इस जुमले के साथ भावनाएं भड़काती पोस्ट/खबर थोड़े-थोड़े समय पर नजर आती ही है। ऐसी सभी पोस्ट में ख़ास बात ये होती है कि इनमें भावनाओं का मसाला तो खूब होता है, लेकिन तथ्य-गिनती कहीं दिखेगी नहीं।
ऐसी बयानबाजी पर भावना बेन को आहत करने के बदले थोड़ा ठंडा पानी पीजिये। ऑनलाइन आरटीआई डालकर खुद पूछ लीजिये कि भारत से कितना "बीफ" निर्यात किया गया? क्या भारत मे कोई कम्पनी गाय या गौवंश के मांस का ट्रेडिंग कर सकती है?
सरकार जवाब देगी।
फिर आपको पता चलेगा कि भारत से गौमांस ही नहीं गाय के शरीर के हिस्से निर्यात करना भी प्रतिबंधित है।
हाँ, भैंस का कितना मांस एक्सपोर्ट हुआ, इसका डाटा ऑनलाइन उपलब्ध है। उससे भी भावना बेन आहत होती हो तो बेशक कीजिये।
अंग्रेजी में बीफ मतलब सिर्फ गाय का मांस नही बल्कि भैंसे का मांस भी होता है
लेकिन ये फर्जी कांग्रेसी न्यूज पोर्टल सनसनीखेज खबर देंगे
और कौन सी कंपनी किस पार्टी को चंदा देगी यह उस पार्टी को भी नहीं पता होता
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें