Arab-Israeli conflict: अरब और इजरायल के बीच विवाद क्या है ?

'ओल्ड टेस्टामेंट' के अनुसार प्रोफेट नूह के तीन बेटे थे- शेम, हाम और याफेत। शेम की औलादें ही आज 'सेमेटिक' कहीं जाती हैं।

इनमें से 'शेम' के वंश में जन्में थे 'अब्राम'। 'अब्राम' के पिता 'तेरह' अपने पुत्र 'अब्राम', पोते 'लूत' और अब्राम की पत्नी 'सारा' को लेकर 'कनान देश' की ओर चले पर बीच में एक जगह 'हारान' में ही किसी कारण उनको रूकना पड़ा और वहीं पर उनकी मृत्यु हो गयी। 'अब्राम' जब 75 साल के हुए तो उन्हें येहोवा (परमेश्वर) की वाणी सुनाई दी जो उनसे कह रहा था कि उठ और अपने बंधु-बांधवों को लेकर उस देश में चला जा जिसे मैंने तेरे लिए तैयार किया है। 

'परमेश्वर येहोवा' ने कहा कि तेरे से जो औलादें निकलेंगी उनके ऊपर मेरा आशीष रहेगा और जो उनके साथ रहेगा वो वरदान पायेगा और जो उनसे द्वेष करेगा वो नष्ट हो जायेगा। 

येहोवा अब्राम को जिस देश में जाने हेतु निर्देशित कर रहे थे उस देश का नाम था "कनान" 

'कनान देश' नूह के सबसे छोटे बेटे 'हाम' के पुत्र 'कनान' के नाम पर बसा था। 'कनान' के पिता 'हाम' ने 'नूह' को दाखबारी (अंगूर के बाग) में नंगा देख लिया था जिससे कुपित होकर 'नूह' ने 'हाम' को कहा था कि तेरी औलाद 'कनान' शापित होगी और 'शेम वंशियों' की दास बनकर रहेगी। और इसी कारण 'अब्राम' 'कनान देश' का अतिक्रमण करने जा रहे थे। 

'कनान' की सीमा में उस समय 'इजरायल', 'लेबनान' और 'दक्षिण सीरिया' के हिस्से आते थे। 'अब्राम' वहां पहुँच तो गए पर उनके जाने के बाद वहां अकाल पड़ गया तो 'अब्राम' वहां से निकल कर 'मिश्र' (वर्तमान इजिप्त) चले गए और वहीं एक दासी उनके हाथ लगी जिसका नाम था 'हाजिरा'।

मगर 'मिश्र' में 'अब्राम' लम्बे समय नहीं रह पाये और 'लूत' समेत वापस आ गये और 'कनान' के दक्षिण के देश में जाकर बस गये। वहां आकर उनका अपने भतीजे 'लूत' से झगड़ा हो गया और दोनों ने अपना-अपना क्षेत्र बाँट लिया। अब्राम को 'कनान देश' मिला।

'अब्राम' पहले व्यक्ति थे जिन्हें बाईबल में 'इब्री' कहा गया है यही शब्द आगे जाकर 'इब्रानी' बन गया। 'परमेश्वर येहोवा' 'अब्राम' को औलाद होने की खुशखबरी देते हुए उसके साथ एक प्रतिज्ञा करते हैं कि उसकी संततियों को वो एक विशाल भूमि प्रदान करेंगे। इसके बाद 'अब्राम' और उनकी मिश्री दासी 'हाजिरा' से एक औलाद होती है जिसका नाम रखा गया 'इस्माईल'। 

'इस्माईल' के जन्म के बाद 'येहोवा' ने 'अब्राम' को सारी सेमेटिक जातियों का मूल पिता घोषित कर दिया और यहाँ से उनका नाम हो गया "अब्राहम" और उसके साथ प्रतिज्ञा बांधा कि ये 'कनान' की भूमि पीढ़ी-दर-पीढ़ी तेरे औलादों की रहेगी और अब तेरी अपनी पत्नी 'सारा' भी गर्भवती होगी और अपने औलाद के कारण सेमेटिक जातियों की 'मूल माता' कही जायेगी। उसके बाद 'अब्राम' की अपनी अपनी पत्नी 'सारा' भी गर्भवती हुई और उसके बेटे का नाम रखा गया 'इसहाक'। 

बाईबल कहती है कि परमेश्वर ने आशीष तो 'इस्माईल' को भी दिया था पर कनान की भूमि इसहाक को देने की प्रतिज्ञा की थी। 

'इस्माईल' और 'इसहाक' का जन्म और परमेश्वर की अब्राहम को दिया गया वचन ही वर्तमान 'अरब-इजरायल' विवाद की शुरुआत बिंदु है। 

कैसे अगले भागों में......



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