भारत माता का जब वास्तव में गला घोंटा गया- creation of khalistan terrorism


वर्ष 1978 तक खालिस्तान शब्द से कोई भी परिचित नहीं था, किसी को कोई मतलब नहीं था, पंजाब की स्थिति एकदम सामान्य थी, पंजाब फल फूल रहा था, और अकाली दल + जनता दल की सरकार वहां पर शासन में थी| 
तभी संजय गांधी के दिमाग में एक सैतानी और देश तोड़ने वाला प्लान आता है, जिससे कि पंजाब में सिखो और हिंदुओं को आपस में लड़ाकर ये वोट हासिल करें और सरकार बनाएं, जिसके लिए संजय गांधी की मदद करते हैं, कमलनाथ और जैल सिंह |

जैल सिंह इस कार्य के लिए संत जनरैल सिंह भिंडरावाला को चुनते हैं, और उसे जहर बांटने की फंडिंग देना प्रारंभ कर देते हैं| और यह सब प्लानिंग दिल्ली, 1, अकबरपुर रोड से संचालित थी| वर्ष 1980 में इंदिरा गांधी की केंद्र में सरकार आ जाती है, कमलनाथ को वफादारी के लिए मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से संसद बनाया जाता है, और जैल सिंह बनते हैं, गृहमंत्री| 

अब चूंकि पंजाब में प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली+जनता दल की सरकार थी, जिसके चलते ये लोग अच्छे से प्लान execute नहीं कर पा रहे थे, इसीलिए इंदिरा गांधी ने प्रकाश सिंह बादल की जनता की चुनी सरकार को निरस्त कर दिया जो असल में लोकतंत्र की हत्या थी|

फिल जनरल इलेक्सन में कांग्रेस की सरकार बनती है, और फिर राजीव गांधी मिशन को लीड करने लगते हैं, क्योंकि संजय गांधी की दुर्घटना के कारण मृत्यु हो जाती है| 

वर्ष 1981 में भारत की मीडिया, रेडियो सभी जगह यह रिपोर्टिंग करी गयी की पंजाब में हिंदुओं की सामूहिक हत्याएं की जा रही हैं, सिख खालिस्तान की मांग कर रहे हैं पर वास्तविक धरातल पर अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं था, हिंदू सिख सभी भाई चारे के साथ रह रहे थे, मीडिया यह सब इंदिरा गांधी के आदेश पर छाप रही थी|

कुछ लोग कहते हैं कि यह सब कनाडा और अमरीका के सिख कर रहे थे, जबकि 1980 तक उन्हे खुद ही नहीं पता था, और वह खुद ये सब भारतीय अखबारो को पढ़कर जानकारी प्राप्त कर रहे थे, कांग्रेस ने कनाडा और अमेरिका में भी कट्टरपंथी प्लांट करे जो वहां का भी माहौल खराब करने लगे| 

भिंडरावाले को एक बार 81 या 82 में गिरफ्तार किया किंतु तत्कालिन गृहमंत्री जैल सिंह की हस्तक्षेप पर उसे छोड़ दिया गया, अंतिम समय तक उसे  इंदिरा गांधी के आदेशानुसार जैल सिंह का वरदहस्त मिलता रहा, धीरे धीरे भिंडरावाला पंजाब में सिखो की एक बड़ी हस्ती बन गया, अब वह सामूहिक और टार्गेटेड हत्यायें करने लगा था, 83 तक आते आते पंजाब जलने लगा था, चारो तरफ हिंदुओं की हत्यायें हो रही थी, जैल सिंह की मदद से भिंडरावाला स्वर्ण मंदिर में घुस जाता  है, और वहां कब्जा कर लेता है, अब प्लान कामयाब होता दिखता है,जो 1978 में बना था  और प्लान के अनुसार आपरेशन ब्लू स्टार लांच कर दिया जाता है, भिंडरावाले को मारने के लिए| फिर क्या हुआ ये सबको पता है| स्वर्ण मंदिर की स्थिति के चलते इंदिरा गांधी की हत्या हो जाती है, और फिर होता है नरसंहार, जिसमें हजारो बेगुनाह सिखो को मारा जाता है, जिसे राजीव गांधी यह कहते हुए जस्टीफाई करते हैं, कि जब एक हांथी मरता है, तो हजारो चीटियां दब कर मर जाती है| 

आज प्रेम बांट रहे राहुल गांधी, जिसकी हरकतो को गांव में छिनरपन और ये हरकते करने वाले को छिनरा बोलते हैं, उसी राजीव गांधी का पुत्र है जिसके हांथ नरसंहारो से सने हैं, जिसके बाप की मां ने हजारो मासूमो की हत्याएं करवा दी अपने परिवारिक और राजनीतिक फायदे के लिए और वो प्रेम, लोकतंत्र, भारत मां की बात कर रहे हैं, जो वर्षो तक भारत मां के बेटो का नरसंहार करते रहे| 

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