कांग्रेस ने एलजीबीटीक्यू के मुद्दे को अपने चुनावी घोषणापत्र में क्यों शामिल किया आइए जानें विस्तार से

कॉन्ग्रेस ने एलजीबीटीक्यू के मुद्दे को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया है!
आपको क्या लगता है, इसको शामिल करने से उन्हें कितने वोट्स मिल जायेंगे? क्या इसका कोई चुनावी फायदा है? 

बिल्कुल नहीं! 

फिर कॉन्ग्रेस यह काम कर क्यों रही है?

क्योंकि कॉन्ग्रेस हर काम चुनावी फायदे के लिए नहीं करती. जिस भी काम में देश का नुकसान है, उसी को वह फायदा गिन लेती है.

यह विषय सामान्य भारतीय के लिए बहुत महत्व का विषय नहीं है. लेकिन कॉन्ग्रेस के विदेशी हैंडलर्स के लिए बहुत ही अधिक महत्व का विषय है. जॉर्ज सोरोस के सौ मिलियन इस विषय से जुड़े हैं. समलैंगिकता का प्रचार, प्राइड परेड, ट्रांस मूवमेंट्स...यह सब आने वाले समय में भारत में वामपंथ के सबसे बड़े बैटल ग्राउंड्स होंगे. और आप इसके विरुद्ध कुछ भी नहीं बोल पाओगे, क्योंकि इसे लीगल प्रोटेक्शन प्राप्त होगा. 

यह बात दूर की लगती है, लेकिन दूर की है नहीं. अगर आपका बच्चा स्कूल या यूनिवर्सिटी जा रहा है तो उससे पूछ लें कि उसके आस पास कितने गे और ट्रांस बच्चे हैं और वह इसके बारे क्या सोचता है...आपको स्थिति की भयावहता का कुछ कुछ अंदाजा हो जाएगा.

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