LokSabhaElection2024 : इस बार का लोकसभा चुनाव इतना उदासीन क्यों दिख रहा है ? क्या सच में चुनाव उदासीन है।

भारत में चुनाव कभी उत्सव की तरह हुआ करते थे राजनीतिक दल और उनके कार्यकर्ता लोगों के बीच जाते थे चुनाव प्रचार करते थे लेकिन इस बार के चुनाव में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है सभी पार्टियों के कार्यकर्ता और नेता चुनाव प्रचार करने नहीं जा रहे पोस्टर होर्डिंग भी लगी हुई नहीं दिख रही है प्रचार वाहन भी गांवों नहीं जा रहे हैं ऐसा क्या हो गया चाहे सत्तापक्ष के कार्यकर्ता हो विपक्ष के कार्यकर्ता जमीन में दिख नहीं रहे हैं सत्तापक्ष कार्यकर्ता जन संपर्क करते दिख भी रहे लेकिन विपक्ष पार्टियों के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार करते हुए न जनसंपर्क करते हुए नहीं दिख रहे हैं किसी लोकसभा सीट में विपक्ष का मजबूत प्रत्याशी खड़ा वह चुनाव लड़ता हुआ दिख रहे हैं विपक्षी पार्टियों बड़े नेता तो जमीन में दिख नहीं रहे हैं वही दूसरी तरफ सत्तधारी पार्टी बड़े नेता तो चुनाव प्रचार कर रहे यहां स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रतिदिन तीन से चार रैली कर रहे हैं उसके विपरीत विपक्ष के नेता सोशल मीडिया पर एक ट्वीट एक पोस्ट करके घर बैठ जा रहा है विपक्ष पूरा कैंपेन सोशल मीडिया पर केंद्रित है यहां तक जातिगत आक्रोश सोशल मीडिया पर दिख रहा है जमीन में नहीं दिख रहा है क्या ऐसा माना जाए विपक्षियों पार्टियों ने चुनाव के पूर्व हार मान ली है इसलिए विपक्ष का न कैडर ज़मीन में दिख रहा है न विपक्षियों के नेता जमीन पर दिख रहे हैं क्या कारण हो सकता है ? क्योंकि जमीन पर कोई प्रचार करने नहीं जा रहा है चुनावी चर्चा भी नहीं हो रही है सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता भी जमीन पर दिख नहीं रहे जिस तरह दिखाई देते हैं। एक बात इस चुनाव दिलचस्प हो रही कि मतदाता क्लियर उसे कहा वोट करना है क्यो वोट करना है लेकिन राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता मतदाता तक नहीं पहुंच रहे इसके कारण चुनाव पूरी तरह उदासीन जमीन दिख रही है लेकिन उसके उलट सोशल मीडिया में चुनाव दिखाई दे रहा है चाहे सत्तापक्ष हो या विपक्ष दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता और समर्थक अपने पार्टी का पक्ष बहुत मजबूती से रख रहे हैं 

इस बार की पूरी चुनावी लड़ाई सोशल मीडिया पर दिख रही है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर विपक्षी पार्टियां ज्यादा मजबूत दिख रही है वही व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम पर सत्ताधारी पार्टियों के कार्यकर्ता और समर्थक ज्यादा मजबूत दिख रहें हैं पर यूट्यूब में सत्तधारी पार्टी के समर्थक और हैंडल विपक्ष के सामने कमजोर ही दिख रहे हैं लेकिन भाजपा का कैडर और समर्थक वर्ग देश हर घर तक पहुंच गया इसके कारण व्हाट्सएप ज्यादा मजबूत होने कारण विपक्षी पार्टियों के प्रोपराइटर का जबाब त्वरित ही दे देता है इसके कारण सोशल मीडिया में भाजपा भी आज विपक्ष के मुख ठीक स्थिति में लेकिन 2014 और 2019 जैसी स्थिति में सोशल मीडिया में भाजपा आज नहीं है । लेकिन विपक्षी पार्टियों के पेड लोग जो पैसे के लिए काम करते हैं उनके साथ डिजिटल जिहादियो का साथ जो उनके प्रोपेगंडा को नेक्स्ट लेवल तक ले जाने का प्रयास करते हैं लेकिन भाजपा आईटी सेल तो इस बार उन सक्रिय नहीं दिख रहा है लेकिन भाजपा के समर्थक विपक्षी आईटी सेल और डिजिटल जिहादियो के द्वारा क्रिएट किए प्रोपेगंडा त को तुरंत ही ध्वस्त कर देते हैं सत्ताधारी पार्टी की सबसे बड़ी शक्ति उनके समर्थक जो निस्वार्थ भाव से राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि मानते हुए भाजपा का समर्थन करते हैं जिसके कारण विपक्ष सफल नहीं हो पा रहा है। लेकिन चुनाव जमीन पर उदासीन जरूर दिख रहा लेकिन चुनाव उदासीन नहीं है मतदाता स्पष्ट है उसे क्या करना है

 सोशल मीडिया के आने कारण राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता जमीन में जनसंपर्क नहीं कर रहे हैं लेकिन सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता बहुत हद तक जनसंपर्क कर भी रहे हैं फिर भी पहले जैसा माहौल नहीं क्योंकि विपक्ष जमीन पर चुनाव लड़ ही नहीं रहा है इसके कारण चुनाव जमीन उदासीन लग रहा है उसका सबसे बड़ा कारण चुनाव के पूर्व विपक्षियों पार्टियों ने हार मान ली इसके कारण विपक्ष कैडर हताशा और निराश है इस बार मुस्लिम समुदाय निराश हताश है उसे लग रहा है बीजेपी सत्ता आ रही है इसलिए मुस्लिम समुदाय एग्रेसिव होकर सामने नहीं आ रहा है । 

विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता और नेता चुनाव पूर्व हार क्यों मान रहे हैं इसका सबसे बड़ा कारण 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हुआ इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने 17 करोड़ परिवारों तक राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए अक्षत वितरित किए बहुत बड़े स्तर पर संघन जन संपर्क किया इसका यह प्रभाव राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के दिन पूरे देश उत्सव और उल्लास का माहौल था हर गांव हर कस्बे हर शहर हर मोहल्ले में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य पर छोटे बड़े कार्यक्रम हुए पूरा देश राममय हो गया विपक्षी पार्टियों ने यह कभी सोचा नहीं था हिंदू समाज कभी जाति क्षेत्र भाषा से उपर उठकर राममय हो जाएगा इसलिए विपक्षियों ने राम मंदिर कार्यक्रम का आमंत्रण भी अस्वीकार कर दिया दिया था क्योंकि विपक्ष राम मंदिर के कार्यक्रम के ग्रेविटी का अनुमान लगा पाया था इसलिए जब विपक्ष ने राममय माहौल देखा तो चुनाव पूर्व हार मान ली उसके बाद सत्ताधारी पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भरे सदन में अबकी बार 400 पार की बात की और विपक्ष उपर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली अब विपक्ष यह बात नहीं कर रहा सत्ताधारी पार्टी बीजेपी 272 से नीचे रोका जाए विपक्ष यह बात कर बीजेपी 400 से नीचे नहीं आने देंगे 
इसलिए अब विपक्ष सत्ताधारी बीजेपी को 400 से नीचे रोकने में लग गया जिसके कारण सत्ताधारी बीजेपी चुनाव पूर्व आधी लड़ाई जीत गई स्विंग राज्यों सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा। इसी कारण विपक्ष कैडर पूरा हताश और निराश है लेकिन आम मतदाता स्पष्ट है उसे पता क्या करना इसलिए इस चुनाव को उदासीन नहीं कह सकते हैं । 

दीपक कुमार द्विवेदी

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