CulturalMarxism :धर्म (ईश्वर में आस्था), देश (राष्ट्र में आस्था) और परिवार (ऐक्य परम्परा में आस्था) को खत्म करना ही उद्देश्य रहा है हमेशा से CulturalMarxism और Capitalism के गठबंधन का ।


क्योकि जब ये टूटेंगे तभी तो Individualistic Freedom = Wealth वाला फॉर्मूला काम करेगा और व्यक्ति एक नम्बर, एक वोट और एक आदर्श उपभोक्ता बन जायेगा ।

अब आप अपने चारों तरफ नजर दौड़ाए और देखे कि कौन कौन धर्म, देश और परिवार पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आक्रमण कर रहा है ? 

1. परिवार - कौन फर्जी कहानिया बनाकर पारिवारिक सम्बन्धों और रिश्तेदारों में दरार डालने का प्रयास कर रहा है ?

- कौन अपने परिवार की सफलता का उदाहरण देकर दूसरे के बच्चो के लिए अत्यधिक से भी अधिक स्वतंत्रता की वकालत कर रहा है ?

2. देश - कौन अमेरिका और ब्रिटेन की जीवन शैली को अपनाने के लिए आपको मना रहा है ?

3. धर्म - कौन आपके धर्म स्थापित मानकों को तोड़ने के लिए ये कह रहा है कि बिना इनके भी आप गर्वित हिन्दू है ?

- कौन आपके धर्म मे कृत्रिम वर्ग सँघर्ष को जन्म दे रहा है जाति के ज्ञाता बनकर ?

- कौन कृत्रिम वर्ग सँघर्ष के लिये अचानक से भिन्न भिन्न जातियों के ओवररेटेड ब्रांडेड नायक लेकर आ रहा है और कह रहा है कि क्यो आप श्रीमती फुले को गार्गी सा सम्मान नही दे सकते है ? 

- कौन अचानक से "पेरियार" के समर्थन में खड़ा हो रहा है उसकी असलियत जानकर भी ?

.
.
.
.

तो नजर रखिये और राष्ट्रवादियो के भेष में छिपे पूंजीवादीयो+मार्क्सवादियों के गठबंधन को पहचानने की समझ पैदा कीजिये ।

इटली की जॉर्जिया मैलोनी और भारत के नरेन्द्र मोदी तो अच्छे से पहचानते है इनको और अभी तक लड़ाई में बने हुए है । बाकी विरोधी ट्रम्प और आबे आदि निबटा दिए गए है पुतिन और नेतन्याहू फॉर्म से बाहर है । बस ये जोड़ी ही बची है ।

They need support of you

टिप्पणियाँ