टेम्पल एंडाउमेंट एक्ट... पूरी शृंखला लिखी थी लगातार 70 दिनों तक।

टेम्पल एंडाउमेंट एक्ट... पूरी शृंखला लिखी थी लगातार 70 दिनों तक। 
तब उसी शृंखला में से एक लेख में तिरुपति देवस्थानम् बोर्ड की 35 हजार करोड़ की आय के विषय में बताया था कि उसकी आय का 62 प्रतिशत वक्फ, शेष 30 प्रतिशत तक अल्पसंख्यक कल्याण, मिशनरियों को दे दिया जाता रहा, मात्र 8 प्रतिशत आय को मंदिर की सुरक्षा, ब्राह्मणों, सेवकों की दक्षिणा समेत इस 8 प्रतिशत का बड़ा हिस्सा ट्रस्ट के पदाधिकारियों की तन्ख्वाह में दे दिया जाता रहा है। 

अब तय कर लो कि किसे दक्षिणा देनी है या दानपात्र में डालकर विधर्मी सरकारों के विधर्मी प्रियजनों को फलने-फूलने के लिए दान बरबाद करना है। ध्यान रखें कि कि ये मात्र दान/धन की बरबादी नहीं है, सनातन की बरबादी है। 
टेम्पल एंडाउमेंट एक्ट बनाया अंग्रेजों ने, जवाहरलाल नेहरू नीत कांग्रेसी सरकारों ने आगे हिंदू रिलीजियश एंडाउमेंट एक्ट नाम देकर लूटतंत्र को मजबूत किया और अब वर्तमान में भाजपा की राज्य सरकारें इस लूट में बराबर की हिस्सेदार है इसीलिए पहले महाराष्ट्र की फणनवीश सरकार ने महाराष्ट्र के मंदिरों को अधिग्रहित करने का प्रयास किया और वर्तमान उत्तराखंड भाजपा सरकार ने देवस्थानम् बोर्ड बनाकर उत्तराखंड के 51 महत्वपूर्ण मंदिरों का अधिग्रहण कर ही लिया है। 

हिंदुओं को सरकार न सही कम से कम दानपात्रों का बहिष्कार कर अपना आलस्यपूर्ण दायित्व ही निर्वहन कर इतिश्री कर लेनी चाहिए। 

Naman Krishna 

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