास केवल पौराणिक कथा है तो इन महान धरोहरों को कौन बना कर छोड़ दिए हैं.???

उस काल में तो.....

ना लेजर कटर था...

ना ही इलेक्ट्रोनिक ड्रिलर मशीन था....

ना ही ऑटोमेटिक रॉक कटर था....

ना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर था...

और 

ना ही कंप्यूटर ग्राफिक डिजाइनर...!

तो फिर इसकी परिकल्पना और निर्माण कार्य किन लोगों के द्वारा किए गए थे.??

हमारे पूर्वजों के शिल्प कला के निपुणता को देखिए, कितने कठिन परिश्रम से इस विग्रह के सूक्ष्म से सूक्ष्म आकृति को पूर्ण अलौकिकता से निर्मित किए हैं।

क्या यह केवल छेनी हथौड़ी से सम्भव है??

जैसा कि वामपंथियों ने लिखा और पढ़ाया...!

अवश्य ही चिंतन करें...!

आपका आज का चिंतन ही आने वाले पीढ़ी को विचारवान बनाने में सहायक होगा।

और आने वाली सनातन पीढ़ी वास्तविक सत्य इतिहास के लेखन में सक्रिय भूमिका निभाएगी।

श्री हरि नारायण विष्णु की अकल्पनीय प्रतिमा है यह।

यह श्री हरि की मूर्ति चेन्नाकेशवा मन्दिर, कर्नाटक में है।

अतुलनीय सनातन धरोहर...!!

जय सनातन धर्म 🙏🚩

जय श्री लक्ष्मीनारायण 🙏🌺🚩

जय महाकाल 🙏🔱🚩
#प्रेमझा

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