राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 6 मूल मंत्र हैं जिसे हर शाखा में पढ़ाया जाता है।
1.देशभक्ति
2.सत्यनिष्ठा
3.सेवा और सत्कार
4. परोपकार की भावना भरना
5. साधारण जीवन
6. स्व अनुशासन
यह पढ़ाई दुनिया के महंगे से महंगे स्कूल कॉलेज में भी नहीं होती।
-2009 में थरूर UNO से राजनीति में आया, बड़ी उम्मीदें थीं। समय के साथ ऐसे ऐसे कारनामे किए कि सब ध्वस्त हो गईं।
-हावर्ड से पढ़ा चिदंबरम करोड़ों के हेराफेरी में जेल यात्रा कर आया।
-कैम्ब्रिज से पढ़ा मणिशंकर भारत के खिलाफ पाक से मदद मांगता है।
-हावर्ड लॉ कॉलेज वाला सिब्बल आतंकियों के लिए मर्सी पेटिशन लिखता है।
-ऑक्सफोर्ड के पढ़े वकील आतंकियों के लिए आधी रात को अदालत खुलवा देते हैं।
-ऑक्सफोर्ड से पढ़े चाचा और उसके खानदान ने तो भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड ना केवल तोड़े बल्कि भ्रष्टाचार और वंशवाद के कॉलेज खोलकर दर्जनों को अरबपति बनवा दिए।
-ईमानदार और देशभक्त अन्ना के आंदोलन से निकला IITian केजरीवाल टुकड़े टुकड़े गैंग के साथ खड़ा हो गया,करोड़ों सरकारी रुपए अपनी दीवाली मनाने पर फूंक दिया..ऊपर से अराजक ऐसा कि संसद से पारित कानून को विधानसभा में फाड़ देता है,अपनी ही बात से पलट जाता है।
लुटियन्स गैंग का हर सदस्य विदेशों में पढ़ा है लेकिन गर्दन तक भ्रष्टाचार में डूबा है,अक्सर वह उन एनजीओ के लिए काम करते हैं जो देश के खिलाफ हों।
विवेकानंद,भगत सिंह,आज़ाद जैसे शहीद आईआईटी,आईआईएम,दून,स्टीफेन और विदेशों में नहीं पढ़े लेकिन देश के लिए मर मिटे...ऐसे स्कूल,कॉलेज में क्यों पढ़ना जो देश के काम न आ सके!!!
मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक हूं , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नित्य जाता हूं ,इसी शाखा रूपी गुरू कुल से करोड़ों की संख्या में स्वंयसेवक के निकले जो अलग अलग प्रकल्प में अपना कार्य राष्ट्रहित सर्वोपरि रखते हुए पूरे, सत्यनिष्ठ पूर्वका कर रहे , बहुत समान्य जीवन और दूसरों की सेवा के लिलिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिए हैं । भारत के विद्यालयो में पढ़ने से भी ना केवल अच्छी नौकरी मिल सकती है, डॉक्टर,इंजीनियर भी बन सकते हैं। लेकिन जीवन में कुछ करना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे समाजिक संगठन से जुड़िए और संघ की शाखा रूपी गुरू कुल मे संघ का स्वयंसेवक बनाकर देश और समाज के लिए काम करने का गुण सीखिए एवं राष्ट्र निर्माण में अपनी महती भूमिका निभाकर अपना जीवन धन्य करिए और आपदा काल में में निस्वार्थ मदद कीजिए , भूखों को खाना,बीमार को दवा दिजिए
वंदेमातरम् 🙏🏻 जयहिंद 😍जय माँ भारती
R SS की दिल्ली यूनिवर्सिटी में अध्यापकों की की नियुक्ति में जो नीति है उसमे घोर भ्रष्टाचार है तथा EWS के बाहर का प्रतिभाशाली सवर्णों के साथ अन्य हो रहा है।अतः अब मैं RSS ke पाखंड की सब जगह चर्चा करूंगा।
जवाब देंहटाएंजिसमें इतना सामर्थ्य नहीं कि कि अपने नाम से पोस्ट डाल सकें बेनामी नाम से पोस्ट डाल रहा है उसकी बात से साफ है कि यह व्यक्ति संघ को बदनाम करने और समाज में संघ की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से ही ऐसा लिख रहा है। संघ को जानने के लिए संघ से जुड़े और संघ को अपनाओ तभी पता चलेगा कि संघ क्या है। संघ की विशेषता यह है कि संघ कुछ नहीं करता और स्वयंसेवक कुछ नहीं छोड़ता। सूचना है तो सोचना नहीं । जहां अपेक्षित वहां ऐ।
जवाब देंहटाएंयही तो संघ के स्वयंसेवक का ध्येय है। संघ व्यक्ति और व्यक्तित्व का निर्माण करता है। जिसने जिया नहीं संघ को वो क्या जाने संघ क्या है। भ्रामक प्रचार करना ही वामपंथी विचारधारा वाले नेता और उनके साथियों का लक्ष्य है।
सत्ता के लिए कितना नीचे कार्य कर सकते हैं यह अब सभी जानते हैं।
देश में अराजकता का माहौल आकर अपना उल्लू सीधा करना ही इनका असली मकसद है यही सत्य है।
*भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं हृदय नहीं वो पत्थर है।*