क्या महिलायें पुरूषों के बराबर सफलता प्राप्त कर सकती हैं ?

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नेपोलियन ने कहा कि आप मुझे इस देश में अच्छी मायें दो , मैं आपको अच्छा राष्ट्र दूंगा । मैं एक अच्छा राष्ट्र बना सकता हूं यदि हमारे राष्ट्र की महिलाएं शिक्षित प्रतिभाशाली हों । जब एक महिला शिक्षित होती है तो पूरा समाज शिक्षित होता है । आज भारत भी महिला प्रधान देश बन गया है । महिलाये पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है । शिक्षा के क्षेत्र में आज लड़कियां लड़कों को पीछे छोड़ रही है । 

 मैडम सी. जे. वॉकर मिलयनेयर बनने वाली पहली महिला अफ्रीकी - अमेरिकी महिला थी । उनके पिता किसान माता पिता दिहाड़ी करके अपना पेट पालते थे। बचपन में ही वे अनाथ हो गई और उनकी विवाहित बहन ने उन्हें पाला । चौदह साल की उम्र उनका विवाह कर दिया गया ,ताकि उन्हें रहने के लिए घर मिल सकें । 20 साल की उम्र में विधवा हो गई , और लोगों के कपड़े धोकर अपना गुजारा करने लगी । जरा सोचिए , बाद में मिलियनेअर बनने वाली महिला दूसरों के कपड़े धोती थी । 


पहले घर घर जाकर समान बेचती थी । फिर उन्होंने दक्षिणी और पूर्वी इलाकों में कार्यक्रम आयोजित करके इन सामानों के चमत्कार सबके सामने दिखाये । उन्होंने डाक से भी समान बेचा। उनका व्यवसाय इतना सफल हुआ  की उन्होंने मैडम मैडम सी. जे. वॉकर   लेबोरेटरीज की स्थापना की, जहां न सिर्फ सौंदर्य प्रसाधन बनते थे, बल्कि एजेंटों तथा सौंदर्य विशेषज्ञो को प्रशिक्षण भी दिया जाता था । मैडम सी. जे. वॉकर  ने एक विचार के दम पर अपनी किस्मत बदल डाली और लाखों महिलाओं की ष्कल भी । 


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