अमेरिका यात्रा के संबंध में : यदि मैं मोदी होता ..


अमेरिका यात्रा के संबंध में ..

एक सज्जन से इनबॉक्स में चर्चा हो रही थी कि यदि आप मोदी जी के स्थान पर होते तो बाईडेन से क्या बात करते ..

नीचे बातचीत का सारांश लिख रहा हूँ ..

मैं बाईडेन या विश्व के अन्य व्यवसायिक शक्तियों से यही कहता कि वे भारत को सूडान बनाकर स्वयम् धनी होना चाहते हैं या भारत की आर्थिक समृद्धि से लाभ लेना चाहते हैं ..योग आयुर्वेद से लाभ लेना चाहते हैं ?

क्योंकि भारत की आर्थिक समृद्धि तभी तक संभव है जब तक भारत की जनसंख्या बहुमत में किताब से दूर है । 

पिछले नौ वर्षों में इन्फ़्रास्ट्रक्चर से विश्व को लाभ हुआ है हैवी मशीनरी बेंचकर ..

एयर इंडिया और इंडिगो ने एयर बस और बोइंग को इतने ऑर्डर दिये हैं जिससे भारत की एयर स्पेस , चीन से भी आगे निकल जायेगी ।और युरोप अमेरिका बोइंग एयर बस से सैकड़ों बिलियन डॉलर कमायेंगे..

और इस प्रकार अनेकानेक ढंग से सनातनी हिंदू धर्मी भारत विश्व के लिये एक संसाधन रहेगा .. नये नये शोध में और नयी नयी तकनीक में ..

पर बाईडेन और जॉर्ज सॉरस भारत में कन्वरजन माफिया को आगे बढ़ाते रहे और किताबी ३०-४०% हो गये तो भारत कई सूडान में परिवर्तित होगा । और हालाँकि पश्चिम फिर वॉर इकॉनमी से कमायेगा पर सदैव के लिये भारतीय उपमहाद्वीप एक कोढ़ में बदल जायेगा । किताबी बनते ही ७५० मिलियन की आबादी बुर्के में बंद होकर घर में क़ैद हो जायेगी इत्यादि इत्यादि ।

अतः मैं मोदी होता तो स्पष्ट रूप से धर्मांतरण माफिया और उसके दुष्परिणामों से विश्व को अवगत कराता और बताता कि एक समृद्ध सनातन भारत विश्व भर के लिये एक चमत्कार से कम नहीं है अतः इसके सनातनी स्वरूप को छिन्न भिन्न न किया जाये ।

साभार
राज शेखर तिवारी 

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