अशोक सिंघल जी संतों के संत थे, अधिकांश संत यह बात जानते थे

अशोक सिंघल जी संतों के संत थे, अधिकांश संत यह बात जानते थे और मानते थे। तमाम संत उन्हें अपने बराबरी अथवा अपने से उच्च आसान देने की ज़िद भी करते थे लेकिन वह जीवन भर सरल स्योर सहज रहे। किसी के प्रति न तो कोई दूराग्रह और न ही दुर्विचार। 
चुनार से आधे घंटे की दूरी पर अड़गड़ानंद जी का आश्रम है। कई बार हम लोग घूमने जाते थे तो वहाँ जेड प्लस सुरक्षा के सुरक्षाकर्मियों को देखकर समझ आ जाता था कि अशोक जी वहाँ पर रुके हैं। बिना किसी को बताये संतों के साथ एकांत में सत्संग करते थे। 
बाबरी विवादित ढाँचा नहीं गिरता तो शायद वह भूमि भी कभी हिंदुओं को प्राप्त नहीं होती। और यदि वह भूमि नहीं मिलती तो हम लोग आज का शुभ दिन नहीं देख पाते। इसमें बहुत बड़ी भूमिका श्री अशोक सिंघल जी की रही। बहुत कम लोग जानते हैं कि वह एक अच्छे गायक भी थे। उनको सुनना दिव्यता की अनुभूति कराता था। उन्होंने ही नरेंद्र मोदी को सर्वप्रथम अवतारी पुरुष बताया था और उन्होंने यह बात भावावेश में नहीं कहा था, साथ में भविष्यवाणी की थी कि यदि मंदिर कोई बनाएगा तो वह मोदी बनायेंगे। आप उनके द्वारा गाया गया एक शानदार गीत सुनिए और महसूस करिए कि वह कितने भाव और भावना से इस देश की संस्कृति से जुड़े थे। लिंक कमेंट में है।
Bhupendra Singh भैया जी की कलम से

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