Kannada Controversy: कर्नाटक में कन्नड़ भाषा के नाम पर लगातार कई दिनों से भारी तोड़फोड़ पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार खामोश क्यों है ? जानिए इसके पीछे का सच




यह कर्नाटक में कन्नड़ भाषा के नाम पर लगातार कई दिनों से भारी तोड़फोड़ और कर्नाटक पुलिस की खामोशी कांग्रेस के नेताओं की खामोशी है असल में इसके पीछे राम मंदिर है 

 जो विदेश की मैनेजमेंट कंपनी कांग्रेस पार्टी को सलाह देती है उसने कहा कि भारत में राम मंदिर बनने से हिंदुओं में जबरदस्त एकता आएगी क्योंकि यह राम मंदिर 500 सालों बाद बना है हिंदू अपनी जाति-पत्नी धर्म भाषा क्षेत्र भूलकर राम मंदिर से जुड़ेंगे क्योंकि भगवान राम पूरे भारत में पूज्य हैं और भारत के तमाम प्रदेशों में उनकी निशानियां है 

फिर उस कंसल्टेंट ने कांग्रेस को सलाह दिया कि आप हिंदुओं को तोड़ने पर लग जाइए और इसीलिए आपने देखा होगा कि नेहरू इंदिरा राजीव गांधी नरसिम्हा राव मनमोहन सिंह जो जातिगत जनगणना का हमेशा विरोध करते थे अचानक राहुल गांधी जातिगत जनगणना को ऐसा चीज बता दिए कि यदि जातिगत जनगणना हो जाए तो भारत में सभी कलेक्टर बन जाएंगे सबको रोजगार मिल जाएगा यह जातिगत जनगणना दरअसल हिंदू समाज में वर्ग विग्रह पैदा करना था 

और यह देखिए जितनी भी अलगाववाद योजनाएं कांग्रेस चला रही है वह सिर्फ हिंदुओं को तोड़ने के ध्यान में रखकर ही चला रही है अब उन्होंने कन्नड़ भाषा आंदोलन चलाया जो शख्स इस आंदोलन को लीड कर रहा है वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में हमेशा उनके साथ था 

कल कई ऐसी वीडियो आए जिसमें आंदोलनकारी जब सड़कों पर गुजर रहे थे तब बगल में कई मस्जिदे थी जिसमें उर्दू और इंग्लिश में मस्जिद का नाम लिखा था लेकिन भीड़ ने वहां तोड़फोड़ नहीं किया कई मटन की दुकान आए जहां उर्दू और इंग्लिश में बोर्ड लगे थे भीड़ ने उसे भी छोड़ दिया फिर दो मदरसे आए उन मदरसा पर भी उर्दू में नाम लिखा था उसे भी भीड़ ने उसे छोड़ दिया

 सिर्फ ऐसे बोर्ड को निशाना बनाया जा रहा है जो हिंदुओं की है
 

कांग्रेस विखंडनकारी शक्तियों के साथ क्यों खड़ी होती है ?

बैंगलोर में कन्नड़ भाषा को लेकर तोड़फोड़ चल रहा है। इसमें कहीं कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। कांग्रेस विखंडन के सभी बिंदुओं को बढ़ावा देती ही है। कांग्रेस जातिवाद के साथ खड़ी रहेगी पर हिंदुत्व का विरोध करेगी। कांग्रेस क्षेत्रियता के पक्ष में खड़ी रहेगी लेकिन राष्ट्रवाद का विरोध करेगी। कांग्रेस अलग अलग टैक्स का समर्थन करेगी लेकिन एक टैक्स पद्धति का विरोध करेगी। 
कांग्रेस का एक मात्र काम है इस देश में विखंडन के रेखाओं को गहरा करना। यदि वह सत्ता में आयेगी तो इन रेखाओं का गहरा होना नियति है। कांग्रेस भारत को संवैधानिक राष्ट्र मानती है जिसका जन्म 1947 में कांग्रेस द्वारा हुआ। उससे पहले यह राष्ट्र था ही नहीं। भारत राष्ट्र है तो कांग्रेस के अनुसार उसका कारण इसकी सांझी संस्कृति, सभ्यता और इतिहास नहीं है बल्कि कांग्रेस और संविधान है। वह संविधान और केंद्रीय सत्ता के अतिरिक्त किसी भी अन्य कारक को राष्ट्र बनने का आधार स्वीकार नहीं करेगी। 
भाजपा का राष्ट्रवाद सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है जो यह मानता है कि यह देश संविधान और केंद्रीय सत्ता के कारण नहीं उत्पन्न हुआ है। इसकी उत्पत्ति का कारण यहाँ की सांझी और समन्वयकारी संस्कृति और सभ्यता है जो हज़ारों वर्षों से बना हुआ है। इसलिए जाति, क्षेत्र और भाषाई विभाजन की राजनीति करने वाले दल और संस्थान भाजपा के साथ असहज और कांग्रेस के साथ सहज होते हैं।

आप तैयार रहिए कांग्रेस की स्थापना एक अंग्रेज ए ओ ह्यूम ने किया था अंग्रेज शुरू से बांटो और राज करो योजना में माहिर होते हैं और कांग्रेस अपने पूर्वज ए ओ ह्यूम के इस योजना पर काम कर रही है हिंदुओं को बांटो चाहे भाषा के आधार पर बांटो, जाति की आधार पर बांटो क्षेत्र के आधार पर बांटो और सत्ता में राज करो

टिप्पणियाँ