UCC के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ का विरोध करने पर कुछ बहुजन(हिन्दू दलित पिछड़े) आंदोलन के लोग कह रहें हैं कि आप भाजपा संघ का समर्थन कर रहें हैं

UCC के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ का विरोध करने पर कुछ बहुजन(हिन्दू दलित पिछड़े) आंदोलन के लोग कह रहें हैं कि आप भाजपा संघ का समर्थन कर रहें हैं

अच्छा तो ठीक है, फिर ये बताएं अगर ऐसा ही कोई हिन्दू पर्सनल लॉ बोर्ड होता और वो पर्सनल लॉ के नाम पर पारिवारिक मामलो में  मनुस्मृति को लागू किये होता, 

और सरकार एक ऐसा बिल लाने का फैसला करती जिससे पारिवारिक मामलो में मनुस्मृति की जगह संविधान लागू होने की बात होती तो आप लोग क्या करते सरकार का समर्थन करते या हिन्दू पर्सनल लॉ बोर्ड का समर्थन करते?

पसमांदा आंदोलन का स्पष्ट मानना है कि हम हर मामले में मध्ययुगीन अरबी/ईरानी शरिया की अपेक्षा आधुनिक संविधान को वरीयता देंगे।

हमारा समर्थन संविधान को आपका समर्थन भी संविधान को है या भाजपा विरोध में संविधान के विरोधी हो जायेंगे?

डा० फैयाज अहमद फैजी
लेखक,अनुवादक, स्तंभकार, मीडिया पैनलिस्ट, पसमांदा सामाजिक कार्यकर्ता एवं पेशे से चिकित्सक

टिप्पणियाँ