🔥सुबह की राम राम सभी सनातनियों को!
🔥मित्रों अक्सर ही प्रेतबाधा से पीड़ित व्यक्ति आते हैं मेरे पास!उनका उपचार करते वक्त अक्सर ही एक बिंदू कौंधता है मन मस्तिष्क में कि भाई फलाना प्रेत किन कारणों से इस व्यक्ति को परेशान कर रहा है?किस आकर्षण के चलते घुस आया इस घर या शरीर में?
🔥गहन पकड़ के उपरांत पता चलता है श्रीमान जी बस ऐसे ही खिंचे चले आए घर में!अगरबत्ती की घातक खुशबू फैली हुई थी और इसी को सूंघते हुए चले आए प्रेतराज!
चलो इस विषय में थोड़ा और घुसते है!99% मामलों में बांस युक्त अगरबत्ती का बड़ा योगदान निकलता है!चलो मैं इस बिंदू को भी थोड़ा छू लूं कि कहीं बांस से निकलने वाली लेड, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का तो इसमें हाथ नहीं?
🔥अब मैं तो छोटा सा व्यक्ति हूं अगरबत्ती में प्रयुक्त होने वाले वाले रसायनों पर रिसर्च करने वाला कोई वैज्ञानिक तो नहीं!
🔥तो मित्रों अपनी बुद्धि में इन स्टिक्स की खुशबू और बांस की कड़ियों से उत्पन्न होता घातक आकर्षण(मेल) मुझे सोचने पर मजबूर करता है कि बुरी आत्माओं ने फलाने व्यक्ति या घर को महज इसलिए चुना कि उनके प्रांगण या यूं कहो दीवाने खास में ये अगरबत्ती नाम की " चीज" जल रही थी!अब ध्यान दीजिए कि कब्र,मजार, जयारत जैसी जगहों पर केवल अगरबत्ती का ही यूज होता है!इसमें भी ध्यान देने वाली बात यह निकली कि बांस से बनी अगरबत्ती ही बुरी हवाओं के आकर्षित होने की वजह बनी!
🔥मेरा निजी अनुभव है कि हमारे सनातन में प्रयुक्त होने वाली धूप या हवन सामग्री से "बुरी हवा" बेतारह डरती हैं!लेकिन चूंकि बांस से बनी अगरबत्ती सस्ती भी पड़ती है और दस रुपए में ढेरों आती हैं सो हमारे सनातनी भाई बहन अनजाने में मुसीबत घर में ले आते हैं और बाद में किसी न किसी बुरी बला से पीड़ित हो जाते हैं!
🔥इस धतकर्म का रोचक पहलू और भी है कि हमारे भोलेपन का लाभ उठाने की गरज से अगरबत्ती का निर्माण करने वाली धूर्त कंपनियों ने बिना बांस की अगरबत्तियां मार्केट में उतारनी शुरू कर दी हैं और जो पैकेट 10 रुपए का होता था वही पैकेट अब 25 से 250 में उपलब्ध है!यानी आपका आकर्षण आपकी जेब पर 10 गुना भार डाल रहा है!अब लुटते रहो अपनी अज्ञानता के चलते!
🔥अरे भाई!अगरबत्ती नाम की बीमारी को घर में लाना ही क्यों है?घर में 100 रुपए की इलेक्ट्रिक कपूर दानी लाओ और उसमें 2 ग्राम कपूर रखकर जलाओ!फिर देखो घर भर कैसा महकता है और आक्सीजन भी भरपूर बनती है!पतंजलि,एम डी एच जैसी कंपनियां 75 रुपए की एक किलो धांसू हवन सामग्री बेच रही हैं लेकिन हमें वो नही लेना है!बस हमें तो अब्बाजान की कंपनी से बनी बांस की बनी अगरबत्ती खरीदनी है चाहे इस चक्कर में धन और स्वास्थ्य की कितनी भी हानि हो जाए?आप पड़ताल करेंगे तो पाएंगे कि अगरबत्ती बनाने वाली सौ में से 90 कंपनियां "उनकी" हैं यानी आप हजारों करोड़ रुपए प्रतिदिन उनकी जेबों में ठूंस रहे हो बेवजह!
🔥समझाना किशोर बाल्मिकी का काम है और समझना आपका!जय राम जी की❤️❤️
किशोर बाल्मिकी
8077748527
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