क्या राजतंत्र इतना ही भ्रष्ट था जितना लोकतंत्र है?

क्या राजतंत्र इतना ही भ्रष्ट था जितना लोकतंत्र है? 

राजा और प्रजा का संबंध पिता और पुत्र का होता है। भारतीय संदर्भ में शासक को राजा और शासित को प्रजा कहते हैं। प्रजा का अर्थ होता है पुत्र। 

इसीलिए लोकप्रिय राजा को प्रजावत्सल कहा गया है। यह कोई उपाधि नहीं है भारत रत्न जैसा, यह एक गुणात्मक भाव है, राजा के संदर्भ में l

लोकतंत्र में तो प्रजा जैसा कोई शब्द नहीं है। वहां एक शब्द है : सब्जेक्ट। 

यह सब्जेक्ट का क्या अर्थ है, मुझे आज तक समझ में नहीं आया। 

लेकिन एक चीज समझ में आ गई है कि यदि किसी भी तरीके से सब्जेक्ट्स का इमोशनल एक्सप्लॉयटेशन करने के उपरांत यदि आप राज तंत्र के हिस्से बन जाते हैं, तो आप लखपति, करोड़ पति, और अरब पति होने का मार्ग खोज लेते हैं। 

और सरकार आपका कुछ उखाड़ नहीं पाती, सिवा कुछ मूर्ख राजनेताओं के, जो कानून के जबड़े में अपना हांथ फंसा बैठते हैं। 
ॐ शांति।

त्रिभुवन सिंह

टिप्पणियाँ