कंपनियों के हलाल आटे से कैसे बचें और सनातन अर्थव्यवस्था को कैसे बढ़ावा दे.

अगर हम अट्टा पिसवा लें तो वह अधिक से अधिक 20 दिन तक ख़राब नहीं होता | फिर इस पैकेट बंद आटे में कौन सा खतरनाक केमिकल मिलाया जाता की यह सालों साल ख़राब नहीं होता | यह खतरनाक रसायन तीनो समय के भोजन में हमारे शरीर के अन्दर जाता रहता है तभी आजकल सब थके थके से रहतें हैं |

 बासी रोटी खाए मुझे दस साल बीत गए, बचपन में हम बासी रोटी को बड़े चाव से खाते थे | आजकल बासी रोटी तो छोड़ो ताज़ी रोटी भी स्वाद नहीं लगती क्योकि बाज़ार में जो रेडीमेड अट्टा आता है उसमे जाने क्या क्या मिला देते हैं |फिर मुझे मेरे एक मित्र मिले उन्होंने मुझे अपना अट्टा खुद पिसवाने के लिए प्रेरित किया | बस फिर क्या था मैंने अपनी गेहूं खरीदी और सनातन देशी आटा चक्की से पिसवा ली | एक दिन रात को दो रोटी बच गयी मैंने उनको फ्रिज में रख दिया | सुबह उठ कर मुझे जब भूख लगी तो मुझे आईडिया आया क्यों ना आज बासी रोटी खाकर देखी जाये |

 मैंने कहीं पढ़ा था की कभी कभी बासी रोटी भी खानी चाहिए | मैंने तवे पर बसी रोटी गर्म की और देशी घी ,नमक मिर्च लगाकर खाना शुरू कर दिया | भगवान कसम बचपन का स्वाद फिर लौट आया | अब जब कभी बसी रोटी बच जाती हैं छोडता नहीं | उसके बाद से बाज़ार का गन्दा केमिकल युक्त गन्दा अट्टा कभी घर में नहीं आयेगा यह कसम खायी |आप भी पैकेट बंद रेडीमेड अट्टे को टाटा कर दें और अपना अट्टा पिसवा कर खाएं फिर देखें स्वाद

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