लोकतंत्र में सबसे बड़ा झूठ यही पढ़ाया जाता है कि लोकतंत्र में आम लोगों द्वारा आम लोगों के पक्ष में कार्य करने वाली सरकार चुनी जाती है।

लोकतंत्र में सबसे बड़ा झूठ यही पढ़ाया जाता है कि लोकतंत्र में आम लोगों द्वारा आम लोगों के पक्ष में कार्य करने वाली सरकार चुनी जाती है।

जबकि सच ये है कि लोकतंत्र में वोट डलवाना एक तरह का सेफ्टी वाल्व है जिससे व्यवस्था के प्रति उत्पन्न आक्रोश निकलता रहता है जिसको आप वोट देते हो उसके हर सही गलत कार्य को आप defend करते रहते हो।

असल में लोकतंत्र में सरकार पैसों के लिए काम करती है जो पैसा देता है सरकार उसके लिए काम करती है उनके लिए नीतियां बनाई जाती है।
इलेक्ट्रॉल बॉन्ड से और कुछ हुआ हो ना हो यह बात स्पष्ट है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को जो कंपनी पैसा देगी उनके हित में काम होगा।

इलेक्ट्रॉल बॉन्ड से पहले पैसा दो नंबर में लिया जाता था अब पैसा इलेक्ट्रॉल बॉन्ड के माध्यम से बैंकिंग चैनल से लिया जा रहा है यानि रिश्वत एक नंबर में ली जा रही है।

देश धर्म को केवल धार्मिक राजतंत्र ही बचा सकता है लोकतंत्र नही।

इंग्लैंड जिसने सारे विश्व पर राज किया है लोकतंत्र ने उसका कबाड़ा कर दिया है भारत का क्या भला होगा?

पिछले 70 वर्ष से देश में लोकतंत्र ने सनातन धर्म को जाति पाति के नाम पर ,भाषा के नाम पर, बांट दिया है।
स्त्री पुरुषो का नैतिक पतन कर दिया है परिवार व्यवस्था छिन भिन्न कर दी है।
हर व्यक्ति बीमार है,नदिया दूषित हो गई हैं पहाड़ काट दिए हैं।

समुद्र प्लास्टिक से पाट दिए गये हैं लेकिन लोकतंत्र की अफीम लोगों को ऐसी चटा दी गई है कि लोग इसको ही विकास मान कर नाच रहे हैं।


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