बंगाली हिन्दू नरंसहार क्रम : में16 मई 1971 हसमदिया नरसंहार

16 मई 1971 को, मेजर नवाज़ के नेतृत्व में पाकिस्तान सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी जेस्सोर छावनी से बोलमारी रेलवे स्टेशन पर पहुंची। उन्होंने शाह मोहम्मद अबू जफर के पैतृक आवास पर छापा मारा। ज़फर मुजीब बाहिनी के नेता और क्षेत्र में मुक्ति संग्राम के आयोजक थे, लेकिन वह इस समय वहां नहीं थे। ज़फ़र को पकड़ने में विफल रहने के बाद, अबुल कलाम आज़ाद के सहयोग से सेना ने हसमदिया, राजापुर, रामनगर, पोएल, श्रीनगर और मोयेंदिया गाँवों में हिंदू घरों पर छापा मारा और 32 बंगाली हिंदुओं सहित 33 लोगों को हिरासत में लिया। बंदियों को रामनगर गाँव ले जाया गया जहाँ उन्हें मार दिया गया। उन्होंने हसमदिया बाजार में भी आग लगा दी।

पीड़ितों को को इस बार भी आधिकारिक तौर पर राज्य (तथाकथित मुक्ति संग्राम के चलते हुए आज़ाद हुए मुल्क) द्वारा मान्यता नहीं दी गई थी। 42 साल बाद 2013 में शाह जफर टेक्निकल कॉलेज में पीड़ितों की याद में एक स्मारक बनाया गया है।

साभार
निखिलेश शांडिल्य जी 

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