जरा रुकते है, मार्च गुजरने ही वाला है तो पांथिक अलगाव के चलते "मार्च" महीने की हत्याये ही देख लेते है ।
2nd मार्च 1988 - Bhaiyan राजपुर में एक ही हिन्दू परिवार के 8 लोगो की हत्या
3rd मार्च 1988 - Kahri Sahri होशियारपुर में 32 हिन्दुओ की हत्या और 50 घायल
6th मार्च 1986 - कपूरथला में 13 हिन्दुओ की हत्या और 18 घायल
11 मार्च 1992 - हरकृष्णपुरा में 16 हिन्दू मजदुरो (बिहार) की हत्या ताकि खौफ दूर दूर तक जाए ।
15 मार्च 1992 - लुधियाना में 18 हिन्दुओ की हत्या
27 मार्च 1986 - अमृतसर नेता अर्जन मस्ताना और उसके बॉडीगॉर्ड की हत्या । छिटपुट घटनाओं में 5 लोग और मारे गए
28 मार्च 1986 - लुधियाना में खत्री नेता कृष्ण सूद और 32 लोगो की हत्या
29 मार्च 1986 - Mallian जालंधर में हिन्दू मजदूरों (बिहार) की हत्या
29 मार्च 1988 - bhate करतारपुर में 2 हिन्दुओ की हत्या
31 मार्च 1988 - Rajbah में एक राजपूत हिन्दू परिवार के 18 सदस्यों की हत्या ।
पर Narrative Master क्या राय रखते है इन 35000 हत्यायो की पीछे जिसमे 99% हिन्दू थे ?
गलती तो 24 कैरेट खरे हिन्दू की है - लेखक लोग
ये सब पाकिस्तान की साजिश है - नेता लोग
इधर हिन्दू लोग बेचारे खड़े है कुण्ठित से, पूछ रहे है कि हमने क्या गलती की ? और चूँकि इन narratives में हिन्दुओ पर ही आक्रमण है तो काफी हिन्दू आदतन मजे भी ले रहे है ।
#आश्चर्यजनक_किंतु_सत्य
#दिग्भ्रमित_समाज
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