वोक चंद्रचूण के वोक किस्से, भारतीय समाज की हत्या कर रहा वोक चंद्रचुड़


चन्द्रमूढ़ इससे पहले कह चुके हैं कि पत्नी के सेक्सुअल राईट्स पर पति का हक नहीं है, शादी के बाद पत्नी तय करेगी की उसे पति के साथ सम्बंध स्थापित करना है या किसी और के साथ| यह उसकी फंडामेंटल स्वतंत्रता है|

अब चंद्रमूढ़ जी, ये बताईए फिर शादी ही क्यूं कि बेहतर होता कि शादी ही नहीं करते कोई भी मिल जाएगा अगर आपको सेक्सुअल जरूरत ही पूरी करनी है वो भी किसी और के साथ| मैं कहता हूं कोई भी हो पुरूष या स्त्री, विवाह की रश्म ही इसीलिए हूयी थी कि अब सभी प्रकार की जरूरतो में वह एकदूसरे का साथ निभाएंगे| मैं कहता चाहे पुरूष हो अगर शादी के बाद किसी दूसरी स्त्री से सम्बंध स्थापित करता है तो वह गलत है इसे लीगल करना, समाज की हत्या करने के बराबर है| 



चंद्रमूढ़ के कई किस्से हैं, यह तो पुराना है अब मार्केट में नया आया है| अब सेम सेक्स मैरिज को लेकर मूढ़मति चंद्रमूढ़ अपने पर्सनल विचार सोसाईटी पर थोप रहा है| इस बार इसने कहा है - 
'आपका विशेष जननांग इस बात का घोतक नहीं है कि आप पुरूष हैं या महिला, यह कोई स्थिर कांसेप्ट नहीं, यह इससे उपर की बात है|' 

मतलब अगर आप अभी सुबह सुबह जगे हैं, और आप कह दे कि आप महिला टाईप महसूस कर रहें हैं तो आप महिला हो गये, कुर्सी महसूस करते हैं तो कुर्सी हो गये, भैंस महसूस करते हैं तो भैंस हो गये| 
चंद्रमूढ़ परम ज्ञाता हैं, कहने को तो लोग यह भी कहते हैं कि फार्म में जो सेक्स वाला कालम होता है उसमें एक बार इन्होने पुरुष/महिला की जगह '2 बार' भर दिया था|

कुछ लोगो को लगेगा कि आप क्या कह रहे हैं, अरे भाई बिल्कुल सही बात है, आप जो फील कर रहें हैं वह हो सकते है, यह इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आपका जननांग क्या है| 

जब मेरे गांव में कोई इस तरह की बात करता है तो उसे मानसिक रोगी माना जाता है, अप्राकृतिक सेक्स भी एक प्रकार की मानसिक बीमारी है ऐसे लोगो के साथ साथ पूरी संवेदनाएं है और मुझे लगता है ऐसे लोगो को प्रापर काउंसलिंग कराना चाहिए किसी अच्छे मनोचिकित्सक सेफ अगर चंद्रमूढ़ ऐसा महसूस करते हैं तो मुझे लगता है उन्हे प्रापर ईलाज की आवश्यकता है, किसी मनोचिकित्सक से मिले और अपना ईलाज करवाएं|

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