स्त्री जब भी बहन हैं
तो प्यार का दर्पण है ||
स्त्री जब पत्नी है
तो खुद का समर्पण है ||
वहीं स्त्री जब भाभी बनती हैं,
तो भावना का भंडार है ||
वही स्त्री जब सालियां होती है,
तो जीवन में चूहुल और हर्ष का पर्याय हैं!
मामी मौसी बुआ बन जाती हैं
तो स्नेह का सत्कार है ||
स्त्री जब चाची के रूप में होती हैं,
तो कर्तव्य की साधना है||
स्त्री जब भी मित्र और साथी होती हैं,
तो मार्गदर्शन की शतत संभावना है ||
और अंतिम पंक्ति......
स्त्री जब भी #माँ के भाव में हों;
तो साक्षात "परमात्मा" है।।।
मेरे जीवन में विभिन्न संबंधों से जुड़ी आप सभी स्त्रियों को महिला दिवस की अनन्त शुभकामनायें और प्रणाम प्रेषित है !!
🙏🙏🙏
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