आज उत्तर प्रदेश में लिए ऐतिहासिक दिन है। आज का दिन स्पष्ट रूप से यह संदेश लेकर आया है कि उत्तर प्रदेश में माफिया राज नहीं चलेगा, नहीं चलेगा, नहीं चलेगा।


आज उत्तर प्रदेश में लिए ऐतिहासिक दिन है। आज का दिन स्पष्ट रूप से यह संदेश लेकर आया है कि उत्तर प्रदेश में माफिया राज नहीं चलेगा, नहीं चलेगा, नहीं चलेगा। 


माफियागिरी की है, कोई बात नहीं, गुंडई कर रखी है कोई बात नहीं, आराम से क़ानून का सामना करिए। यदि संगठित अपराध गिरोह चलाने की कोशिश की, समाज में संगठित अपराध करके ख़ौफ़ करने का प्रयास किया, सरकार के इक़बाल पर चोट पहुँचाने की कोशिश की, तो मृत्यु एक मात्र विकल्प है। 

इसी प्रकार बलात्कार एवं उसके उपरांत हत्या के मामले में भी सरकार ने सजा तय कर रखी है, केवल बलात्कार की स्थिति में केवल घुटने में गोली मारी जाएगी जबकि हत्या एवं बलात्कार में सीने में गोली लगेगी। अपहरण के मामले में भी सीधे सीने में गोली मारने की सज़ा तय हो चुकी है। यह बात भी सत्य है कि इस तरह के त्वरित न्याय में एक आध मामले गड़बड़ भी हो सकते हैं क्यूँकि न्यायालय को बाई पास करने पर कुछ न कुछ गड़बड़ी होने की आशंका हमेशा बनी रहती है और पुलिस को भी कहीं न कहीं एक निरंकुशता प्राप्त होती है लेकिन जो स्थिति समाजवादी पार्टी द्वारा पोषित गुंडों, माफ़ियाओं और जेहादियों ने की, उसमें यहीं सबसे उचित विकल्प उभर कर के आया है। 

समाजवादी पार्टी का शासन विशेष रूप से अखिलेश यादव का शासन उत्तर प्रदेश के माथे पर एक गंदा बदनुमा दाग है। जहां गुंडई करना, माफियागिरी करना, अपहरण करना एक सामान्य बात बन चुकी थी, बलात्कारियों को बचाने के लिए ख़ुद मुलायम सिंह यादव बयान देने सामने आ जाते थे। दंगा करना सपा में शक्ति प्रदर्शन का साधन बन चुका था। लोगों की ज़मीन क़ब्ज़ा कर उसको छोड़वाना समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का रोज़गार।जालीदार टोपी नियम क़ानून तोड़ने का लाइसेंस था। एक दिन में तीन चार जगह दंगे होना एक सामान्य बात थी। 

आज की कार्यवाई एक खुला स्पष्ट संदेश है उन सबके लिए जो समाज में भय बनाना चाहते हैं, लोगों को डराना चाहते हैं, अब ख़ुद तुमको डरना पड़ेगा, क़ायदे में रहना पड़ेगा, जेल तुम्हारे लिए एकमात्र सबसे सुरक्षित जगह होगी। यदि किसी के मन में जरा भी संदेह है कि समाजवादी पार्टी की वापसी हो सकती है तो वह मेरी यह बात याद रखें….
अब समाजवादी पार्टी कभी उत्तर प्रदेश में सत्ता में नहीं आएगी, नहीं आएगी, नहीं आएगी। 
या तो शरण में आ जाओ, वरना नैतिकता के साथ विपक्ष की भूमिका निभाओ, तीसरा कोई रास्ता नहीं है। 

डॉ भूपेन्द्र सिंह 
लोकसंस्कृति विज्ञानी

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