दिन-प्रतिदिन आंदोलनकारी पहलवानो के शुर क्यो बदल रहे हैं

ये अलगे बवासीर है, 

पहले साक्षी अपने पति के साथ मिलकर एक वीडियो बनाते हैं, जिसमें वह कहते हैं कि अभी तक कि घटनाओं का जो वास्तविक सत्य है वो हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं| वीडियो के माध्यम से बताया जाता है कि आंदोलन के पीछे भाजपा संसद बबिता फोगाट हैं| उन पर आरौप लगाया जाता है कि उन्होने ही आंदोलन करने के लिए कहा और आंदोलन की परमिशन भी दिलाई ताकि बृजभूषण सिंह को हटाया जा सके, कुस्ती संघ से| 
और अंत में दोनो बबिता का धन्यवाद भी किया|

वीडियो लिंक -: 
https://twitter.com/SakshiMalik/status/1670008378725220352?t=1mp4a0O3NpWzo5FzEmA62g&s=19


फिर बबिता जवाब मे कोट करती हैं, और आरोप को खारिज कर देती हैं, और अब साक्षी ने अपने वीडियो को ही कोट करते हुए लिखा कि "वीडियो में हमने तीरथ राणा और बबीता फोगाट पर तंज कसा था कि कैसे वे अपने स्वार्थ के लिए पहलवानों को इस्तेमाल करना चाह रहे थे और कैसे पहलवानों पर जब विपदा पड़ी तो वे जाकर सरकार की गोद में बैठ गये. हम मुसीबत में ज़रूर हैं लेकिन हास्यबोध इतना कमज़ोर नहीं हो जाना चाहिए कि ताकतवर को काटी चुटकी पर आप हंस भी न पाएँ." 

अब साक्षी कहना क्या चाहती हैं, पहले वीडियो बना कर कह रही हैं कि वह जो वास्तविक सत्य वह बता रही हैं, और अब कह रही हैं कि वह ताकतवर के लिए हास्य व्यंग था| अरे मैडम व्यंग ऐसे नहीं किए जाते| आप लोग राजनीति के शिकार हो गये, ये तो विश्लेषक पहले ही कह रहे थे| पर नहीं आपको समझाने से समझ कहा आता| आप लोग अनाप सनाप बयान बाजी करते रहे कभी कहा हम नेशनल्स नहीं खेलेंगे, हम तो डायरेक्ट जाएंगे जी ओलम्पिक , आपने एक नाबालिक लड़की को खोजा और उसके कंधे पर रखकर तीर चलाया फिर जांच हूयी लड़की बयान से पलट गयी , उसने कहा कि हमें भटकाया गया था| आप मेडल गंगा में विसर्जित करने पहुंच गये, तमाशा क्रिएट किया, राकेश टिकैट आया| पिंकी दीदी से लेकर हूडा तक सबकी हाथों की कथपुतली बनी रहीं|

आपके आंदोलन में महान एथलीट पीटी ऊषा जी को थप्पर मारकर अपमानित करने का कार्य किया गया, जो आपकी बातो को सुनने की लिए गयी थी, आपने उन तत्वो को आंदोलन में बने रहने दिया, पीटी ऊषा जी कू लिए असम्मानित शब्दो का उपयोग करवाया| आप देश को मेडल के नाम पर 3-4 महीने से लगातार ब्लैकमेल कर रही हैं| और एक बार फिर आपने वही किया|

एक बात बताओ आपको बातो पर टिकना नहीं आता क्या, या शब्दो की कीमत की समझ नहीं है?? 
आपने ईतना सबकुछ किया, अब देश प्रश्न तो पुछेगा ही! आपका सम्मान तो वैसे भी नहीं रहा अब|

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