भारतीय कारीगरों का अद्वितीय कौशल!



 बड़ौदा शाही परिवार की महारानी राधिका राजे गायकवाड़ ने गायकवाड़ रॉयल कलेक्शन की 100 साल पुरानी साड़ी पहनी है।

 साड़ी शुद्ध कपास (हथकरघा) से बनी होती है और साड़ी का "पल्लू" या "आंचल" असली सोने से बना होता है।

यह है localization की ताकत जिसको globalization की अवधारणा निगल गई । यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जिन्होंने भारतीय हथ करखा के फैल होने का कारण इंग्लैंड की मिलों के कपड़े का गुणवत्ता में श्रेष्ठ होना बताया है । यह झूठ इतिहास की पुस्तकों में लगातार पढ़ाया जाता है । ऐसे ही साड़ी के कारीगरों को उंगलियां कटवा कर अंग्रेजो ने इंग्लैंड की मिलों का कपड़ा कामयाब किया था । नकली आजादी के बाद अंग्रेजी एजेंटों ने भी स्थानीय उद्योगों जैसे हथकरखा उद्योग को समाप्त करने के लिए ढेरों सबसिडी और पैसा बड़ी मिलों को देना जारी रखा । जिससे स्थानीय उद्योग बिल्कुल बर्बाद हो गए

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