क्या लोकतंत्र सच में खतरे में या विपक्ष की यथास्थितिवाद की राजनीति खतरे में है


आज के समय में विपक्षी पार्टी कांग्रेस और उनसे सहयोगी दलों द्वारा यह आरोप लगाया जाता कि मोदी जी के आने के बाद लोकतंत्र खतरे में आ गया संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा जांच एजेंसियों का दुरपयोग किया जा रहा है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है मिडिया सरकार के सामने नतमस्तक हो गई है इसलिए इस समय लोकतंत्र खतरे में है । 

क्या सच में ही लोकतंत्र खतरे में या विपक्ष की जड़ता और यथास्थितिवाद आधरित हिंदू जनमानस के विरोधी राजनीति को देश के बहुसंख्यक समाज ने नाकार दिया है ऐसे प्रश्न इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि मोदी सरकार पिछले 10 वर्ष में में अभी असहिष्णुता के नाम पर कभी अवार्ड वापसी के नाम पर कभी लिंचिग के नाम पर कभी आंदोलन जीवियों द्वारा सड़क को जाम करवाया गया यहां तक रवीश कुमार जैसे पत्रकारों द्वारा रात-दिन मोदी जी के उपर तथ्य हीन झूठे आरोप लगाए फिर रबीश कुमार गिरफ्तार नहीं किया गया न आंदोलन जीवियों के उपर लाठीचार्ज नहीं किया गया फिर भी लोकतंत्र खतरे में इस तरह का आरोप लगाया जाता है । भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करने के कारण आरोप लगाया जा रहा है क्योंकि नरेन्द्र मोदी जी ने 2019 में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था जिन्होंने देश को लूटा उन्हें पाई पाई का हिसाब देना होगा देश को लुटने वाले नहीं बचेंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी तो अपने वादों का पूरा कर रहे हैं फिर लोकतंत्र खतरे में कैसे है यह विपक्ष बताए लोकतंत्र खतरे के पीछे छुपकर अपनी यथास्थितिवादी आधरित लोकतांत्रिकता संवैधानिक व्यवस्था विरोधी विचार को ढकने का प्रयास तो नहीं है ऐसा प्रश्न इसलिए उठा रहा क्योंकि स्वतंत्रता के बाद सर्वाधिक समय तक कांग्रेस सत्ता में रही है कांग्रेस के पास अवसर भी था फिर कांग्रेस ने ऐसी यथास्थितिवादी आधरित राजनीति शुरू की जिसके कारण बड़े सुधारों को ठंडे बस्ते डाल दिया है जिसका भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा इस विषय पर विस्तार आगे बात करेंगे विचारधारा विहिन यथास्थितिवादी राजीनिति का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा इस पर विस्तार से बात करेंगे । 

भारतीय लोकतान्त्रिक परंपराओं का चीरहरण कांग्रेस ने कैसे किया। 

कांग्रेस लोकतांत्रिक मर्यादा की बात बहुत करती है यह कहते हुए कांग्रेस भूल जाते हैं उसी की सरकारों ने सबसे अधिक लोकतांत्रिक व्यवस्था का चीरहरण किया है 1959 में केरल की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को भी आर्टिकल 356 का इस्तेमाल करके बर्खास्त कर दिया गया था.इंदिरा गांधी का आपातकाल के पहले और बाद में प्रधानमंत्री के तौर पर लगभग 15 साल का कार्यकाल रहा. इस दौरान 1966 से 1977 के बीच 36 बार और 1980 से 1984 के बीच 15 बार अलग-अलग राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया गया.

आजादी से लेकर अब तक जितनी बार भी राष्ट्रपति शासन लगा है, ज्यादातर समय केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार रही है. हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आर्टिकल 356 का दुरुपयोग सिर्फ कांग्रेस ने ही किया.

इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी की सरकार बनी. मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने. जनता पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में 21 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया. इन तीन साल में 6 महीने के लिए चौधरी चरण सिंह भी कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे. जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद 1980 में इंदिरा गांधी फिर से प्रधानमंत्री बनीं और उन्होंने एक साथ 9 राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा दिया. इसके अलावा कांग्रेस ने संवैधानिक संस्थाओं का सबसे अधिक दुरुपयोग किया है इसके कई उदाहरण मिल जाएंगे । 

विचारधारा विहिन यथास्थितिवादी राजीनिति का भारतीय समाज पर क्या दुष्प्रभाव पड़ा ।

कांग्रेस पार्टी ने विचारधारा विहिन ध्येय विहिन यथास्थितिवादी राजीनिति की जिसका भारतीय समाज पर बहुत बड़े स्तर पर दुष्प्रभाव पड़ा है कांग्रेस ने सत्ता के लिए भारत माता के अचाल को काटकर देश के दो टुकड़े कर दिए जो आज भी भारत माता के सीने नस्तर की तरह चुभता है उसके आलावा कांग्रेस कुकर्म बहुत ज्यादा है चाहे कश्मीर समास्या हो या सियाचीन को चीन को तोहफे में देना हो या तिब्बत पर आक्रमण करने वाली चीनी सेना राशद की आपूर्ति करना हो या नक्सलियों का समर्थन करना हो या शिक्षा व्यवस्था को को वामपंथी इस्लामियों हवाले करना हो या भाषा क्षेत्र के नाम पर अलगाववाद की भावना पैदा करना हो भ्रष्टाचार को स्थाई समास्या बनाना हो कांग्रेस ने ऐसे पाप किए हैं जिसको गिनने लगे गिनती करना मुश्किल होगा अब यथास्थितिवादी राजनीति को समझते हैं कांग्रेस ने भारतीय समाज के उपर ऐसी समाजिक आर्थिक राजनैतिक व्यवस्था थोपी जो पूरी तरह सम्यवादी कम्युनिस्ट मॉडल पर आधरित जिसमें सुधारवादी और उदारवादी होना पाप समझा जाता था पूरी आर्थिक व्यवस्था को को सरकार में क़ब्ज़े कर लिया गया पूरा अर्थतंत्र सरकार अधीन हो गया जिसके प्रभाव यह हुआ भारतीय समाज जो उद्यमी व्यावासायिक मानसिकता का था उसे सरकार द्वारा समान अवसर न देने के कारण हंसिए पर चला गया कांग्रेस ने अपनी नीतियों के माध्यम यह तय करने का प्रयास किया कि ग़रीब गरीब रहे ग़रीबी से उठ गया तो गरीबी के नाम पर राजनीति करने मुश्किल हो जाएगा कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया भारत की छवि दुनिया भर में सांप सपेरों के देश के रूप में हो उसके लिए भरसक प्रयास किए बहुत हद तक सफल हुए भारतीयों के मन में दीन हीन भावना भर दी भारतीय एक सुई भी नहीं बना सकते हैं। अंग्रेजों के आने पहले भारत का कोई अस्तित्व नहीं ही था भारत का जन्म देश के रूप में 15 अगस्त 1947 में हुआ गांधी भारत के राष्ट्रपिता है भारत की सभ्यता 2000 हजार वर्ष की भारत के मूल निवासियों के साथ विदेशी आर्यो ने आक्रमण किया आर्य विदेशी है भारत की कोई देश नहीं है राज्यों का संघ भारत कभी एक नहीं हो सकता है। मुस्लिम पीड़ित हैं हिंदू अत्याचारी होते हैं इस तरह का मानस कांग्रेस ने तैयार करने का प्रयास किया फिर भी भगवान श्री राम की अद्भुत महिमा हुई पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जी ने देश को कांग्रेसी यथास्थितिवादी मानसिकता निकलने का प्रयास किया बड़े आर्थिक सुधारों को 1991 में लागू कर दिया जिसका प्रभाव यह हुआ भारतीयों नये अवसर मिलना शुरू हुए जिसका यह प्रभाव की भारत आज दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन गया आधुनिक भारत के निर्माता युग पुरुष नरसिम्हा राव का जो कांग्रेस प्रधानमंत्री थे उन्होंने कांग्रेस ने बहुत अपमानित किया यहां तक उनके पार्थिव देह कांग्रेस पार्टी ने अपने कार्यालय में नहीं रखने दिया क्योंकि उन्होंने कांग्रेस यथास्थितिवाद की राजनीति को चुनौती दी थी । कांग्रेस बस चलता तो आज भारत उसी स्थिति में होता जो 1990 के दशक में था कांग्रेस कभी कुछ बदलाव नहीं करना चाहती है जब कांग्रेस चाल चरित्र चेहरे को जनता ने पहचानना शुरू किया तो कांग्रेस पार्टी कई राज्यों से सत्ता से बाहर हो गई तमिलनाडु बंगाल उत्तर प्रदेश आंध्रप्रदेश गुजरात में कांग्रेस वर्षों सत्ता में नहीं आई है। जैसे कई राज्यों में सत्ता से बाहर हुई कभी सत्ता में कांग्रेस नहीं आ सकीं उसी प्रकार अब देश से भी सत्ता से बाहर हो गई इसलिए अब लोकतंत्र खतरे में आ गया सही मायने में आज लोकतंत्र मजबूत हुआ क्योंकि देश अब कांग्रेस यथास्थितिवादी राजीनिति को अस्वीकार कर दिया जैसे कांग्रेस ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के निमंत्रण अस्वीकार किया था इसलिए आज लोकतांत्रिक मूल्य की पुनः स्थापना धर्म सत्ता के साथ स्थापित रही है आज का समय भारतीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था के स्वर्ण काल है आज बहुसंख्यक समाज की आवाज पूरी दुनिया सुन रही है । जिसकी आवाज कांग्रेस ने वर्षों तक दबाए रखा था आज के समय लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित है । 

दीपक कुमार द्विवेदी

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