जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता हिंदू समाज के हित में क्यों नहीं है?

हिंदू समाज की सबसे बड़ी समास्या यह कि अपनी लड़ाई दुसरे के भरोसे लड़ना चाहता है ,उसकी लड़ाई सरकार और हिंदू संगठन लड़े अपने स्तर पर किसी प्रकार कोई प्रयास नहीं करना चाहता है । उदाहरण के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून समान नागरिक संहिता हिंदू समाज के हित में किसी प्रकार से नहीं लेकिन संभावित युद्ध को कुछ वर्ष टालने के लिए अपने हाथों से अपनी कब्र खोदने के लिए बेताब हैं ।  जिस दिन जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो गया तो उस दिन हिंदुओं सबसे अधिक नुकसान होगा क्योंकि हिंदू तो कानूनो को मान लेगा लेकिन मुस्लिमो पर लागू करना असंभव लागू भी करवा दिए तो हिंदू दो एक बच्चा पैदा करने लगेगा हिंदू समाज के साथ एक और समास्या होगी हिंदू समाज के अंदर जाति क्षेत्र भाषा के आधार पर बड़े स्तर बड़े पैमाने पर विभाजन इसके कारण हिंदूओं ईसाई मिशनरिया और इस्लामिक जेहादी मतांतरण बड़े पैमाने करते आ रहे हैं जिसके कारण हिंदुओं आबादी लगातार घटती जा रही भविष्य विपक्ष की सरकार आ गई मुस्लिम ईसाईयों को  से आरक्षण दे दिया तो बड़े पैमाने पर मतांतरण करना ईसाई मिशनरियों और इस्लामिक जेहादियों के लिए आसान हो जाएगा हिंदुओं जनसंख्या बहुत तेजी घटने लगेंगी आज हिंदुओं जनसंख्या 78% अल्पसंख्यक के नाम मुस्लिम और ईसाईयों को आरक्षण मिल गया तो हिंदुओं जनसंख्या 50% से नीचे हो जाएगी हिंदू समाज के बड़े वर्ग को अपने स्वार्थ से मतलब है ईसाईयों मुस्लिम़ो आरक्षण मिल गया हिंदू होने से ज्यादा अल्पसंख्यक बनने फायदा होगा इसलिए बड़े पैमाने मतांतरण शुरू हो जाएगा जिसे रोकना असंभव हो जाएगा। 

 इसके साथ समान नागरिक संहिता लागू हो गया तो हिंदू समाज को इससे विशेष लाभ कुछ नहीं होने वाला है हिंदू समाज को इतना लाभ होगा हिंदू की एक आंख फुट गई तो मुस्लिमो की एक आंख फूट जाएगी अर्थात हिंदू परिवार व्यवस्था पहले ही कम्युनिस्ट पूंजीवादी सिस्टम के कारण हिंदू परिवार व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। समान नागरिक संहिता लागू होने से उसी प्रकार  मुस्लिम की परिवार व्यवस्था कुछ वर्षों में ध्वस्त हो सकती है। जिन्हें यह लगता समान नागरिक संहिता मुस्लिम स्वीकार करेंगे यह मुस्लिमो उम्मीद करना पूरी तरह मुर्खता सिवा कुछ नहीं है ,क्योंकि मुस्लिमो की परिवार व्यवस्था बहुत मजबूत है मुस्लिमो को  मार्गदर्शन देने लिए मुल्ला मौलाना सक्षम है , इसलिए मुस्लिमो की परिवार व्यवस्था को ध्वस्त करना बहुत मुश्किल है । इसलिए समान नागरिक संहिता से भी हिंदू समाज को कोई फायदा नहीं होने जा रहा है। 

इस स्थिति में हिंदू समाज को और सरकार को क्या करना चाहिए यह प्रश्न आता होगा?  इस प्रश्न का उतर बहुत आसान है कि हिंदू समाज को अपना एक मजबूत राजनीतिक समाजिक आर्थिक तंत्र स्थापित करना ही चाहिए तभी इस लड़ाई को जीत पाएंगे बिना हिंदू ईकोसिस्टम यह लड़ाई नहीं लड़ पाएंगे । समान नागरिक संहिता जनसंख्या नीति हिंदू समाज के लिए हितकारी तभी हो सकती संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और सेकुलर शब्द को हटाकर सनातन हिन्दू धर्म को राष्ट्रधर्म बनाया जाए या सेकुलर शब्द की जगह धर्म सापेक्ष शब्द का जोड़ा जाए, समाजवाद की जगह सनातनी आर्थिक मॉडल को अपनाया जाए भारतीय आर्थिक प्रतिमान के नाम से यह शब्द संविधान प्रस्तावना जोड़ा जाए जनसंख्या के विषय पर एक डेमोग्राफी कमीशन का गठन किया जाए यह   कमीशन जनसंख्या के विषय पर वृहद पहलुओं पर अध्ययन करे जिससे भारत हमेशा युवा देश रहे और भारत की जनसंख्या वृद्धि चीन जापान पश्चिमी देशों की तरह निगेटिव मे न हो जाए अर्थात प्रतिस्थापन स्तर प्रजनन स्तर (replacement rate population)  प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता प्रजनन क्षमता का वह स्तर है जिस पर एक आबादी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में खुद को प्रतिस्थापित करती है। विकसित देशों में, प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता को प्रति महिला औसतन 2.1 बच्चों की  आवश्यकता के रूप में लिया जा सकता है। जैसे प्रतिस्थापन स्तर 2.1 से नीचे पश्चिमी देशों की तरह आएगा तो वैसे ही भारत की स्थिति पश्चिमी देशों और चीन जापान की तरह हो जाएगी वर्किंग मैन पावर कम होने लगेगी और अर्थव्यवस्था में मंदी शुरू हो जाएगी कुछ वर्षों में कंपनिया भारत शिफ्ट होने लगेगी और नया स्थान तलाशने लगेगी इस स्थिति में भारत की स्थिति चीन जैसी हो जाएगी इसलिए  जनसंख्या नीति ऐसी होनी  प्रतिस्थापन प्रजनन स्तर 2.1 के नीचे न आए जिससे  युवाओं की संख्या स्थिर रहे युवा और वृद्धो की आबादी के बीच संतुलन बना रहे और भारत हमेशा जवान देश रहे जिससे भारत हजारो वर्षो तक विश्व नेतृत्व करता रहे  । 

आज हिंदू समाज का फोकस यह होना चाहिए इस 78% हिंदू आबादी को 90% कैसे किया जाए इस पर हिन्दू समाज को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है  नहीं तो हिंदू युद्ध टालने की चक्कर में ऐसी  खाई में गिर जाएगा जिससे हिंदू समाज को निकलना असंभव हो जाएगा ।  उसी प्रकार समान नागरिक संहिता लागू हो गई तो हिंदू समाज को जबरदस्ती सेकुलर संविधान स्वीकार करना पड़ेगा जो धर्म विरोधी परिवार विरोधी और सनातनी आर्थिक समाजिक व्यवस्था विरोधी है । क्योंकि जैसे समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी हिंदू फिर राष्ट्र धर्म सनातन धर्म को राष्ट्र धर्म बनाने की मांग हिंदू नहीं कर पाएगा ।  हमारा  पक्ष भी  कमजोर हो जाएगा क्योंकि मुस्लिम ईसाई कहेंगे कि अब भारत में सबके लिए एक समान कानून हैं हमने कानुनों स्वीकार कर लिया अब सनातन हिन्दू राष्ट्र की मांग क्या औचित्य है? अब हिंदू समाज को सनातन हिन्दू राष्ट्र बनाने मांग छोड़ देनी चाहिए इस स्थिति में हिंदू समाज के पास सेकुलर संविधान स्वीकार करने आलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा । इस स्थिति में हिंदुओं का ज्यादा नुक्सान हो जाएगा। 

 इसलिए हिंदू समाज को अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी  पड़ेगी सरकार सिस्टम आपकी मदद तभी कर पाएंगे जब हिंदुओ के पास संख्या होगी और हिंदू समाज आर्थिक समाजिक राजनैतिक रूप से मजबूत होंगे  क्योंकि लोकतंत्र में वोट महत्वपूर्ण होता है।  जिसकी जितनी संख्या होगी उसकी बात राजनीतिक दल ज्यादा मानते हैं हिंदुओं की जनसंख्या कम हो जाएगी तब हिंदुओं बात कौन मानने को तैयार होगा जब आपकी आबादी 78% है तब आपकी बात कोई नहीं मान रहा जब कल हिंदुओं की आबादी 50% नीचे हो जाएगी तब हिंदुओं की बात कौन मानने वाला है । हिंदू समाज को अपनी जनसंख्या बढ़ाने के उपायों पर फोकस करना चाहिए तभी लोकतांत्रिक व्यवस्था सरवाइव कर पाएंगे नहीं तो जैसे दुध से मक्खी को निकालकर फेंक देते हैं वैसे ही राजसत्ता भी आपको निकालकर फेंक देगी , समान नागरिक संहिता जनसंख्या नियंत्रण कानून के कारण  कुछ साल के लिए युद्ध तो टाल सकते लेकिन लंबे समय तक युद्ध टालना संभव नहीं पाएगा ।
 

समान नागरिक संहिता हिंदू समाज हित में तभी होगी जब संविधान की प्रस्तावना सेकुलरिज्म समाजवाद शब्द हट जाएंगे । इस देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता नहीं है इस देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं चाहिए जनसंख्या नीति चाहिए जिससे भविष्य में प्रतिस्थापन प्रचजन स्तर 2.1 से नीचे कभी न आए भारत की जनसंख्या स्थिर रहे नहीं तो भारत का हश्र पश्चिम देशों और चीन की तरह हो सकता है। हिंदू धर्म में जनसंख्या वृद्धि कोई समास्या नहीं है क्योंकि हिन्दू धर्म की मूल इकाई परिवार है परिवार व्यवस्था मजबूत रहेगा तो धर्म संस्कृति और राष्ट्र सुरक्षित रहेगा परिवार व्यवस्था ध्वस्त हो गई तो हिंदूओं की स्थिति दयनीय हो जाएगी। हिंदू कुछ करने की स्थिति में नहीं रहेगा। इसलिए धर्म संस्कृति भारत एकता अखंडता अक्षुण्ण रखना हैं तो हिंदू परिवार समाज व्यवस्था को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। 


दीपक कुमार द्विवेदी

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