2024 के चुनाव का 2004 के चश्मे के आधार पर विश्लेषण करेंगे तो इस चुनाव का आकलन सही से नही नहीं कर पाएंगे।


2024 में क्या परिणाम आएंगे इसे समझने के लिए 25 साल पीछे जाना होगा तभी आज की भाजपा की स्थिति को समझ पाएंगे । 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 25% भाजपा 182 सीट जीती थी और कांग्रेस का वोट शेयर 27% था । 1999 की तुलना में भाजपा का वोट शेयर 2% गिरकर शेयर गिरकर 23% हो गया भाजपा 182 से 138 पर आ गई कांग्रेस का वोट शेयर 1999 में की तुलना में 1% बढ़ा 27% से 28% हो गया लेकिन कांग्रेस की सीट 114 से बढ़कर 145 पर पहुंच गई। यही स्थिति 2009 में रही 2009 में कांग्रेस का वोट शेयर 2% जरुर गिरा कांग्रेस का वोट शेयर गिरकर 28% से 26% हो गया। लेकिन कांग्रेस 206 सीट जीत कर दोबारा सत्ता में वापसी की है बीजेपी का वोट शेयर 1% गिरा भाजपा 138 से 116 पर आ गई । 

मोदी जी के आने के बाद 2014 में भाजपा का वोट शेयर 22% से बढ़कर 31% हो गया भाजपा की सीट 116 से 282 हो गई कांग्रेस का वोट शेयर 26% से गिरकर 19% पर आ गया कांग्रेस 206 से 44 पर पहुंच गई इसके बहुत सारे कारण थे कारणों पर बात नहीं करूंगा । बहुत विश्लेषक सोच रहे थे 2014 में लोग मोदी जी के द्वारा दिखाए सपने में आकर वोट दे दिए 2019 में दोबारा सत्ता में वापसी करना भाजपा के लिए बहुत मुश्किल है लेकिन भाजपा 2019 पहले से अधिक नंबर के साथ वापसी करेगी इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। भाजपा का वोट शेयर 31% से बढ़कर 37% हो गया जिस भाजपा का वोट शेयर 2009 में 22% था उसी भाजपा का वोट शेयर 2019 में बढ़कर 37 % हो गया मोदी के आने के बाद भाजपा का वोट शेयर 14% बढ़ गया मोदी जी ने ऐसा क्या किया जो पार्टी कभी ब्राह्मण बनियों शहरों की पार्टी कही जाती थी ? आज वही भाजपा गांव गरीब किसान महिला युवा की पार्टी कैसे बन गई? मोदी जी ने जी ने 22% की पार्टी को 37% की पार्टी कैसे बनाई इस पर कोई विश्लेषक विचार क्यों नहीं करते है? 

2024 में कुछ विश्लेषक कहते मिल जाएंगे इस बार कोर वोटर नहीं नहीं निकला रहा भाजपा का कोर वोटर भाजपा से नाराज़ इसलिए भाजपा की सीटें कम हो जाएंगी । चुनावी राजनीति में ऐसा कभी नहीं होता है भाजपा का कोर वोटर भाजपा के साथ उस स्थिति में खड़ा रहा जब भाजपा अपने सबसे बुरे दौर गुजर रही थीं तब भाजपा का कोर वोटर नहीं छिटका इस बार कैसे छिटका सकता है? जब राम मंदिर धारा 370 जैसे मुद्दों का समाधान मोदी जी के सरकार ने कर दिया सांस्कृतिक पुनः जागरण के लिए बड़े स्तर पर प्रयास हुए मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति पर प्रहार हुआ है इसके अलावा भारत को विश्व महाशक्ति बनाने के लिए मोदी सरकार ने बहुत सारे प्रयास किए हैं वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो रहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानववाद के सिद्धांत को जमीन तक पहुंचाया समाज के के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकार पहुंच गई है । जब सरकार अपने एजेंडे पर चल रही है फिर भाजपा का कोर वोटर कैसे नाराज हो सकता है ? लेकिन मान भी लेते 2% से 3% कोर वोटर भाजपा से नाराज़ होकर वोट डालने नहीं गया लेकिन मोदी जी ने अपने प्रयासों 14% का वोट शेयर जोड़ा उसमें 5 साल में और वृद्धि हुई यह दावे के साथ कहा जा सकता है क्योंकि आज के समय 80 करोड़ों लोगों मुफ्त राशन मिल रहा 50 करोड़ों लोगों आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा है । इसके आलावा 3 करोड़ इस पांच साल आवास बने हैं । हर घर नल योजना के तहत गांवों में पाइप से पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन योजना के तहत पानी पहुंचाने के लिए काम हो रहा है । इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अभूतपूर्व काम हुए इसके अलावा स्व सहायता समूह से 2 करोड़ महिलाओं को लाभ मिल रहा है इसके आलावा मुद्रा योजना स्टार्टअप योजना जैसी योजनाओं से युवाओं स्वरोजगार अवसर मिले रहे हैं 

अब सोच लिजिए मोदी जी ने इस 5 साल में 5 से 6% 14% मे एड किया क्योंकि अब भाजपा का विस्तार उन राज्यों में हो रहा जहां भाजपा बहुत कमजोर थी बंगाल तमिलनाडु उड़िसा तेलंगाना आंध्र प्रदेश पंजाब ओर इससे स्पष्ट हो रहा भाजपा का वोट शेयर बढ़ रहा इन राज्यों में सीट भी इस बार बढ़ेगी फिर जब भाजपा का वोट शेयर बढ़ रहा है तो फिर भाजपा को सीटों का नुकसान पिछली तुलना में कैसे हो रहा है ? 2014 की तुलना में वोटिंग प्रतिशत मे कोई विशेष अंतर नहीं दिख रहा। भाजपा का विस्तार नये राज्यों में हो रहा है । इस बात को माना जा सकता कि 2019 में कई राज्यों में भाजपा अपनी मैक्सिमम सीट जीती उन राज्यों में भाजपा को थोड़ा बहुत नुक्सान हो सकता यह स्वाभाविक लेकिन उसकी भरपाई तमिलनाडु बंगाल उड़ीसा तेलंगाना पंजाब आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों से हो रही है ।

 भाजपा के वोट शेयर 37% में कंजरवेटिव नंबर को जोड़ते हैं तो भाजपा का वोट शेयर 41% से नीचे नहीं होगा कांग्रेस 19% से 17% नीचे होना के संभावना ज्यादा है । एनडीए का वोट शेयर 42 से 45% के बीच रहेगा इसलिए आज की स्थिति में एनडीए मिला देते हैं तो भाजपा का वोट शेयर 45% के आसपास है कांग्रेस गठबंधन का वोट शेयर 23% उपर नहीं हो रहा दोनों गठबंधन के बीच 21% का है जब भाजपा एनडीए गठबंधन के बीच का अंतर 21% है तो भाजपा की सीटें कैसे कम हो सकती है ? वोटिंग पैटर्न को भी देखें तो भाजपा का वोट शेयर गिरते हुए नहीं दिख रहा है। फिर कोई विश्लेषण कैसे कह सकता भाजपा को बहुमत मिल रहा है ? भाजपा की सीटें कम हो रही है । जब जमीन में ऐसी स्थिति नहीं उल्टा भाजपा का वोट शेयर पिछली बार के तुलना 4 से 5% बढ़ ही रहा है। इसलिए कोई आधार नहीं भाजपा की सीटें कम हो रही है । भाजपा इस बार 2019 से की तुलना में ज्यादा सीट जीतकर सत्ता में वापसी कर रही है । सीट कितनी होगी यह कह पाना मुश्किल है 30 से 40 सीट बहुत क्लोज मार्जिन है उन्हें प्रिडिक्ट कर पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन भाजपा का मिनिमम 290 है इन 30 से 40 क्लोज मार्जिन की मैक्सिमम सीट भाजपा जीतती है तो भाजपा 330 +जा रही है लेकिन 50% भी सीट जीतती तो भाजपा 315 से नीचे नहीं हो रही हैं 30 से 40 क्लोज मार्जिन की सभी सीट हार जातीं हैं तो तब भी भाजपा 290 से नीचे नहीं हो रही है ।

दीपक कुमार द्विवेदी

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