मोदी सरकार क्यों गिराना चाहता है गहरा राज्य जाने विस्तार से

मोदी सरकार कुछ महिनों की महमान है । अमेरिकी राजदूत विपक्षी नेताओं मुलाकात कर रहें हैं कि कैसे नई सरकार बनाई जाए । बीजेपी के २४० सांसदों में से कई त्यागपत्र देकर खिचड़ी सरकार जो पूर्णतय अमेरिकन deep State के अनुसार काम करेगी उसका मार्ग प्रशस्त होगा । बंगलादेश जैसा तख्तापलट भारत में संभव नही क्योंकि देश बहुत बड़ा और diverse है। प्रतीक्षा कीजिए कि कब donald लू भारत में आए और नई सरकार बनाकर चला जाए । 

अमेरिका को क्या जरूरत पड़ गई भारत में तख्ता पलट की 
जैसे ही मोदी ने पुतिन से मुलाकात की अमेरिकन deep State यानि कॉर्पोरेट माफिया के दिमाग में खतरे की बज गई ।। क्योंकि रूस, चीन, भारत मिलकर brikcs करेंसी और swift जैसा payment gateway लाना चाहते हैं । जिससे विश्व में deep state की assets, profits और operation areas risk पर आ जायेंगे जो केवल dollar के विश्व व्यापार की एकमात्र मुद्रा बने रहने से ही सुरक्षित रहेंगे । उदाहरण के लिए मान लो amazon चीन में ५० बिलियन dollor invest करती है तो इसकी investment जिस चीज पर secure है वह है डालर की एकमात्र विश्व व्यापार की मुद्रा होना । मान लो चीन की सरकार amazon की इस ५० बिलियन डॉलर को जब्त कर लेती है तो अमेरिकन सरकार चीन का ३००० बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार जब्त कर लेगी जोकि डॉलर के एकमात्र विश्व मुद्रा के कारण संभव है । अगर कोई दूसरी मुद्रा में यह विश्व व्यापार होने लगे तो अमेरिकन deep state की asset secure नहीं रहेंगी । बाकि trade route secure करने पर भी अमेरिका को अरबों खरबों डॉलर अपनी nevy पर खर्च करना पड़ता है जो डॉलर छाप छाप कर पूरा किया जाता है । 

जिस प्रकार अमेरिका ने इमरान खान की पुतिन मुलाकात के बाद पाकिस्तान आर्मी ,सुप्रीम कोर्ट की मदद से तख्ता पलट करवाया था उसी प्रकार भारत में भी यही होगा । शेख हसीना भी अमेरिका के रास्ते में रकावट बन रही थी ।

इसीलिए भारत के लिए दो सबसे बड़े खतरे हैं एक भारत का ८५ प्रतिशत डॉलर में विदेशी मुद्रा भंडार जो अमेरिका के बैंक में एक एंट्री मात्र है जो एक पल में जब्त हो सकता है दूसरा है डेमोक्रेसी जिसमें किसी भी देश की सत्ता को अमेरिका चुटकियों में हथिया सकता है ।

क्या भारत में अमेरिका ने पहले भी तख्ता पलट करवाया है ?

तो इसका उत्तर हैं हां, इंदिरा गांधी और बाजपाई सरकार को परमाणु बंब के बाद अमेरिका ने हटवा दिया था । 

इंदिरा गांधी को हाई कोर्ट की मदद से और अटल बिहारी को एमपी खरीद कर अमेरिका ने हटा दिया था । लेकिन इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा कर अमेरिका की इस साजिश को विफल कर दिया था । लेकिन प्रश्न यह उठता है कि क्या मोदी इंदिरा की तरह आपातकाल लगा पाएंगे ?

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