मंत्री ने कहा महिला सुरक्षा पर हम हुए फेल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया बर्खास्त,

साभार - ANI 

खबर राजस्थान से आ रही है, जहां पर कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने अपने ही एक मंत्री को बर्खास्त करने  की अनुशंसा राज्यपाल से कर दी, और माननीय राज्यपाल ने अनुशंसा को तत्काल प्रभाव से स्विकार कर लिया| आइये मामले को विस्तार से समझते हैं- 

विगत दिनो में मणिपुर की चर्चा जोरो शोरो से हो रही है, जहां पर एक महिला के साथ सामूहिक बालात्कार हुआ जिसका वीडियो लगभग 70 दिनो बाद बहार आया, वो भी मानसून सत्र के शोरू होने के एक दिन पहले| तो प्रश्न 70 दिन बाद वीडियो रिलीज़ करने की मंशा पर भी उठेगा और वीडियो को 70 दिन तक प्रशासन से छुपाए रखने वाले मक्कारो पर भी उठेगा| आपके पास 70 दिनो से वीडियो था, आप उसको छिपा कर रखते हैं, ताकि भविष्य में राजनीतिक फायदा ले सके, आपके लिए न तो महिलाओं की इज्जत माईने रखती है, और न ही उनके ऊपर हूयी दरिंदगी| आपके पास वीडियो था, आप प्रशासन के पास जा सकते थे, प्रशासन कार्यवाही नहीं करता , न्यायपालिका का विकल्प मौजूद है, पर आपको तो राजनीति करनी थी, राजनीतिक रोटियां सेंकनी थी| आपको संसद की कार्यवाही बाधित करनी थी| पिछले 3-4 वर्षो में शायद को कोई सत्र बिना शोर-शराबे के गुजरा हो| लोकसभा टीवी चालू करने पर जो आवाज आती है वह गली मोहल्लो के आवारा कुत्तो के मध्य जुबानी जंग से हुबहू मिलती है, गांवो में शायं काल जैसे भेड़िये हुवाते हैं उसी तरह संसद से आवाजे आती है, पर शर्म है कि इनको आती नहीं| 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कल ट्वीट कर मणिपुर की घटना पर भाजपा को घेरने का प्रयाश किया था| जबकि राजस्थान महिलाओं की स्थिति पूरे भारत में सबसे बदतर है| राजस्थान महिला अपराधो के मामले पर पहले नम्बर पर है, पर मजाल है कि कोई कांग्रेसी या ईमानदार पत्रकार प्रश्न पूछ ले| कल ही राजस्थान एक परिवार के चार लोगो को जला दिया गया, जिसमें 6 माह का एट शिशु और 2 महिलाएं भी थी| एक महिला का उसके पति के समक्ष ही गन प्वाइंट पर बालात्कार किया गया| कुछ दिन पहले ही एक दलित लड़की के साथ रेप हुआ पर मजाल है कि गालीवुड, ईमानदार मीडिया, ईमानदार पत्रकार, लेफ्ट लिबरल एक्टिविस्ट गहलोत की निंदा कर दें, या इस्तीफा मांग सकें| राजस्थान में महिलाओं पर हो रहे अपराध आलू, दाल जैसे हो गये हैं, जो हर रोज होते हैं|

आज ही विधानसभा ने, गहलोत सरकार के एक मंत्री ने सदन में ही एडमित किया कि हम महिला सुरक्षा के मामले में फेल हुए हैं, हमें मणिपुर की बजाए अपने गिरेवान पर झांकना चाहिए

जिसके  बाद मुख्यमंत्री गहलोत एक्सन में आते हैं, और महिला सुरक्षा पर कुछ साहसिक निर्णय लेने के बजाए अपने ही मंत्री को मंत्री पद से बर्खास्त कर देते हैं| 

यह घटना कांग्रेस के चरित्र, उनकी मंशा को दर्शाने के लिए काफी है| कांग्रेसी आए दिन लोकतंत्र, बोलने की आजादी, और तमाम मामलो पर एक्टिविज्म करते देखे जाते हैं, पर जब मामला उनकी ही पार्टी का होता है तो सारा एक्टिविज्म अपने दक्षिणी ध्रुव में रख लेते हैं| इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी का ही मामला सामने आया जिसमें उन्होने अपनी ही पार्टी की एक महिला विक्टिम जो कि असम कांग्रेस युवा मोर्चा की अध्यक्ष थी, को पार्टी से निलम्बित कर दिया था, जिसमें उन्होने कांग्रेस के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था| 

कांग्रेस में एक से बढ़कर एक उदाहरण हैं, पर मजाल है की कोई ईमानदार पत्रकार युवराज की शान में गुस्ताखी कर सके, वैसे समझ तो गये होंगे|  

जय श्री कृष्ण 

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