MP Election Exit Poll 2023 : मध्य प्रदेश में इस बार किसकी बनेगी सरकार ? जानिए क्या कहता है जय सनातन भारत और IPEN नेटवर्क का एग्जिट पोल ?

वोटिंग की गर्मी समाप्त हो गई पर अब अनुमान की सरगर्मी तेज है 


हर समर्थक के अपने अपने तर्क है जिन्हें वह पूरी मजबूती से रख रहा है अन्य की बात मानने सुनने का सवाल ही नहीं बनता क्योंकि टी वी के प्रसार ने कुछ सिखाया हो कि नहीं हठ पूर्वक अपनी बात रखना जरुर सिखाया है 3 दिसंबर तक बहुत सारे सर्वे लेख आयेंगे इसी क्रम में हमारी टीम इंडियन प्राइमरी इलेक्शन नेटवर्क और जय सनातन भारत की टीम द्वारा कुछ अध्ययन किया गया है जिसे हम लोग जय सनातन भारत के पाठकों के बीच प्रस्तुत कर रहे हैं । 

रीवा की आठ सीटों का हाल 

भाजपा के जीतने की संभावना का प्रतिशत

 रीवा भाजपा 70 %
देवतालाब भाजपा 65%
गुढ़ भाजपा 60%
मनिगवा भाजपा 60%
सेमरिया भाजपा 55%
त्योंथर भाजपा 55%
सिरमौर भाजपा 50 बसपा 50%
मऊगंज भाजपा 45 कांग्रेस 55 %


इस चुनाव के शुरुआत में भाजपा पूरी तरह बैक फुट में थी क्योंकि शिवराज सिंह के चेहरे पर भाजपा को एक भी बार
लाभ नहीं हुआ 2003 उमा भारती करिश्मा था 2008 में शिवराज नए थे पर भाजपा 182 से 132 पर आ गई मतलब 50 सीट का नुकसान 2013 भाजपा लड़ाई से बाहर थी मगर 6 महीने पहले मोदी के प्रधानमन्त्री उम्मीदवार घोषित होने से भाजपा को ताकत आकस्मिक बढ़त मिली और वह 161 सीटों के साथ सत्ता में वापस आ गई शिवराज का फिर भी नहीं हटाया गया और 2018 में भाजपा सत्ता से ही बाहर हो गई कांग्रेस की टूट के कारण सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा ने पुनः शिवराज को मुख्यमंत्री बनकर सत्ता आईएएस अधिकारियों के हाथ में ही रहने दी इसकी वजह से संगठन में बेहद कमजोरी पार्टी में गुटबाजी प्रशासनिक भ्रष्टाचार आदि अनेक समस्याएं सामने आईं टिकट वितरण में जिस तरह से शिवराज ने मनमानी की भाजपा बेहद कमजोर हो गई शहरी इलाकों में नगरीय चुनाव में ही स्पष्ट हो गया था भाजपा अपना मध्यम वर्ग का वोट खो चुकी है कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यक वर्ग के द्वारा अधिक उठाया गया और भाजपा के कोर वोटर को तुलनात्मक रूप से लाभ नहीं मिला भाजपा के समर्थक कहते हैं सबका साथ सबका विकास कहने के लिए होना चाहिए जबकि करने के लिए जिसका साथ उसका विकास होना चाहिए ग्रामीण क्षेत्रों में छत्तीस गढ़ की तरह गोबर खरीदी जैसी कोई योजना नहीं होने से नुकसान हुआ है टिकट वितरण में बासी चेहरों को प्रमुखता दी गई ऐसे कई कमियों से भाजपा पूरी तरह से लड़ाई से बाहर हो चुकी थी मगर भाजपा और कांग्रेस में बड़े पैमाने पर टिकट वितरण से हुए असंतोष से जो बागी खड़े हुए उन्होंने भाजपा को वापस ट्रैक पर ला दिया क्योंकि मुख्य पार्टी को वोट के विभाजन का लाभ मिलता है क्योंकि वह अपने बेस वोट के दम पर चुनाव जीत जाती है कांग्रेस कई वर्षो तक इसी गणित से सत्ता में रही थीं अब उसकी जगह भाजपा है कांग्रेस ने कई बाहुबली को टिकट दिया जिससे नुकसान हुआ सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के द्वारा कुछ सीटों को बेच दिया जाना भी कांग्रेस के लिए घातक हुआ और लगभग 30 सीटों में कांग्रेस बिना लड़े ही बाहर हो गई इनमें रहली पन्ना देवतालाब जैसे कई सीट हैं 

 पर पिक्चर अभी बाकी थी वह तो वोटिंग के दिन खुलकर सामने आई और जब सुबह से ही महिलाओं की कतार बढ़ी तो समझ में आ गया की सरकारी कर्मचारी मध्यम वर्ग के द्वारा जो नुकसान हो सकता था उसकी भरपाई लाडली बहन कर रही है और यह भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित हुआ तुलनात्मक रूप से भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर थी इस साइलेंट वोट ने संजीवनी का काम किया इसे साफ तौर से अपने आसपास की सीटों से अनुमान लगाना चाहिए की जो सीट भाजपा की खतरे में थी वह सेफ हो गई यह लगभग 4% के अतिरिक्त वोट की वजह से हो रहा है इसलिए यह प्रारंभिक अनुमान ही है टेबल में दिखाई गई सीट इसीलिए संभव हो सकती है शहरी इलाकों में कम वोटिंग भाजपा के लिए चिन्ता का कारण है ।

भाजपा को संगठन के स्तर पर व्यापक सुधार की आवश्यकता है जिससे जिताऊ उम्मीदवारों का चयन किया जा सके अगर भाजपा चुनाव जीतती है तो यह लाड़ली बहना का श्रेय होगा लेकिन वैचारिक स्तर पर यह भाजपा की पराजय होगी क्योंकि फ्री बाजी के विरुद्ध वह सैद्धांतिक रूप से मुखर है शिवराज को रिपीट किए जाने की स्थिति में भाजपा भविष्य में कठिनाई में आएगी शिवराज के प्रशासन पर बिल्कुल नियंत्रण न होने से भाजपा की सरकार चुनिंदा नौकरशाहों की सरकार बनकर रह जाती है ।

आयुर्वेद में कहा गया है एक सीमा तक ज़हर औषधि है और एक सीमा के बाद औषधि भी ज़हर है अर्थशास्त्र में भी एक सीमा तक मुद्रा स्फीति टॉनिक है इसी प्रकार वोटिंग प्रतिशत को बढ़ने को लेकर भास्कर ने एक आर्टिकल लिखा है जिसमे बताया कि वह सीमा 3 प्रतिशत है अगर वोट प्रतिशत 3 से ज्यादा बढ़ता है तब सरकार बदल जाती है 
इस चुनाव में पिछले चुनाव से वोटिंग लगभग 2 प्रतिशत ज्यादा है जो सरकार की वापसी का संकेत है ।

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