असली गद्दार कौन_है

 

खालिस्तानी आए दिन ब्राह्मणों में आरोप लगाते हैं कि कोई " गंगू ब्राह्मण" नाम का व्यक्ति था जिसके कारण सिख गुरु, गोबिंद राय के बेटे मारे गए हैं , इस बात का आज तक कोई इतिहासिक साक्ष्य नही मिला है । इस पोस्ट के माध्यम से असली गद्दार की पहचान की जाएगी ।

वजीर खान ने जब सिख गुरु गोबिंद राय के बेटों की हत्या कर दी थी तब किसी भी सिख में इतनी कूबत नही थी कि वह उनके हत्या का बदला ले सके । पंजाब में मुगल बादशाह औरंगजेब के विरुद्ध अगर किसी ने मोर्चा खोला था तो वह बाबा लक्ष्मण भारद्वाज ही थें । बाबा लक्ष्मण भारद्वाज ने पंजाब से न सिर्फ मुगलों के पैर उखाड़े बल्कि गुरु गोबिंद के बेटों की हत्या का बदला भी वजीर खान से लिया था । बाबा बैरागी की बढ़ती ताकत से न सिर्फ मुगल बल्कि सिख खेमा भी भयभीत था , बाबा बैरागी को पकड़वाने के लिए मुगलों और सिखों ने घेराबंदी कर ली थी । गुरु गोबिंद की विधवा पत्नी सुंदरी कौर ने बाबा बैरागी के खिलाफ हुक्मनामा निकाला था , हुक्मनामा के मुताबिक बाबा बैरागी का साथ देने वाले सिख गुरु के द्रोही कहलाते और गुरु का सच्चा सरदार कहलाने के लिए बाबा बैरागी को पकड़ना था, अंततः सिखों और मुगलों की सांठगांठ से बाबा बैरागी पकड़े गए । बाबा बैरागी के शरीर से गर्म चिमटे के द्वारा उनका माँस नोचा गया और इनके बेटे का कलेजा इनके मुँह में ठूंस दिया गया था । जिन सिखों की लड़ाई को बाबा बैरागी आगे लेकर आए, जिन गुरु के बेटों की हत्या का बदला बाबा बैरागी ने लिया और जिस माँ के बेटे के हत्यारे को बाबा बैरागी ने मारा उन्ही बाबा बैरागी को सिखों ने धोखा देकर पकड़वा दिया ।

बाबा बैरागी को सिख इतिहासकार , गुरु गोबिंद से नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं जबकि बाबा बैरागी खुद गुरु थें और इनके अनुयायी लाल कपड़ा और पगड़ी पहनते थे और इनका उद्घोष था "दर्शन जी का फतेह , दर्शन जी का खालसा " । बाबा बैरागी का संबंध न सिखों से हैं और न ही सिख इतिहास से बल्कि इनका संबंध सिर्फ और सिर्फ हिन्दू से है।

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