राहुल गांधी कार्ल मार्क्स की वर्ग संघर्ष थ्योरी को अपनाकर देश को जातिगत हिंसा में आग में क्यो झोंकना चाहते हैं?


कम्युनिस्टो की राजनीति वर्ग संघर्ष आधार पर चलतीं है। कम्युनिस्ट एक वर्ग के खिलाफ दूसरे वर्ग भड़काते है अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते हैं इसी आईडिया का शिकार बंगाल केरल बना जिसके बाद दोनों राज्य भिखारी हो गए। भारत में यह खेल जातियों के नाम पर खेला जा रहा है इस बार एससी एसटी ओबीसी समुदाय को यह अफीम चटाई जा रही है 15% लोगों तुम्हारा हक खा रहे हैं हम सत्ता में आएंगे उनसे छीनकर तुम्हें बांट देंगे इसके बाद जब सत्ता में आ जाएंगे तो उन्हें ऐसा करना संभव नहीं है समाज को एक दूसरे विरूद्ध लड़ाएंगे जातियों के नाम पर दंगे करवाएंगे किसी को यह लगता इससे उन्हें  राजनीतिक नुकसान नहीं होगा लेकिन ऐसा नहीं होने वाला कम्युनिस्टो की अफ़ीम कोई समाज एक बार चाट लेता उससे वह कभी वापस नहीं आ सकता है क्योंकि समाज को इतना मजबूर बना देते उन्हें चुनने के आलावा समाज के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं रह जाता है। 

 समाज में जातिगत घृणा वैमनस्यता फैलाने से देश में जातियों के नाम पर दंगे होंगे निजी निवेश पूरी तरह समाप्त हो जाएगा निजी कंपनियां भारत छोड़ देंगी क्योंकि कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी कुछ सालों में देश आर्थिक रूप कंगाल होता जाएगा इस इस स्थिति में लोगों के पास उनकी सरकार चुनने के आलावा कोई और रास्ता नहीं होगा कम्युनिस्ट कुत्ते की भांति कुछ रोटी फेंकते रहेंगे मजबूर लोग लेते रहेंगे उनके साथ 25% लक्ष्य आधरित आबादी रहेगी 20% मजबूर लोग रहेंगे इतने में फर्स्ट पोल सिस्टम में  में सत्ता मिल जाती है । 

राहुल गांधी और कांग्रेस कार्ल मार्क्स की वर्ग संघर्ष की थ्योरी को फॉलो कर रहे हैं एससी एसटी ओबीसी समुदाय के यह बताने का प्रयास किया जा रहा कि 85% का 15% सवर्ण खा रहे हैं इस बात को हर मंच बार बोली जा रही है जिससे इस बात को कल सिद्ध कर दिया जाएगा 85% का 15% खा रहे हैं इसके बाद यह बताना जाएगा हम सत्ता में आएंगे इस अन्याय को खत्म करके 15% से संपत्ति छीनकर 85% बांट देंगे समाज का एक वर्ग बड़े व्यक्ति घृणा करता है क्योंकि उसमें इतनी क्षमता नहीं होती मेहनत करके कुछ कर सके क्योंकि वर्ग दूसरों टुकड़ों में पलता है क्योंकि उसमें काबिलियत तो होती नहीं  होती नहीं है उस वर्ग का साथ राहुल गांधी कांग्रेस को मिल जाएगा 20% लक्ष्य आधरित क़ौम 15 से 20% स्वार्थी और कुंठित लोग रहते हैं 20%+15% 35% हो जाते फर्स्ट पोल सिस्टम में इतने में सरकार बन जाती है जब सरकार बन जाएगी उसके बाद जो वादे किए उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे 5 से 10 साल अच्छा चलेगा उसके बाद जब देश के हालत वेनेजुएला जैसे हो जाएंगे सरकार कुछ नहीं दे पाएगी उन्ही 15% लोगों को कहा जाएगा तुम्हारा अधिकार तुम 15% के घर घुस जाओ उन्हें लूटो इसके बाद देश में जातिगत हिंसा का नंगा नाच चलेगा इसका फायदा 20% लक्ष्य आधरित आबादी उठाएगी अपनी संख्या बढ़ाती जाएगी हिंदू समाज आपस में लड़ता कटता रहेगा कुछ वर्षों में 20% आबादी 50% हो जाएगी उसके बाद वह 20% आबादी सत्ता में अपने हाथ लेकर आपस में लड़ रहे हिंदुओं का सफाया कर देगी है। क्योंकि जो काम 200 वर्ष होना था वह काम 30 वर्ष कांग्रेस उन्हें करके दे देगी क्योंकि वामपंथियों के अफीम को चाटने के बाद समाज को बचने का कोई रास्ता नहीं रह जाता है यह देश के टुकड़े होते या देश को दूसरी विचारधारा जैसे इस्लाम अपने कब्जे लेकर वामपंथियों का सफाया कर देते हैं जब तक सत्ता में नहीं रहते तब तक वामपंथी और इस्लामी एक साथ रहते हैं जैसे सत्ता में आ जाते एक साथ नहीं रह सकते हैं भारत में अप्रत्क्ष रूप से कांग्रेस मध्यम से कम्युनिस्टो का शासन रहेगा लेकिन इस्लाम वैशाखी पर रहेगा इस सत्ता का लाभ इस्लामिक जेहादी अपने फायदे के लिए उठाएंगे अपनी संख्या बढ़ाएंगे यह खेल जब जारी रहने देंगे जब उनकी संख्या 50% हो जाएगी 50% होने के बाद अपनी सरकार बनाने की स्थिति में होंगे उसके बाद लोकतांत्रिक तरीके सिस्टम पर कब्जा कर लेंगे भारत इस्लामिक राष्ट्र घोषित कर देंगे कांग्रेसियों कम्युनिस्टो का भारत सफाया कर देंगे । 

आज के स्थिति वामी कांगी इस्लामी गैंग बनाएं गए नारेटिव का काउंटर नहीं किया गया तो हिंदू समाज को बहुत बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ेगी जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी।

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