केंद्रीकृत व्यवस्था और सनातन विकेंद्रीकृत में मॉडल में क्या अंतर है ?



नमस्कार मित्रो आज हम चर्चा करेंगे आजकल की केंद्रीकृत शासन व्यवस्था और सनातन विकेंद्रीकृत व्यवस्था के मॉडल के बारे में । आज हम चर्चा करेंगे कि केंद्रीकृत शासन व्यवस्था जिसको हम सरकार कहते हैं वह क्यों और कैसे सनातन व्यस्थाओ को समाप्त कर सारा नियंत्रण अपने हाथ में लेना चाहती है ? क्यों भारत में सनातन धर्म का पतन हो रहा हैं ? भारत में पुनः सनातन धर्म का उत्थान कैसे हो सकता है ? और सनातन विकेंद्रीकृत व्यवस्था कैसे भारत में राम राज्य पुनः ला सकती है ,जिसमें ना तो शारीरिक कष्ट होंगें, ना ही दैवीय कष्ट होंगें,ना ही भौतिक कष्ट होंगें । 

सबसे पहले हम जान लेते हैं कि सनातन विकेंद्रीकृत व्यवस्था कहते किसको हैं ? इसका structure क्या है ? 
सनातन विकेंद्रीकृत व्यवस्था में सबसे नीचे होता है व्यक्ति ,
 व्यक्ति के ऊपर होता है परिवार ,
परिवार को नियंत्रित करता है समाज,
 और समाज को दिशा देता है धर्म और संस्कृति ।

 धर्म और संस्कृति का ज्ञान धर्माचार्य समाज को देते हैं। फिर समाज इस धर्म और संस्कृति के रक्षण के लिए आवश्यक नियम और कानूनों को परिवारों पर लागू करता है , और फिर परिवार आपने सदस्यों पर यह धर्म और संस्कृति संबंधित नियम और कानून लागू करते हैं । यह है सनातन विकेंद्रीकृत व्यवस्था । सनातन विकेंद्रीकृत व्यवस्था में राज्य के पास केवल रक्षा ,मुद्रा ,अंतर राज्य परिवहन‌, जलमार्ग और कर व्यवस्था होती थी । जबकि समाज के पास स्वास्थ्य ,शिक्षा, न्याय और स्थानीय कर व्यवस्था की जिम्मेदारी होती थी । लेकिन आज कल की केंद्रीकृत व्यवस्था जिसको हम सरकार कहते हैं वह परिवार, समाज और धर्म संस्कृति को समाप्त करके और व्यक्तियों का नैतिक पतन करके सारा नियंत्रण अपने हाथ में लेना चाहती है । जिससे सारा विश्व ही परेशान हैं । 
अब हम सनातन व्यवस्था के एक-एक अंग के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
१. धर्म और संस्कृति:-
सनातन व्यवस्था में सबसे ऊपर होती है धर्म और संस्कृति । जिसका प्रचार और प्रसार धर्मगुरु करते थे, धर्म और संस्कृति का निर्माण महापुरुषों के आचरण से होता है। जिसको नियम बनाकर समाज के ऊपर दिशा निर्देश के रूप धर्मआचार्यों द्वारा लागू कर दिया जाता है । धर्म संस्कृति का निर्माण कैसे होता है इसका हम इसको हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ लेते हैं जैसे भगवान राम ने एक पत्नी की प्रथा का नियम समाज के सामने रखा और धर्म आचार्यों ने यह नियम समाज को आगे दे दिया , जिसको समाज ने परिवार पर लागू कर दिया, परिवार ने यह नियम अपने सदस्यों पर लागू कर दिया। दूसरा उदाहरण श्री लक्ष्मण द्वारा My BODY MY CHOICE करने वाली शृपनखा आंटी की नाक को काटकर समाज के सामने उदाहरण रखने के रूप में रखा। श्री लक्ष्मण ने समस्त समाज को मर्यादा में रहने का नियम दे दिया । श्री लक्ष्मण ने स्त्री जाति को श्रुपनखा की नाक काट कर यह संदेश दे दिया कि अपना पति होते हुए किसी गैर मर्द के संबंध को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । माता सीता ने समस्त नारी जाति के लिए अपना जीवन तिल तिल जलाया । उन्होंने स्त्री जाति के सामने यह नियम दे दिया कि अगर तुम्हारा पति राजा है तो ही तुम रानी हो ,अगर तुम्हारा पति वनवासी है तो तुमको भी उनके साथ वन में जाना पड़ेगा अर्थात पति पत्नी का साथ हमेशा रहेगा अगर पति कल को गरीब हो गया तो पत्नी को यह कोई अधिकार नहीं कि वह उसका साथ छोड़ दे । 
यह तो थी धर्म और संस्कृति जिसको सनातन धर्म गुरुओं द्वारा हिंदू समाज को के रूप में प्रवचनओं के रूप में दिया जाता था जिसको समाज परिवार पर लागू करता था और परिवार व्यक्तियों पर यह नियम कानून लागू करता था इससे हिंदू धर्म धर्म सदियों तक मजबूत बना रहा लेकिन अंग्रेजों के आगमन के बाद अंग्रेजों ने इस धर्म संस्था को राष्ट्र करने के लिए कई हथकंडे अपनाए । आजादी के बाद सरकारों ने हिंदू धर्म को जड़ से समाप्त करने के लिए धर्म संस्कृति और हिंदू धर्म संस्था को भ्रष्ट करने के लिए अपने षड्यंत्र जारी रखें ।
हिंदू धर्म संस्था को समाप्त करने के पीछे सरकार का यह उद्देश्य है कि हिंदू समाज को दिशा निर्देश मिलना बंद हो जाए । इसके लिए अंग्रेजो और सरकारों ने निम्नलिखित हथकंडे अपनाए ।

a.Temple Endowment Act के जरिए बड़े हिंदू मंदिरों पर नियंत्रण | 

b. AIDED स्कूल और SOCIETY REGISTRATION ACT के माध्यम से छोटे गुरुकूलों को सरकारी स्कूलों में परिवर्तित करना ।

c. नकली धर्मगुरुओं को सनातन धर्म में स्थापित करना । 

a Temple Endowment Act  

सनातन मंदिरों के पांच अंग होतें हैं
A .देवता की मूर्ति 
B. गुरुकुल 
C.गोशाला 
D. यज्ञशाला 
E. पाकशाला 

सरकार जिन मन्दिरों को लूट रही हैं उनमें अधिकतर में केवल मूर्ति को छोड़कर बाकि चारों समाप्त कर दिए क्योकि मूर्ति से आमदनी होती है और बाकि चारों खर्चे का घर हैं । सरकार ने बड़े मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेकर सनातन व्यवस्था को तबाह कर दिया । 
मन्दिरों द्वारा संचालित इन गुरुकुलों में पढ़े छात्र हिन्दू समाज को सही मार्गदर्शन करते थे । जिनका स्थान अब पाखंडी धर्म गुरुओं ने ले लिया है । आजकल के अधिकांश हिन्दू धर्म गुरुओं ने धर्म की कोई पढ़ाई नहीं की है । गुरुकुलों के बन्द होने से देशी विदेशी सरकारों , मत सम्प्रदायों ने सनातन धर्म में अपने एजेंट बैठा दिये हैं । इसीलिए यह नकली धर्मगुरु हिंदुओं की जड़ें काटने में लगे हुए हैं । 
जिस प्रकार अगर सरकार MBBS की पढ़ाई बन्द करवा दे तो वैक्यूम भरने के लिये नकली MBBS आ जाएंगे और एलोपैथी का सत्यानाश कर देंगे । उसी तरह गुरुकुलों से धर्म की शिक्षा प्राप्त किये बिना यह नकली धर्मगुरु सनातन को पूरी तरह तहस नहस करके छोड़ेंगे ।
कभी आपने सोचा है कि मुस्लिम समाज भी इसी देश में रहता है उनकी लड़कियां क्यों अश्लील कपड़े नहीं पहनती हिन्दू लड़कियां ही क्यों LIVE IN RELATION, पब , जीन्स ,स्कर्ट आदि पहनती हैं ।।
हिन्दू अपने लड़कों को नशे ,शराब और दुराचारी बनने से क्यों नहीं रोक पा रहा ,दूसरी तरफ मुस्लिम नोजवान नशे से काफी हद तक मुक्त हैं ।।
हिंदुओं का हर स्तर पर बुरा हाल है चाहे वह स्वास्थ्य हो या हो चरित्र , ।हिन्दुओ की परिवार व्यवस्था क्यों टूट रही है । हिन्दू क्यों अपने ही देश में हर जगह पिट रहा है । 
इसका एक ही उत्तर है सरकार द्वारा गुरुकुलों का जानबूझकर किया विनाश । जिससे हिन्दुओ को मार्गदर्शन मिलना बिल्कुल बन्द हो गया औऱ हिन्दू समाज अब सम्पति के कगार पर है ।।
दूसरी तरफ सरकार द्वारा मदरसों से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई इससे मदरसों से निकलने वाले मौलाना मुस्लिम समाज को सही दिशा निर्देश देतें रहते हैं । इसीलिए मुस्लिम समाज आज 20% होकर भी हिन्दुओ से अधिक मजबूत है । 
हिंदुओं अगर बचना है तो गुरुकुलों को मजबूत करो । सरकार पर दबाब डालो कि मन्दिरों को मुक्त करे और अधिक से अधिक गुरुकुलों का निर्माण हो । 
नए गुरुकुलों को सरकारी चंगुल से मुक्त रखने के लिये इनको SOCIETY REGISTRATION ACT से मुक्त रखना नितांत जरूरी है । क्योंकि हिंदू मंदिर और संस्थाएं society registration act के अधीन हैं इसलिए अगर वहां कोई पदाधिकारी कोई गलत काम कर रहा हो तो हिंदू समाज उस व्यक्ति को हटा नहीं सकता आपको कोर्ट में जाना पड़ेगा । सारी शक्ति कोर्ट के पास है। गलत व्यक्ति को कोर्ट द्वारा संरक्षण मिल जाता है । जबकि मुस्लिम संस्थाएं सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन नहीं होती । 
b) AIDED स्कूल और SOCIETY REGISTRATION ACT
आज़ादी के बाद भी देश के हर छोटे बड़े कस्बे में गुरुकुल चलते थे । क्योंकि कहने को कोई कुछ कहे सारे देश में अंग्रजों का एकछत्र राज़ नहीं चलता था । देशी राजे राजवंशों का गुरुकुलों को सरक्षंण मिलता रहता था । आज़ादी के बाद हिन्दूओं की जड़ों में तेल डालने के लिए सरकार ने हिंदुओ को जात पात में बांटने के अतिरिक्त हिन्दू धर्म को जड़ से नष्ट करने के लिये एक और जहाँ temple endownment act के जरिये हिन्दू मंदिरों की धन संपदा को कंट्रोल कर लिया तांकि हिन्दू मंदिरों का धन हिन्दू धर्म के काम ना आ सके लेकिन दूसरी तरफ मुसरमान समाज के धर्मस्थानों पर कोई कंट्रोल नहीं किया । हिन्दुओं का पैसा सरकारें लूट कर ले गईं ।
और दूसरी और जो गुरूकुल चलते थे उनको इस बात के लिये मजबूर किया गया कि वह society registration act में अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें । एक बार किसी हिन्दू संस्था का रजिस्ट्रेशन हो गया तो समझो वह संस्था कमेटी मेम्बर्स की personal प्रॉपर्टी बन जाती है । वह कमेटी मेंबर चाहे कुछ करें आप उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते । कानूनन वह संस्था के मालिक बन जाते हैं । इसलिए हिन्दू संस्थाओं में आज चोर लूटेरे घुस गए हैं । हिन्दू मंदिरों में गाय और गुरुकुल का होना जरूरी है । अब आप ही देख लो कितने मंदिरों में यह व्यवस्था है । क्योंकि गौशाला और गुरुकुलों पर बहुत खर्च होता है । इसलिये धीरे धीरे जिन कमेटी मेंबर्स की केवल लूटने में दिलचस्पी हो वह इन गौशाला और गुरुकुलों को बंद कर देते हैं ।
तीसरा जो गुरुकुल आज़ादी के समय चल रहे थे उनमें धीरे धीरे सरकारी सिलेबस लागू करवा दिया गया । गुरुकुलों में सरकारी सिलेबस लागू करने के लिये उनको aided school बना दिया गया । जो कमेटी मेंबर्स पहले ही गुरुकुलों से जान छुड़ाना चाहते थे उन्होंने यह आफर हाथों हाथ लपक लिया । इस सब काले धंदे को modern education जैसी चिकनी चुपड़ी बातें कर के ढक दिया गया । जो शिक्षक गुरुकुलों में पढ़ते थे उनको पक्की salary मिलने लगी । उन्होंने क्या विरोध करना था । जिन कमेटी मेंबर्स ने विरोध किया उनको आधुनिक शिक्षा का विरोधी कहकर चुप करवा दिया गया धीरे धीरे सब गुरुकुल सब aided school बन गए और वहां पर प्राथना के इलावा हिन्दू धर्म का कुछ नहीं पढाया जाता । इसका उदहारण हमारे शहर का है जिसमे सनातन मंदिर के साथ साथ गुरुकुल और गौशाला चलती थी । कई विद्यार्थी गुरुकुल में सनातन धर्म ,वेद ,आदि की शिक्षा लेते थे उसको एडिड स्कूल में बदल दिया गया । अब सनातन धर्म का नाम ही रह गया । मंदिर से आमदन होती है इसलिये उसे चलता रखा गया । गौशाला को मैरिज प्लेस बना दिया गया । उससे जो आमदन होती है वह कमेटी मेम्बेर्स बांट लेते हैं ।  
इस तरह सरकार ने हिन्दू धर्म की जड़ो में तेल डाल दिया । हिन्दू धर्म की जड़ थी गुरुकुल । उसको पैसे का लालच देकर खत्म कर दिया । मजे की बात यह है कि सरकार ने मुसरमान जोकि भारत का सबसे बड़ा समुदाय है उनके मदरसों को छुआ तक नहीं । बहुसंख्यक मुसरमान समाज के मदरसों में आज भी सरकारी सिलेबस लागू नही हो पाया । उनमे आज भी इस्लामिकक तालीम दी जा रही है और मुसरमान समाज के बच्चों को आधुनिक शिक्षा से महरूम रखा जा रहा है । 
Society registration act अंग्रेजो द्वारा हिंदू मंदिरों और संस्था को नियंत्रित करने के लिए के 1860 में लाया था नकली आजादी के बाद सरकारों ने इसको जारी रखा ताकि हिंदू धर्म को जड़ से समाप्त किया जा सके । हिंदुओ को चाहिए कि वह अपनी संस्थाओं को इसके अंतर्गत पंजीकृत ना करवाएं । कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठेगा कि क्या बिना सरकारी पंजीकरण के संस्था चल भी सकती है या नहीं ? उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास कोई भी सरकारी प्रमाणपत्र नहीं है । डॉक्टर हेडगेवार जी ने अंग्रेज की इसी मनोदशा को भांपते हुए संघ को रजिस्टर्ड नहीं करवाया । 
C नकली धर्मगुरुओं को सनातन धर्म में स्थापित करना
चाणक्य के अनुसार राज्य को अपने गुप्तचर पागल के भेष में , भिखारी के भेष में नियुक्त करने चाहिये । क्योंकि यह कहीं पर भी आएं जाएं इन पर किसको को शक नहीं होता । चाणक्य के अनुसार देश धर्मगुरुओं के भेष में गुप्तचरों के नियुक्ति अति उत्तम है क्योंकि यह धर्म गुरु जनता को धर्म संस्कृति से काट कर राजा के खिलाफ होने वाले विद्रोह से राजा की रक्षा करतें हैं । अंग्रेजों ने भारत में इसी चाणक्य नीति का प्रयोग करते हुये पहले गुरुकुलों को कमजोर किया । क्योंकि पहले गुरुकुलों से निकलने वाले छात्र समाज का सही मार्गदर्शन करते थे । इस vaccum को भरने के लिये अंग्रेजों ने जगह जगह धर्मगुरुओं के भेष में अपने गुप्तचर plant कर दिए ।
पंजाब के बड़े बड़े डेरे सब अंग्रेजों की देन हैं । अधिकतर बड़े डेरों के पहले मुखिया अंगेजों की फ़ौज़ में थे । यहां पर उनको training आदि देकर उनको सनातन समाज में रोपित कर दिया गया । इन बड़े बड़े डेरों को अंग्रेजो ने मुफ्त में जमीन उपलब्ध करवाई । पहले पहले इन डेरे वालों ने राम कृष्ण के भजन गाकर भीड़ इक्कठी कर , फिर धीरे धीरे अपने आप ही गुरु declare कर दिया ,फिर भगवान ।
फिर इन नकली बाबाओं ने राम कृष्ण और सनातन संस्कृति को कोसना शरू कर दिया । इन नकली धर्मगुरुओं के कहने पर ने लोगों को राम ,कृष्ण और शिव के चित्र घर से बाहर कर दिए ,दिवाली दशहरा आदि हिन्दू पर्व मानने बन्द करवा दिए । आजकल कई स्वैघोषित भगवान बलात्कार के आरोपों में जेल की चक्की पीस रहें हैं । किसी बाबा पर बैंकों के पैसे लूटने पर केस चल रहे हैं । कई कॉरपोरेट बाबाओं ने सुंदर सुंदर महिलाओं को प्राइवेट सेक्टरी रखा हुआ । इनमें अधिकतर बाबा अपने डेरे का नाम चमकाने के लिये कुछ समाज सेवा के धंदे से भी जुड़ें हुए हैं ।
ईसाई मिशनरियों से अधिक खतरनाक हिंदुओं के नकली धर्म गुरु हैं ।यह पहले हिन्दुओ को अपनी धर्म संस्कृति से काट देतें है । इसलिये पथभ्रष्ट हिन्दू समाज का सब तरह पतन हो रहा है । यह पथभ्रष्ट हिन्दू समाज ही धर्मपरिवर्तन का आसान शिकार हो रहा । यह नकली धर्म गुरु हिन्दू समाज को अंदर से ही घुन की तरह खा रहें हैं ।

समाज ,परिवार व्यवस्था समाप्त कैसे किया गया इसके बारे में विस्तार फिर कभी

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