गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का आधार स्तम्भ बनेगा नवनिर्मित संसद भवन, पीएम मोदी 28 मई को देश को करेंगे समर्पित




प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 को नवनिर्मित संसद भवन को देश को समर्पित करेंगे । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया है । 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी 28 मई को नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन करेंगे । संसद के नवनिर्मित भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी से भेंट कर उनसे इसका उद्घाटन करने का आग्रह किया था। लोकसभा तथा राज्यसभा ने पांच अगस्त, 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन की आधारशिला रखी गई थी । 
सूत्र एजेंसी


नवनिर्मित संसद भवन की क्या खासियत ?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा जीर्णोद्धार परियोजना के तहत बनाये नव निर्मित संसद भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। नया संसद भवन 64500 वर्ग फिट में निर्मित है नये भवन में 1224 सांसदों की बैठने की व्यवस्था है यह चार मंजिला इमारत है लोकसभा सभागार में 888 सांसदों की बैठने की क्षमता है राजसभा के सभागार में 384 सासंद बैठ सकते हैं त्रिकोणीय आकार में  बने संसद भवन का निर्माण 10 दिसंबर 2020 को शुरू हुआ था जो रिकार्ड समय में बनाकर तैयार हुआ है । 970 करोड़ की लागत से बने संसद भवन में तीन मुख्य द्वार हैं, जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। 

टाटा ने किया नये भवन का निर्माण का 

संसद के नये भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा। संसद के वर्तमान भवन का निर्माण 1927 में हुआ था। 


गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का आधार स्तम्भ बनेगा नव निर्मित संसद भवन  

हजार वर्ष की गुलामी को कालखंड कारण भारत के प्राचीन और वैभवशाली इतिहास को मिटाने का प्रयास किया गया। जिसके कारण भारतीय समाज में वर्षों हीन भावना भरी जा रही है जो कुछ इस देश में स्थापत्य कला भवन दिखाई पड़ते हैं । वह सब मुगलों और अंग्रेजों ने बनाया । जब मुग़ल अंग्रेज  भारत नहीं आए थे , भारत में एक सुई भी नहीं बनती थी । इस तरह का झूठ इतिहास पुस्तको से लेकर  हमारे नेताओं ने हमारे समाज से बार बार बोला जिसके कारण भारतीय समाज हीन भावना से ग्रस्त होता गया , भारतीय समाज को यह लगने लग गया हम कुछ नहीं बना सकते हैं । स्वतंत्रता के 70 वर्षों तक किसी सरकार यह याद नहीं आया की अंग्रेजो द्वारा बनाये गए इस भवन में हम क्यों बैठते हैं ? क्या हम अपना संसद भवन नहीं बना सकते हैं ?  फिर भी हमारी सरकारें गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के लिए कोई सार्थक प्रयास  नहीं किया गया ।  जिसके कारण भारतीय समाज हीन भावना अन्दर तक भर गई थी ‌।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी 15 अगस्त 2022 को पंच प्रण लिए थे उसमें एक प्रण था गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पीएम मोदी के प्रण साकार होने का आधार स्तम्भ नव निर्मित संसद भवन बनने जा रही है । 


जय श्री कृष्ण
दीपक कुमार द्विवेदी
प्रधान संपादक
जय सनातन भारत 


















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