ढाबो/होटलों पर तंदूरी परांठो के साथ सफेद मक्खन में पेट्रोलियम वैक्स भर भर कर परोसा जाता है। ऐसा नकली सफेद मक्खन 120 Rs किलो मिल जाता है।

1.ढाबो/होटलों पर तंदूरी परांठो के साथ सफेद मक्खन में पेट्रोलियम वैक्स भर भर कर परोसा जाता है। ऐसा नकली सफेद मक्खन 120 Rs किलो मिल जाता है। 

2. सुंदर चॉकोलेट की कोटिंग पेट्रोलियम इंडस्ट्री से निकले पैराफिन वैक्स से की जाती है ताकि वो देर तक पिंघले नही व चिकनी चमकदार दिखे।

3.एक जैसा टेस्ट बनाये रखने के लिए वनीला आइस क्रीम फ्लेवर, बादाम फ्लेवर, लेमन फ्लेवर पेट्रोलियम पदार्थों से बनाये जा रहे है। 

4.सेब, किन्नू आदि को ताजा रखने के लिए पेट्रोलियम रिफाइनरी से निकले ओलेस्त्रा/वैक्स यूज़ होता है। 

5.फ्रोजन चिकन, पिज़्ज़ा, बिस्कुट, कॉर्न चिप्स, पॉपकॉर्न में बेहद सस्ता पड़ने के कारण चिकना पेट्रोलियम पदार्थ TBHQ मिलाया जाता है। 

6.2013 में भारत मे कुकिंग आयल व घी में मिनरल आयल ( पेट्रोलियम चिकनाई) पकड़ी गई थी। मिनरल आयल मिलाने से आपका वनस्पति तेल से बना घी कई साल भी खराब नही होगा। 

7.आटा, अंडे, दूध, चीनी से बने पदार्थ तेजी से खराब होते है। अब अगर कोई इनसे बनी मिठाई, बन, ब्रेड, कूकीज, केक आदि को हफ़्तों फ्रेश रखना चाहते हो तो उसमें रिफाइनरी से निकला मिनरल आयल मिला दो। ऐसी चीजे शोरूम के शीशे के पीछे एक दम झक्कास फ्रेश व चमकदार दिखेगी।
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8.खाना घर का बना, मसाले घर लाकर पिसे गये, खाने का समान उत्पादक से खरीदा गया तो कुछ बच जाओगे। खाना, एजुकेशन, इलाज कभी भी व्यापारिक उत्पाद नही होने चाहिए ना ये प्राइवेट हाथों में होने चाहिये।

अगर शुद्ध ही खाना हैं तो डायरेक्ट किसान की रसोई से डेयरी प्रोडक्ट मगाना पड़ेगा या गाय माता को सोशल मीडिया से निकालकर घर पर ही गाय को पालना शुरू करना पड़ेगा

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