बेटियों को सशक्त बनना होग, शस्त्र धारण करना होगा, सशक्त बेटी ही समाज की उद्धारिका बनेगी

यह समाज मृत और नपुंसक है, ये सिर्फ फेसबुक, ट्विटर पर , सड़को पर मोमबत्ती लेकर सेखी बघारने वाला समाज है| एक बेटी को एक दरिंदा खुलेआम चाकुओं से गोदता रहा और ये नपुंसक और कायर समाज के चारो लोग वहां से गुछरते रहे, हांथ बांधे चुपचाप बिना प्रतिक्रिया के| 
हम सब सच में नामर्द हैं, कायर हैं| हम चलते फिरते मृत लोग हैं| हमें सिर्फ दौषारोपण करना है| हम पुलिस को, सरकार को सबको दोष देते हैं| घिन आती है, तुम्हारे समक्ष एक दरिंदा एक बहन को चाकुओं से बड़ी बेरहमी से गोद रहा है, और हम चुपचाप कायरो की भांति अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं| 
इस बहन के साथ दरिंदगी का दोषी केवल वह जेहादी नहीं हम और आप सब लोग हैं| उसका तो काम है, दरिंदगी करना, मजहबी शिक्षा से प्रेणित है वो पर अधर्मी का वध हमारा भी तो दायित्व है,हमारा भी तो कर्तव्य है, रक्षा करना| 
क्या आपकी जिम्मेदारी टीवी पर बयान देने, पुलिस को गरियाने, सरकार को जिम्मेदार ठहराने, मोमबत्तियां लेकर सड़को पर निकलने भर से समाप्त हो जाती है| एक समाज के तौर पर हम समाप्त हो चुके हैं|

समस्त बहनो से आग्रह है कि, 
हे भगिनियों शसक्त बनो, शस्त्र चलाना सीखो 
सशक्त नारी ही समाज की उद्धारिका बनेंगी,
इस कायर और मृतप्राय समाज से आशा रखना छोड़ दो,
दरिंदो का वध करने वाली मात भवानी का रूप धारण करो| 
इस समाज ने सिर्फ चरित्र हनन करना सीखा है, 
चरित्र की सुरक्षा इस कायर समाज के बस का नहीं है|
चरित्र पर लांछन लगाने वाले समाज से सुरक्षा की आशा करना किसी मूर्खता से कम नहीं है| 

😓😓 माफ करना बहन, हम कायर हैं, आपकी सुरक्षा नहीं कर पाए, और आपके अपराधी को शायद सजा भी न दिला पाएं, तो उसके लिए भी माफी 🙏🏻🙏🏻

टिप्पणियाँ