एक केमिकल होता है जिसका नाम है हेक्सेन |
यह केमिकल बिल्कुल पानी जैसा है । इसकी खासियत यह है कि इसको किसी एक बाल्टी में ले लीजिए और इसके अंदर कोई भी तिलहन वाली चीज डाल दीजिए, तिलहन यानी जिन चीजों में तेल होता है जैसे मूंगफली, तिल, नारियल, अलसी, बादाम, सरसो आदि आदि । थोड़ी ही देर में यह केमिकल उसमें जितना भी तेल है उसे निकालकर बाहर कर देगा । मान लीजिए आपने मूंगफली के दाने डालें हैं तो मूंगफली के अंदर जितना भी तेल है यह केमिकल उसको निकाल कर बाहर कर देगा और आपकी मूंगफली वैसे की वैसी ही रहेगी ।
तेल बनाने वाली कम्पनियां और बहुत से व्यापारी इसी केमिकल का इस्तेमाल करते हैं जो एक प्रकार का जहर है और अनेकों रोगों के साथ साथ कैंसर जैसे घातक रोगों का कारण बन रहा है । मूंगफली के अंदर से तेल निकालकर जिसमें कुछ मात्रा में ये केमिकल भी आ जाता है उस तेल को डिब्बे में पैक करके बेंच दिया जाता है जो अभी आप रिफाईन तेल के रूप में अलग अलग ब्रांड के नाम से लाकर स्तेमाल करते हैं और जो मूंगफली बच गयी है जो वैसी की वैसी ही है उसे सुखाकर फ्राई करके सीधे या चिक्की और मिठाईयों में स्तेमाल करके वापस बाजार में बेंच दिया जाता है जो बिल्कुल बेकार है जहर युक्त है एक प्रकार से खली है । यानी आम के आम और गुठलियों के दाम ।
आप बाजार में पैक करके फ्राई की मूंगफली जो मिलती है वो लेकर आ जाईये खासतौर से सफर के समय ट्रेन, रेल्वे स्टेशन आदि पर मिलने वाली मूंगफली । उस मूंगफली के दाने को भूमि या किसी पत्थर पर रखकर किसी चीज से कुचल दीजिये आप देखेंगे वह बिल्कुल पावडर जैसी हो जाएगी लेकिन उसमें से 1 बूंद भी तेल नहीं निकलेगा क्योंकि तेल तो पहले ही निकाला जा चुका है ।
सिर्फ मूंगफली ही नहीं आप बाजार से तिल, नारियल, अलसी, बादाम आदि से बने हुए जो पकवान और मिठाईयां लेकर आते हैं उनमें से ज्यादातर में से भी तेल पहले निकाला जा चुका होता है । ड्राई फ्रूट के रूप में कभी बादाम लेने जाएं तो जरूर चेक करलें की उसमें से तेल निकाला जा चुका है या नहीं ।
ये सब जहर बेंचने का खेल हमारे देश में धड़ल्ले से चल रहा है क्योंकि उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है ना सरकार ना अधिकारी ना कोई नेता । क्योंकि नेताओं और सरकार को तो इन कम्पनियों से रिश्वत मिलती रहती है
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