Chanakya Niti : चाणक्य के अनुसार राज्य को अपने गुप्तचर किस रूप में नियुक्त करने चाहिए

चाणक्य के अनुसार राज्य को अपने गुप्तचर पागल के भेष में , भिखारी के भेष में नियुक्त करने चाहिये । क्योंकि यह कहीं पर भी आएं जाएं इन पर किसको को शक नहीं होता । चाणक्य के अनुसार देश धर्मगुरुओं के भेष में गुप्तचरों के नियुक्ति अति उत्तम है क्योंकि यह धर्म गुरु जनता को धर्म संस्कृति से काट कर राजा के खिलाफ होने वाले विद्रोह से राजा की रक्षा करतें हैं । अंग्रेजों ने भारत में इसी चाणक्य नीति का प्रयोग करते हुये पहले गुरुकुलों को कमजोर किया । क्योंकि पहले गुरुकुलों से निकलने वाले छात्र समाज का सही मार्गदर्शन करते थे । इस vaccum को भरने के लिये अंग्रेजों ने जगह जगह धर्मगुरुओं के भेष में अपने गुप्तचर plant कर दिए ।

 पंजाब के बड़े बड़े डेरे सब अंग्रेजों की देन हैं । अधिकतर बड़े डेरों के पहले मुखिया अंगेजों की फ़ौज़ में थे । यहां पर उनको training आदि देकर उनको सनातन समाज में रोपित कर दिया गया । इन बड़े बड़े डेरों को अंग्रेजो ने मुफ्त में जमीन उपलब्ध करवाई । पहले पहले इन डेरे वालों ने राम कृष्ण के भजन गाकर भीड़ इक्कठी कर , फिर धीरे धीरे अपने आप ही गुरु declare कर दिया ,फिर भगवान । 

फिर इन नकली बाबाओं ने राम कृष्ण और सनातन संस्कृति को कोसना शरू कर दिया । इन नकली धर्मगुरुओं के कहने पर ने लोगों को राम ,कृष्ण और शिव के चित्र घर से बाहर कर दिए ,दिवाली दशहरा आदि 





हिन्दू पर्व मानने बन्द करवा दिए । आजकल कई स्वैघोषित भगवान बलात्कार के आरोपों में जेल की चक्की पीस रहें हैं । किसी बाबा पर बैंकों के पैसे लूटने पर केस चल रहे हैं । कई कॉरपोरेट बाबाओं ने सुंदर सुंदर महिलाओं को प्राइवेट सेक्टरी रखा हुआ । इनमें अधिकतर बाबा अपने डेरे का नाम चमकाने के लिये कुछ समाज सेवा के धंदे से भी जुड़ें हुए हैं ।

ईसाई मिशनरियों से अधिक खतरनाक हिंदुओं के नकली धर्म गुरु हैं ।यह पहले हिन्दुओ को अपनी धर्म संस्कृति से काट देतें है । इसलिये पथभ्रष्ट हिन्दू समाज का सब तरह पतन हो रहा है । यह पथभ्रष्ट हिन्दू समाज ही धर्मपरिवर्तन का आसान शिकार हो रहा । यह नकली धर्म गुरु हिन्दू समाज को अंदर से ही घुन की तरह खा रहें हैं । 

अब प्रश्न उठता है कि इनका मुकावला कैसे हो । तो इसका उत्तर है गुरुकुलों से निकले हुये धर्मपरायण छात्र ही इनकी फैलाई हुई गन्दगी को साफ कर सकतें हैं। गुरुकुलों को मजबूत करना ही एकमात्र उपाय है ।

ब्रह्मकुमारीज में शायद ही कोई सिख , ईसाई ,या मुस्लिम होगा । इनका सारा उद्देश्य सनातन धर्म का नाश कर ईसाइयत को बढ़ावा देना है

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