कर्नाटक प्रभावी मठ हिन्दू विरोधी दलों और शक्तियों के साथ क्यों खड़े हो गए ? आइए समझे विस्तार से


कर्नाटक की मठ पॉलिटिक्स का जीता जागता उदाहरण देखो,, लिंगायतों का एक मठ अपने आप को अलग धर्म बनवाने के लिए राहुल गांधी को आशीर्वाद देता है,,, वोक्कलिगा के 2 मठ डीके शिवकुमार के बंगले में आए हुए हैं,,,, 2 मठ एचडी देवगौड़ा के यहां नतमस्तक हैं,,,, कुरुबा अनुयायियों के 2 मठ सिद्धारमैया के यहां दंडवत है,,,,, 1-2 मठों पर येदुरप्पा की पकड़ है… 

ये चुनावी प्रचार के दिनों की बात है योगी आदित्यनाथ ओल्ड मैसूरो रीजन जाते हैं,,, मुस्लिमों की अच्छी खासी संख्या और टीपू सुलतान के कट्टर अनुयाईओ वाला इलाका है,,, यहां योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय के मठ जाते हैं जो वोक्कलिगा समाज का महत्वपूर्ण तीर्थ है,, स्वयं योगी भी नाथ संप्रदाय से हैं तो बड़ी आशा लेकर जाते हैं,,, उन्होंने मठ के मठाधीश से कहा की कम से कम पाकिस्तान बनते जा रहे ओल्ड मैसूर जैसे क्षेत्रों में मुस्लिमों से मुकाबला करने के लिए लिंगायतों और वोक्का लिगा तथा अन्य जातियों को एकजुट रहना चाहिए,,, और इस बात पर विचार करने के लिए कहकर यूपी लौट आए,,,, उनकी ये यात्रा और मठाधीश से मिलना मीडिया में छपा,,, चर्चाएं छिड़ी,,, के लिंगायत और वोक्का लिगा समाज में टकराव क्या थम जाएगा?,,,,, योगी जी के यूपी पहुंचने की देर थी के तथाकथित मठाधीश फट पड़े,,, “हम योगी के साथ नहीं हैं” “सनातन के एजेंडा से हमें कुछ लेना देना नही है” के बयान दागने लगे,,, मठाधीश के इस बयान से मानो मैसूर संभाग के मुस्लिम नेताओं की बांछे खिल गईं,,,, और कांग्रेस ने भी राहत की सांस ली,,, 

• सो भैया लोग आप एक सच जान लो,, हमारे मठ, मठाधीश ये सब पैसों की मार हैं,,, जिसने पैसा फैंका ये उधर हो लेते हैं,,,, कर्नाटक एक आईना है आपके देश की 500 साल की गुलामी के कारणों का,,,, कर्नाटक में हिन्दू रियासतों को मिटाने चला टीपू सुलतान लाखों हिंदुओं की हत्या तो जरूर करता था लेकिन 1 मठ ऐसा रखा होता था उसने भी जिसके मठाधीश को अशरफियां पेश करता था,,, और तथाकथित मठों का उल्लेख आपको इतिहास में भी मिलेगा पढ़ लो,,,, मठों का उपयोग जनता को वर्गों में बांटने के लिए शुरू से होता आया है,, मुगल, अंग्रेज सब यह किया करते थे,,,,, सारे देश के हिंदुओं को काट दो बस एक मठ मठाधीश बाबा को हाथ में रखो जरूर। तथाकथित शंकराचार्य मठ का भी आशीर्वाद सोनिया गांधी पर आज भी है।

लाखों युवा हिन्दू, राष्ट्रवादी, देशभक्त इस देश के लिए खप गए,, लेकिन उनके किए कराए पर बलिदान पर पानी फेर देते हैं आपके ये चंद टुक्कड़ और टके टके पर बिकने वाले मठाधीश,,, जो आजकल तो AC के नीचे सोते हैं और 56 भोग खाते हैं।

इतिहास पढ़ लो इन्होंने कई उन पवित्र यज्ञों को बेचा हुआ है जो भारत माता के लालों ने देश की स्वतंत्रता और मुगलशाही समाप्त करने के लिए छेड़ा था।

अब भी समा है,,, आप अपने राष्ट्रभक्ति, राष्ट्रवाद, धर्म निष्ठा को इन मठों से स्वतंत्र रखो,,,,आप अपनी अलख समाज को अपने साथ लेके जगाओ,,,, और ये काम जबसे आप अकेले कर रहे हो बहुत बढ़िया कर रहे हो 10 वर्षों से,,, किसी लालची बाबा की जरूरत नहीं आपको,,, अपना धर्म और राष्ट्र इनके चरणों में मत रख देना भूले से भी,,, जिस दिन आपने ये गलती भूले से भी करी,,, ये तथाकथित मठाधीश आपके राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व को चंद टुकड़ों में बेच देंगे शत्रुओं को, क्योंकि ये नोटों की थैलियों पे मरने वाले बाबाओं की तादाद बहुत ज्यादा है,,, कोई कोई ही यहां सच्चा साधु, संत है। जो भी मठाधीश खुलकर हिन्दुत्व के लिए नही बोलता,, या हिन्दू पीढ़ित राज्यों में जाकर काम नहीं करता ऐसे मौन रहने वाले मठाधीशों से सावधान रहें,,, इनकी चुप्पी इनके बिके होने की गवाही देती है।

साभार
आर्यन ज़ी 

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