आम लोगों को बड़े फाइव स्टार होटल कैसे चूना लगाते जानने के लिए पढ़ें हमारी ग्राउंड रिपोर्ट

आम लोगों से बात करने पर पता चलता है कि जिन लोगों में थोड़ी सी भी समझ है उनको अब पता चल चुका है कि पैकेट वाली हर चीज में केमिकल मिलाया जाता है इसलिए समझदार लोग इससे बचने का प्रयास करने लगे हैं । इसमें एक बहुत बड़ा योगदान social media का भी है । कंपनियों की advertisement अब लोगों को प्रभावित नहीं कर पा रही । केवल छोटे नासमझ बच्चे और बेवकूफ लोग ही पैकेट वाली चीजें खरीद रहें हैं । बड़े शहरों के लोग अब coca cola pepsi को छोड़ चूके हैं केवल गांवों वाले भोले लोग ही इसमें फंस रहे हैं । फाइव स्टार होटलों में भी अब खाने की कोई गुणवत्ता नहीं रही क्योंकि यह अधिकतर पैकेट वाली चीजें जैसे amul मक्खन , पैकेट वाला आटा, रिफाइंड इस्तेमाल करते हैं । मैं पिछले 2 दिन से meerut के एक three Star होटल में रुका हुआ हूं बैंक्स का ऑडिट करने के उद्देश्य से । यहां का खाना एकदम taste less है । खाने के साथ जो सलाद दिया जाता है उसमें tops company का केमिकल based सिरका डाला जा रहा है जिसका स्वाद बहुत घटिया है । घटिया बाजार वाला अचार भी दिया जा रहा है ।जैसे तैसे करके एक दो रोटी मुश्किल से निगल रहा हूं । जो व्यक्ति घर का सिरका , घर का अचार , ताजा मक्खन , घर की हल्दी ,नमक ,मिर्च , मसाला,सरसों का तेल , देशी खांड खाने का आदि हो उसके लिए यह फाइव स्टार होटल किसी नर्क से कम नहीं । कमरों में कोई ताजा हवा नहीं , चौबीस घंटे ac कमरे की गंदी हवा मारता रहता है । एक बार ऑडिट खत्म हो दिल्ली के नर्क से निकल कर अपने छोटे से कस्बे जिसमें बड़े शहर और गांव दोनों की सुविधा उपलब्ध है वहां जाएं ।

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