Ayodhya Ram Mandir : 2024 में महामानव का अश्वमेघ यज्ञ रोकना किसी के लिए असंभव क्यों है जानने के लिए पढ़ें पूरा आलेख

पूरा भारत इस समय एक है। मुझे यह कहते हुए कोई संकोच नहीं कि मुसलमानों ने भी मात्र एक दशक के हिंदू मन के शासन में यह स्वीकार कर लिया है कि वह हिंदुओं के साथ समानता से तो रह सकते हैं लेकिन दबाकर नहीं रह सकते। 
जो जेहादी इस्लामिक नेतृत्व अभी यह स्वीकारने को तैयार नहीं है अथवा जो हारा हुआ निराश हिंदू मन अभी भी भ्रम की स्थिति में है, उसको इस बात की झलक 2024 चुनाव के परिणाम बता देंगे। पूरा देश मुद्दाविहीन हो चुका है, यह किसी भी शासक के लिए सबसे आदर्श स्थिति होती है। 
महामानव के 2024 के अश्वमेध यज्ञ को रोकने के लिए संपूर्ण विपक्ष ने मिलकर बड़े मुश्किल से एक गधे को छोड़ा है। घोड़े और गधे के दौड़ में कौन कितना आगे रहकर जीत हासिल करेगा, समझना मुश्किल नहीं है। केवल उत्तर प्रदेश की बात करूँ तो सपा बसपा कांग्रेस और रालोद मिलाकर कुल अधिकतम 05 सीट ला रहे हैं। भाजपा गठबंधन इस बार 380 के पार जाने वाले हैं और यदि 400 पार हुआ तो भी कोई आश्चर्य नहीं। जाति का कार्ड खेला जाएगा लेकिन हिंदू इस समय इस कदर एक है कि कई जगह यह कार्ड बैकफ़ायर कर जाएगा। जब हिंदूवादी जनमन कांग्रेस के एजेंट के तौर पर उतरे निकृष्ट वर्णवादी शंकराचार्यों तक को बख्शने को तैयार नहीं है जो कि भगवा वस्त्र तक को बेचकर समर्थन कर रहे हैं तो सफ़ेदपोष नेताओं का क्या हाल होगा??
ओबीसी जनगणना के भरोसे चमत्कार की उम्मीद लगाए नीतीश कुमार का हाल देखकर समझ जाइए कि जातिवाद के राजनीति के क्या बुरे दिन आ गये हैं? नीतीश कुमार ख़ुद अपने पार्टी से भाजपा विरोधी काँटों को निकाल चुके हैं और मौक़े की तलाश में लगे हैं कि किसी तरह एक सम्मानजनक ऑफर आ जाय। यादव राजनीति में भी सेंध लग चुका है। यादव बहुत जल्दी अपना स्टैंड नहीं बदलते, पर वह भी बेवक़ूफ़ नहीं हैं। डॉ मोहन यादव, भूपेन्द्र यादव, नित्यानन्द राय आदि को आगे करके भाजपा ने यादव समाज को मैसेज दे दिया है कि हम आपको अपनाने के लिए तैयार बैठे हैं बस आप लोग खूँटे से बधने की आदत छोड़िये। बिहार में भी परिणाम आश्चर्यजनक आ जाये तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। बाक़ी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, उत्तराखण्ड, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, असम, हिमांचल, जम्मू आदि में तो कही कोई लड़ाई ही नहीं है। पश्चिम बंगाल में इस बार 25 सीट से ऊपर जाने वाली है। इंडिया नामक यह गठबंधन एक दूसरे के बलि लेने के लिए श्रापित है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, ममता बनर्जी और कम्युनिस्ट पार्टी, केरल में कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस, ये सब एक दूसरे का गला घोटेंगे। यदि ये समझौता कर भी लिए तो इनके पार्टी के वो लोग जो चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं अथवा अपने अपने क्षेत्र में लंबे समय से तैयारी कर रहे थे, वह इनके घर में आग लगा देंगे, भीतरघात करेंगे। ऐसे में 2029 तक नरेंद्र मोदी का रास्ता साफ़ है और इसका मतलब है कृष्ण जन्मभूमि के भी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होना। गायों के साथ मोदी की तस्वीर यह संकेत करने के लिए बहुत है। 
भगवान राम अपने वानरों और भालुओं को इसी तरह आगे बढ़ने का आशीर्वाद दें…..
जय श्री राम। 🙏🙏🙏

डॉ भूपेंद्र सिंह
लोकसंस्कृतिविज्ञानी 

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