लोकतंटल की हूयी हत्या पर मेरी रिपोर्ट, पढ़े

साभार फाइल फोटो आजतक 

आज की सबसे ब्रेकिंग खबर है कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा, जी हां आपने सही सुना भारत में लोकतंत्र की हत्या कर दी गयी है| ऐसा कांग्रेस और उनके नितम्बो की छत्रसाया में पलने वाले इंटलेक्चुअल (इस शब्द का अपना गूढ़ रहस्य है) वामपंथियों का कहना है| गाली वाली बाई ने ट्वीट कर लिखा कि "लोकतंत्र की हत्या कर दी गयी है"| अब देखिए भाजपा और आईटी सेल के संघी ट्रोल पूछने लगे की सबूत है आपके पास, किसनी हत्या की है | तो इस पर गाली वाली बाई ने दाहिने हाथ से फोन पकड़ कर, अपनी जुल्फो को लहराते हुए, आंखो का क्षेत्रफल बढ़ाकर, अपने दोनो जबो में रखे हुए विक्टिम कार्ड एक साथ निकाल कर कहा " देखा आपने, देखा आराजकता| मुझे बोलने नहीं दिया जा रहा है, मेरी आवाज दबाई जा रही है| ये संघी ट्रोल मुझे शांत नहीं कर सकते| देखा कैसे लोकतंत्र की छाती में बैठकर, लोकतंत्र के गला को दबाया जा रहा है|" हालाकि ❤डे का फैक्ट चेकर ने फैक्ट चेक कर बताया की गले को दबाया नहीं असल में सहलाया जा रहा था| तभी धीरे से आवाज कर्णो को सुनाई देती है, ठोड़ा मौका तो दो, आपको शांति मिलेगी, लोकतंत्र हार जाए ऐसा नहीं हो सकता हम लड़ेंगे| और फैक्ट चेक करने पर पता चला की संसद में 'हरामी' जैसे पवित्र शब्दो का अविष्कार करने वाली, जिससे भाषा अलंकृत हो सके, हरामी हउआ जी की आवाज थी| जो अपना अनुभव बता रही थी गाली वाली बाई को| 

"संघियों द्वारा लोकतंत्र की हत्या करने के उपरांत ऐसे प्रश्न पूछे जाना लाजमी है| पर क्या सोंचा था लोगो को पता नहीं चलेगा| मैने अपने इन्ही नेत्रो से देखा है, अब कुछ संघी यह पूछ सकते हैं कि किन नेत्रों से| पर ये महत्वपूर्ण नहीं है| मैं आपको बता दूं," वह काली अंधेरी रात थी, चारो तरफ घना अंधेरा था, डरावनी आवाजे आ रही थी, मैं मोटर गाड़ी चलाकर दिल्ली के 10 जनपथ वाली गली से गुजर रहा था, तभी मैंने देखा की हड़प्पा कालीन तलवार लिए एक व्यक्ति, जिसके लम्बे लम्बे काले काले बाल थे, सफेद शर्ट और खाखी पैंट में खड़ा और और अपने पांच मित्रो के साथ लोकतंत्र की कालर पकड़ कर उसके गले को रेंत रहा था, और थहाके मारकर हंस रहा था| मै डर गया और तुगलक लेन वाले बंगले में आरामदायक एसी वाले कमरे में खुद को पाया|" और मैं पिछले महीने भय इसी स्टोरी की लाईने सबको सुना रहा हूं|" - आउल आंधी 

हलाकि भाजपा और संघी अत्यधिक परेशान दिख रहे हैं, उनके स्टार प्रचारक जो unfortunately एक संसद थे अब वह fortunately संसद नहीं रहे| यह खबर सुनकर उनका स्वघोषित मित्र होने के नाते मुझे पर्सनल बहुत ठेस पहुंची है| मैने कल से अन्न, जल का परित्याग किया हुआ है|

कांग्रेस के लोगो का कहना है कि ' गांधी परिवार के लिए सजा का अलग प्रावधान हो'| हलाकि आपको बता दे वह गलत नहीं हैं क्योंकि गांधियों में गांधी 1008 गांधी राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री क देश नहीं है, 30-40 करोड़ वोट पाकर प्रधानमंत्री अहंकार के मद में हैं| 
उनका मानना है कि भाजपा से आधे वोट भी न पाने वाला गांधी परिवार ही देश है| हलाकि कांग्रेसियों की माने तो गांधी परिवार देश से भी ऊपर है| तो आप समझिये| 

मनोरंजन है जरूरी, यह एक Sarcastic post hai. आनंद लें सीरियस न लें| 

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