Ram Mandir : राम के आगमन का समय है,राष्ट्र का यह नवल अभ्युदय है ll

राम के आगमन का समय है ,
राष्ट्र का यह नवल अभ्युदय है ll
पांच सौ वर्ष की थी परीक्षा कठिन,
सबरी मां के नयन सी प्रतीक्षा कठिन ll
रामजी के प्रतिष्ठा की है शुभ घड़ी ।
लोग तब कर रहे हैं समीक्षा कठिन 

धर्म की चिर प्रतीक्षित विजय है।
तय हुआ राष्ट्र का अभ्युदय है ll

राम राजा नहीं राष्ट्र के प्राण हैं, 
संत-साधू पतित-भक्त के त्राण हैं, 
पुष्प से हैं मुलायम कठिन वज्र से, 
दुष्ट संहार हित अति प्रखर बाण हैं l

मेरे राघव का अद्भुत हृदय है ll
अब अटल राष्ट्र का अभ्युदय है ll


सुत मिलें आपको राम के रूप में, 
राम के आचरण मिल सकें भूप में, 
मेघ बरसें तो बरसें सदा संतुलित 
एक सी ऋतु रहे शीत में धूप में l

राम हैं तो न कुछ भी अजय है,
राष्ट्र के भाग्य का अभ्युदय है ll

राममय हो चला सारा वातावरण 
धारना है हमें धर्म का आचरण
पापच्युत हों सभी पुण्य अर्जित करें 
होगा तब दिव्यतम राम नव अवतरण ll

लय सभी की हुई राममय है।
राष्ट्र का यह नवल अभ्युदय है ll

आइए सब स्वयं को परिष्कृत करें, 
काम मद मोह कुछ तो तिरस्कृत करें, 
राम का आगमन है, सजा है अवध,
भूख भय को जगत से बहिष्कृत करें ll

राम जी का यही राजनय है 
राष्ट्र के भाग्य का नवउदय है ll

राम हैं तो न कुछ भी अजय है,
राम हैं तो पराजय विजय है ll

*विद्यावारिधि*

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