भाजपा आज इतनी मजबूत कैसे हैं जानने के लिए पढ़ें विस्तार से


मै ने एक बात देखी ट्विटर में क्या चल रहा क्या नहीं चल रहा इसका असर जमीन पर चुनावों पर नहीं पड़ता है। फिर विपक्ष फर्जी मुद्दों पर अपनी ऊर्जा सोशल मीडिया में व्यर्थ करता है वही दूसरी तरफ भाजपा का संघ या अन्य अनुसांगिक संगठनों के कार्यकर्ता 24×7 सातो दिन रात दिन तन समर्पित मन समर्पित यह जीवन समर्पित चाहता हूं मातृभूमि तुझको कुछ और भी दूं इस मंत्र को लेकर जमीन कार्य करते हुए मिल जाएंगे प्रतिदिन सुबह शाखा में जाना हो और शाखा के मध्यम से समाज के लिए आदर्श व्यक्ति का निर्माण करना जो देश और समाज के लिए हर क्षेत्र में नेतृत्व करने की क्षमता रखने वाले कार्यकर्ताओं का निर्माण किया जाता है शाखा में तैयार किया गया अपनी ऊर्जा और शक्ति अलग -अलग क्षेत्रों में में राष्ट्र निर्माण में लगाते हैं वही कार्यकर्ता सेवा भर्ती के मध्यम से ग़रीब बस्तियों में सेवा कार्य में लगे रहते हैं सरस्वती शिशु मंदिर के मध्यम से लाखो शिक्षक देश के भविष्य निर्माण में लगे मिलेगे बंजरग दल विश्व हिन्दू परिषद हिंदू जागरण मंच के माध्यम से हिंदू जागरण के लिए कार्यकर्ता हिंदू समाज के जनजागृति का कार्य करते हुए मिलेगे वनवासी क्षेत्र में वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता वनवासी समाज के लोगों शिक्षा स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं को उपलब्ध कराते मिलेंगे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता युवाओं के बीच युवाओं के हक आवाज उठाते मिलेंगे और विद्यार्थियों को राष्ट्रवाद हिंदुत्व विचार के साथ जोड़ते हैं मजदूर संघ श्रमिकों के बीच कार्य करता है किसान संघ किसानों के बीच कार्य है संस्कृति भारतीय के मध्यम सनातन संस्कृति उत्थान के लिए काम करने लोगों को प्रोत्साहित करते मिलेंगे । इसके अलावा पर्यावरण समेत अनेक विषयों संघ के कार्यकर्ता प्रकल्प चलाते मिल जाएंगे हैं । वो भी निस्वार्थ भाव के साथ काम करने मिलेंगे जब सत्ता में नहीं होते तब भी काम करते हैं देश हमे देता सबकुछ हम भी कुछ देना सीखें इस मंत्र के संघ के कार्यकर्ता चरित्रार्थ करते हुए मिलते हैं हम रहे या न रहे ये देश रहना चाहिए इसलिए जब भाजपा की 2 सीट वाली पार्टी होती तब भी भाजपा का कार्यकर्ता कभी निराशा न नहीं होता जब 303 सीट जीत जाती है तब भी अहंकारी नहीं होता हैं राष्ट्र कार्य निस्वार्थ भाव से करते रहते हैं ।

 इस वैचारिक समर्पण के सामने विपक्ष के पास कुछ नहीं है बीजेपी आज सत्ता से बाहर होती है तो 5 से 10 वर्ष बाद प्रचंड बहुमत वापसी करेगी क्योंकि भाजपा के पास विचारधारा नीति है और नियत और नेतृत्व है , मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस आयातित विदेशी वामपंथी विचारधारा के भरोसे चल रही है कांग्रेस के पास कोई विचारधारा है न नीति है न नियत है न नेतृत्व है । इसलिए 2024 का चुनाव स्पष्ट है राजपूत नाराज या कोई और जाति नाराज हैं इन चीजों से एक से दो सीट में फर्क पड़ सकता है लेकिन सभी लोकसभा सीटों में नहीं पड़ सकता है ,आज युग इनफॉरमेशन वेलफेयर हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन हर व्यक्ति के पास सही स्पष्ट जानकारी पहुंच रही है आज के युग में कोई पार्टी जाति और क्षेत्र भाषा या भावनात्मक मुद्दों पर लोगों बहकर वोट नहीं ले सकती यह संभव भी नहीं है ।

1991 के उदारीकरण के बाद बड़ा वर्ग का जीवन स्तर सुधर है बड़ी आबादी गरीबी रेखा से उठाकर निम्न मध्यम वर्ग निम्न मध्यम वर्ग से उच्च मध्यम वर्ग की अग्रसित हो रहे हैं आज के समय में लोग जाति क्षेत्र के नाम पर वोट नहीं देना चाहते हैं क्योंकि लोगों की आकांक्षाएं बहुत है उनकी आकांक्षाओं को जो पूरा कर रहा उसी को वोट करते हैं । इसलिए आज के समय लोकतंत्र खतरे में फला पार्टी जाति विरोधी में जैसे भावनात्मक मुद्दों के आधार पर आज का मतदाता वोट नहीं डालने वाला है । पहले गरीबी हटाओ जैसे नारे देकर चुनाव जीता सकता था आज संभव नहीं है धीरे-धीरे भारतीय मतदाताओं परिपक्वता आ रही है जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है । 

 लेकिन भारत में एक 20 से 25% मजहबी 14 सौ वर्ष की कबीलाई किताबी मानसिकता मानने वाली आबादी उसका एकमात्र उद्देश्य भारत को कैसे इस्लामिक राष्ट्र में तब्दील किया जाए मजहबी किताबी जमात सकारात्मक मुद्दों के आधार पर वोट नहीं करती है उसके लिए जो किताब में लिखा वही अंतिम सत्य है जिसके कारण बहुसंख्यक हिन्दू आबादी असुरक्षा भाव बना रहता है उसके एतिहासिक कारण भी है कि क्योंकि जब तक हिंदू बहुसंख्यक तभी लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य संरक्षित है जिस दिन हिंदू अल्पसंख्यक हुआ न लोकतंत्र रहेगा न संविधान हैं भारत का लोकतंत्र इसी मजहबी मानसिकता के कारण हमेशा खतरे में रहेगा इस मजहबी किताबी मानसिकता समाधान नहीं निकाला जाएगा यह समास्या हमेशा जस की तस बनी रहेगी बाक़ी सबकुछ ठीक है । यह चुनाव 80 और 20 के बीच है विपक्ष जितना भी प्रयास करें कुछ भी नहीं होने वाला है ।

दीपक कुमार द्विवेदी

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