पॉलिटिकल करेक्टनेस" (आगे PC) एक बढ़िया शब्द

SocialMediaCorrectness

"पॉलिटिकल करेक्टनेस" (आगे PC) एक बढ़िया शब्द है राजनेताओं के "सत्य से उलट व्यवहार" को जस्टिफाई करने के लिए । कुछ भी आशा के विपरीत कार्य करो तो वो इस शब्द के खोल में माफी पा जाता है और न भी हो पाए तो उसे "मास्टरस्ट्रोक" (आगे MS) नामक शब्द से भी जस्टिफाई करने का चलन है । चूंकि PC को कभी कभी फॉलोवर लोग गलत नजरिये से देख लेते है तो उसके लिए MS ज्यादा प्रयोग करने का चलन आ गया है ।

क्या आपने सोचा है कि स्वयं को धार्मिक सन्तो और राजनेताओं से ज्यादा ज्ञानी, चतुर और बड़े समझने वाले फेसबुकाधीश भी कुछ ऐसा ही खेला खेलते है इस पटल पर वो भी अपने भोले भाले फॉलोवर्स को भ्रमित करके । लाइक्स, कमैंट्स और शेयर की चाह में वो अक्सर स्वयं से सहमत न होते हुए भी वो लिखते है जिससे ज्यादा नाम हो या विवाद हो ।

इतिहास के चरित्रों पर पुस्तक लिखते लिखते अगर आप सबसे पुराने धर्म के आराध्यों को बदनाम करने की कोशिश करते है तो क्या विवाद नहीं होगा ? और विवाद नहीं होगा तो क्या बदनामी और ट्रॉल्लिंग नही होगी ? और अंततः बदनाम हुए तो क्या नाम नही होगा ? 🤔 बस यही तो खेला है ।

तो शिव जी के लिये अंड बंड लिख दो, शास्त्रों की बुराई कर दो, भागेश्वर धाम को T_ट्टी लिख दो, चालीसा को बाजारू कह दो, आदि आदि । और ज्यादा कुछ न मिले तो एक दो सवर्ण जातियों को उठाकर उन्हें बदनाम करना शुरू कर दो । विवाद खड़ा करो, ट्रॉल्लिंग करवाओ, विक्टिम बन जाओ और ज्यादा प्रसिद्धि पाओ ।

अगर इस पूरे व्यवहार को देखा जाए तो एक बहुत बढ़िया शब्द ध्यान में आता है और वो है Social Media Correctness (SMC). इसी "सोशल मीडिया करेक्टनेस" के चलते बड़के फेसबुकाधीश अपने लेखों और कमेंट्स की योजना बनाते है और ज्यादा से ज्यादा लाइक्स के पोटेंशियल वाले लेख ही लिखते है । ऐसा करते वक्त वो अपनी मान्यता और पसन्द को एक तरफ रख देते है और वो लिखते है जिससे वो पसन्द किये जा सके दोस्तो में भी और दुश्मनों में भी ।

इस लेखन के लिए वो नकली वर्ग सँघर्ष तक भी खोज लाते है । इसके लिए वो फर्जी कहानिया भी बनाते है और छोटी घटनाओं को राष्ट्रीय रूप देने से भी नही हिचकिचाते ।

SMC लेखन में कुछ बाते आप common देखेंगे ....

1. नकली वर्ग सँघर्ष पर लिखेंगे पर असल मे जो हो रहा है उस पर मौन रहेगा । 

2. फर्जी कहानियों के माध्यम से #हिन्दू_जीवन_मूल्य की आलोचना करेंगे । 

3. रोज रोज नया नया तुलनात्मक डिबेट चालू करेंगे जैसे #शास्त्र_vs_तर्क या #सनातन_vs_हिन्दू या #जन्मना_vs_कर्मणा आदि आदि जो भी मिल जाये जिससे समाज मे क्लेश को बढ़ावा मिले ।

4. "Call me Radhika not Madam" वाला स्टाइल युवाओं को सिखाने की कोशिश करेंगे ताकि युवा इन्हें लिबरल समझे दोस्त समझे और ज्यादा सहज अनुभव करें ।

5. विदेश के हर मूल्य की मार्केटिंग और अपनों की De-Branding

6. फेसबुकाधीश का अंदर से सपना तो है कि उनका स्वयं का लड़का अमेरिकन अंग्रेजी एक्सेंट के साथ साथ वैदिक मंत्रों का उच्चारण भी सीख ले । पर चूंकि ये हो नही पा रहा तो दूसरे पक्ष के विरोध में ही लिख देते है कि बच्चो को पूजा पाठ से दूर रक्खो । 

7. SMC के प्रभाव में मतभिन्नता के चलते भी एक गज्जब का निर्णय ये लोग लेते है कि चाहे कुछ हो जाये पर बड़े इंफ्लून्सर का इसीलिये विरोध नहीं करना क्योकि वो कभी न कभी तो हमे प्रमोट करेगा ही । 🤣 उदाहरण के रूप में, चालीसा प्रकरण में अंदर से बुरा सबको लगा पर विरोध इसीलिये नही करना कि भैया आगे काम आएंगे । उनकी SM रीच और राजनीतिक सामाजिक रीच बढ़िया है ।

8. ये कभी भी लव जिहाद, दंगे, धार्मिक हिंसा के विषयों पर जागरूक नही करेंगे । इनकी बंदूक की नाली का मुहँ कभी भी कोर एनेमी की तरह नही खुलता बल्कि ये अपने समाज में एनेमी क्रिएट कर देते है ताकि हिन्दू एकता का नारे तले कमाए गए फॉलोवर्स आपस मे लड़ते रहे ।

ऐसे सैकड़ो गुण है हमारे SMC फेसबुकाधीशो में ..... आगे जारी रहेगी श्रंखला ।

क्रमशः ......on SocialMediaCorrectness 

साभार
निखिलेश शांडिल्य जी 

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