अमेरिकी रिसर्च में बड़ा खुलासा, शाम 6 बजे के बाद नहीं करना चाहिए भोजन

अमेरिका के एक शोध संस्थान के डाॅक्टर इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि शाम को 6 बजे के बाद लोगों को भोजन नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कई प्रयोग किए और पाया कि शाम को 6 बजे के बाद पाचनतंत्र निष्क्रिय होना शुरु हो जाता है, 
पेट में पाचक रस कम पैदा होता है, 
आंतें सिकुड़ने लगती हैं और हार्मोन इंसुलिन का असर भी कम हो जाता है।

जब हम भोजन करते हैं तो आंतों की दस में से कम से कम एक कोशिका तो क्षतिग्रस्त होती ही है। 
यदि हम रात को देर से भोजन और सुबह नाश्ता जल्दी करें तो उन कोशिकाओं को मरम्मत का समय ही नहीं मिल पाता। इसका नतीजा यह होता है कि लोग हृदयरोग और मधुमेह के शिकार हो जाते हैं। 
पता नहीं, अमेरिकी शोधकर्ताओं के इस सबक को कितने लोग स्वीकार करेंगे ?

क्योंकि आजकल सारी दुनियाँ में एक ही ढर्रा चल पड़ा है – 
सुबह 8-9 बजे Breakfast, 
1 बजे Lunch 
और 
8 या 10 बजे Dinner। अंग्रेजों की नकल पर अब लोगों ने अपने खाने के समयों को बदल लिया है। आप किसी को डिनर पर बुलाएं और उसे शाम 5-6 बजे का समय दें तो वह आप पर हँसेगा लेकिन मैं आपको बताऊँ कि अब से साठ-सत्तर साल पहले तक भारत में नाश्ते का समय 6 से 8 बजे तक, मध्यान्ह भोज का 10 से 12 बजे तक और रात्रि भोज का समय शाम 5 से 6 के बीच ही हुआ करता था। 

कई जैन परिवारों में तो अभी तक यही अनुशासन चलता है। 
मैं 20 साल की उम्र तक इंदौर में रहा। वहाँ शादियों के 5-5 हजार लोगों के प्रीति-भोज शाम 5 बजे से शुरु होकर 7 बजे तक समाप्त हो जाते थे।  

हमारे देश के करोड़ों लोग नित्य प्रति भोजन और व्यायाम के अनुशासन में रहें तो दवा का खर्च घटे, लोग उत्पादन ज्यादा करें और दिन-रात प्रसन्न रहें।
 
शास्त्रों ने ठीक ही कहा है- ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’ याने ‘शरीर ही धर्म का पहला साधन है।।


टिप्पणियाँ